पेप्टिक अल्सर एक तरह का पेट का रोग है जिसमें पेट के अंदरी भाग में (जैसे कि पेट का ऊपरी हिस्सा, अल्सर) या आंतों में (अन्य विशेष रूप से ड्यूडेनम, अल्सर) अल्सर होते हैं। यह रोग विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिसमें सबसे मुख्य हैं हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन और एसिडिटी की अधिकता है इसलिए इसे पेट का अल्सर (Pet ka Ulcer) भी कहते है।पेप्टिक अल्सर के लक्षण दिखने पर आप नोएडा के बेस्ट गेस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट(Best Gastroenterologist in Noida) के पास जा सकते है और मिलकर उसका सही समय में सही इलाज कर सकते है| साथ ही इस ब्लॉग में हम पेप्टिक अल्सर के कारण, प्रकार, लक्षण, निवारण और बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

 

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पेप्टिक अल्सर क्या है? (What is Peptic Ulcer?) :

पेप्टिक अल्सर एक प्रकार का रोग है जो आपके पाचन तंत्र की परत में अल्सर (खुले घाव) के उत्पन्न होने से होता है। यह आमतौर पर पेट के ऊपरी हिस्से (गैस्ट्रिक अल्सर) या ड्यूडेनम (आंत के पहले हिस्से) में पाया जाता है। इस प्रकार, पेप्टिक अल्सर एक पेट और आंतों की बीमारी है जो कि कुछ मुख्य कारणों (जैसे कि हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन और एसिडिटी) से हो सकती है। इसके लक्षणों में पेट में दर्द, जलन, उबकाई, और भारीपन शामिल हो सकते हैं। इसके उपचार में दवाइयाँ, आहार और जीवनशैली के बदलाव, और नियमित चिकित्सा निरीक्षण शामिल होते हैं। यदि आपको ऐसे लक्षण महसूस हों, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

 

पेप्टिक अल्सर के प्रकार (Types of Peptic Ulcer with Symptoms) :

  1. गैस्ट्रिक अल्सर (Gastric Ulcer):
    ये अल्सर पेट के ऊपरी हिस्से में होते हैं, अक्सर पेट के अधिक संकरीत क्षेत्र में। इनका मुख्य कारण होता है हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया का संक्रमण या अधिक एसिडिटी। इन अल्सरों का मुख्य लक्षण पेट में दर्द, जलन, उबकाई, और भोजन के बाद या रात में दर्द होना होता है।

    गैस्ट्रिक अल्सर के बारे में और जानें

     

  2. ड्यूडेनल अल्सर (Duodenal Ulcer):
    ये अल्सर ड्यूडेनम आंत के पहले हिस्से में होते हैं। सबसे आम कारण होता है हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया का संक्रमण। इन अल्सरों के मुख्य लक्षण पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, भारीपन, उबकाई, और भोजन के बाद राहत मिलना होता है।

 

पेप्टिक  अल्सर के लक्षण (Stomach Ulcer Symptoms):

मरीज को अल्सर के निम्न लक्षण महसूस हो सकते हैंः-

  • पेट में दर्द होना इसका प्रमुख लक्षण है। खाली पेट रहने पर यह दर्द और भी तेज हो जाता है।
  • पेट में जलन होना।
  • अधिक गम्भीर स्थितियों में खून की उल्टी होना।
  • मल का रंग गहरा होना।
  • जी मिचलाना और खाने की बिल्कुल इच्छा न करना।
  • शरीर के वजन में गिरावट

 

पेप्टिक अल्सर के कारण (Causes of Peptic Ulcer):

  • हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) संक्रमण: 
    यह बैक्टीरिया पेट और छोटी आंत की दीवार पर अल्सर उत्पन्न कर सकता है। यह संक्रमण आमतौर पर दूषित पानी या भोजन के माध्यम से फैलता है।

     

  • नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs): 
    जैसे कि एस्पिरिन, इबुप्रोफेन, और नैप्रोक्सेन का लंबे समय तक उपयोग करने से पेट की दीवार को नुकसान हो सकता है और अल्सर बनने का जोखिम बढ़ सकता है।

     

  • धूम्रपान: 
    धूम्रपान करने से पेट की दीवार को क्षति हो सकती है और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है।

     

  • अधिक शराब का सेवन: 
    अत्यधिक शराब पीने से पेट की दीवार को नुकसान हो सकता है और अल्सर बनने की संभावना बढ़ जाती है।

     

  • तनाव और चिंता: 
    हालांकि तनाव और चिंता सीधे अल्सर का कारण नहीं होते हैं, लेकिन वे अल्सर के लक्षणों को बदतर बना सकते हैं और उपचार की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं।

     

  • अनुवांशिक प्रवृत्ति: 
    यदि परिवार में किसी को पेप्टिक अल्सर की समस्या है, तो इसके विकसित होने का जोखिम अधिक हो सकता है।

     

  • मसालेदार और तले हुए भोजन: 
    हालांकि मसालेदार और तले हुए भोजन सीधे अल्सर का कारण नहीं होते, लेकिन वे पेट में जलन और असहजता को बढ़ा सकते हैं।

 

पेप्टिक अल्सर से बचाव (Prevention of Peptic Ulcer):

  • हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण से बचाव:
    स्वच्छता का पालन करें, जैसे खाने से पहले और बाथरूम का उपयोग करने के बाद हाथ धोना। साफ पानी और स्वच्छ भोजन का सेवन करें।

     

  • NSAIDs का सुरक्षित उपयोग:
    NSAIDs का उपयोग सीमित मात्रा में करें और बिना डॉक्टर की सलाह के इन्हें लंबे समय तक न लें। यदि आवश्यक हो तो डॉक्टर से अन्य दर्द निवारक दवाओं की सलाह लें।

     

  • धूम्रपान से बचें: 
    धूम्रपान छोड़ने के लिए सहायता प्राप्त करें। धूम्रपान छोड़ने से न केवल अल्सर का जोखिम कम होगा बल्कि समग्र स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।

     

  • अत्यधिक शराब का सेवन न करें:
    शराब का सेवन सीमित करें या इसे पूरी तरह से बंद कर दें। अत्यधिक शराब का सेवन पेट की दीवार को नुकसान पहुंचा सकता है।

     

  • स्वस्थ आहार:
    मसालेदार, तला हुआ और अम्लीय भोजन कम मात्रा में खाएं। ताजे फल, सब्जियाँ, और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाएं। ये पेट की दीवार की सुरक्षा में मदद कर सकते हैं।

     

  • तनाव प्रबंधन:
    योग, ध्यान, और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें। पर्याप्त नींद लें और नियमित व्यायाम करें।

     

  • प्रोबायोटिक्स का सेवन: 
    प्रोबायोटिक्स, जैसे कि दही और अन्य किण्वित खाद्य पदार्थ, पेट की सेहत को बेहतर बना सकते हैं और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

     

  • नियमित स्वास्थ्य जांच:
    नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लें, खासकर यदि पेट में कोई असहजता या दर्द महसूस हो। यदि अल्सर का इतिहास है तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित जांच करवाएं।

     

  • अत्यधिक कैफीन का सेवन न करें:
    कैफीन युक्त पेय, जैसे कि कॉफी और चाय, का सेवन सीमित करें। ये पेय पेट में एसिडिटी बढ़ा सकते हैं।

 

पेप्टिक अल्सर का इलाज (Peptic ulcer treatment): 
 

  • दवाओं के माध्यम से उपचार : 
    यदि हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण पाया जाता है, तो एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर 2 से 3 एंटीबायोटिक्स का संयोजन दिया जाता है जैसे कि एमोक्सिसिलिन, क्लेरिथ्रोमाइसिन, और मेट्रोनिडाज़ोल।

     

  • आहार और जीवनशैली में परिवर्तन : 
    धूम्रपान पेट की दीवार को नुकसान पहुंचाता है और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण को बढ़ावा देता है। अत्यधिक शराब का सेवन पेट की दीवार को नुकसान पहुंचा सकता है। ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद शामिल करें। ये भोजन पेट में एसिडिटी को बढ़ा सकते हैं। इससे पेट की एसिडिटी को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। योग, ध्यान और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें।

     

  • NSAIDs का उपयोग सीमित करें : 
    अगर संभव हो तो NSAIDs का उपयोग बंद करें या सुरक्षित विकल्प अपनाएं। यदि NSAIDs का उपयोग आवश्यक है, तो इन्हें कम खुराक में और कम समय के लिए लें। डॉक्टर से सलाह लेकर, NSAIDs के साथ PPIs या एंटासिड्स का उपयोग करें।

     

  • नियमित चिकित्सा जांच : 
    नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श करें और निर्धारित उपचार योजना का पालन करें। यदि लक्षणों में सुधार नहीं होता या बदतर होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यदि दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से अल्सर ठीक नहीं होता या जटिलताएं उत्पन्न होती हैं (जैसे गंभीर रक्तस्राव, पेट की दीवार का छिद्र), तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

 


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निष्कर्ष (Conclusion) :

पेप्टिक अल्सर से बचाव और इसके प्रबंधन के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, संतुलित आहार लेना, तनाव कम करना, और नियमित चिकित्सा जांच महत्वपूर्ण है। उचित सावधानियाँ और उपचार न केवल अल्सर के जोखिम को कम कर सकते हैं बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं। समय पर चिकित्सा सलाह और उपचार से पेप्टिक अल्सर की जटिलताओं से बचा जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं। पेप्टिक अल्सर एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो पेट और छोटी आंत की दीवार पर घाव या अल्सर के रूप में प्रकट होती है। इसके मुख्य कारणों में हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण और नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) का लंबा उपयोग शामिल है। इसके अतिरिक्त, धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, तनाव, और अनुचित आहार भी पेप्टिक अल्सर के विकास में योगदान कर सकते हैं।
 

पेप्टिक अल्सर से जुड़े प्रश्न और उनके उत्तर (Questions and answers related to Peptic Ulcer) :

 

प्रश्नः 1. पेप्टिक अल्सर क्या है ?
उत्तरः पेप्टिक अल्सर पेट या छोटी आंत की दीवार पर होने वाला एक घाव है, जो आमतौर पर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया संक्रमण या NSAIDs दवाओं के लंबे समय तक उपयोग के कारण होता है।

 

प्रश्नः 2. पेप्टिक अल्सर के मुख्य लक्षण क्या हैं ?
उत्तर:  पेट में जलन या दर्द, जो खाना खाने के बाद या खाली पेट में बढ़ सकता है। अपच, मतली, उल्टी, और भूख कम लगना। वजन कम होना और काले रंग का मल (यदि आंतरिक रक्तस्राव हो)।

 

प्रश्नः 3. पेप्टिक अल्सर का मुख्य कारण क्या है ? 
उत्तर: हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण इसका मुख्य कारण है। NSAIDs दवाओं का लंबे समय तक उपयोग। अत्यधिक धूम्रपान और शराब का सेवन। अत्यधिक तनाव और अनुचित आहार।

 

प्रश्नः 4. पेप्टिक अल्सर का निदान कैसे किया जाता है ?
उत्तर: चिकित्सीय इतिहास और लक्षणों की समीक्षा। एन्डोस्कोपी, जिसमें एक लचीली ट्यूब का उपयोग कर पेट और छोटी आंत की दीवार की जांच की जाती है। हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के लिए रक्त, मल, या श्वास परीक्षण।

 

प्रश्नः 5. पेप्टिक अल्सर का उपचार कैसे किया जाता है ?
उत्तर: एंटीबायोटिक्स, यदि हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण है। प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स (PPIs) और H2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स, जो पेट में एसिड की मात्रा को कम करते हैं। NSAIDs का उपयोग बंद करना या सुरक्षित विकल्प अपनाना। आहार और जीवनशैली में बदलाव, जैसे धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करना।


प्रश्न 6 : पेट का अल्सर कितने दिनों में ठीक हो जाता है ?
उत्तर: पेट का अल्सर उपचार के दौरान आमतौर पर 2 से 6 सप्ताह में ठीक हो सकता है। उपचार में एंटीबायोटिक्स और प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (PPIs) जैसी दवाओं का उपयोग शामिल होता है।

 

प्रश्न 7 : पेप्टिक अल्सर रोग में क्या खाना चाहिए ?
उत्तर: पेप्टिक अल्सर में खाने के लिए हल्का और संतुलित भोजन करना चाहिए, जिसमें शामिल हो:
- ताजे फल और सब्जियां 
- साबुत अनाज
- लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स
- कम मसालेदार भोजन
- हाइड्रेशन के लिए पर्याप्त पानी पिएं

 

प्रश्न 8 : पेप्टिक अल्सर ठीक होने में कितने दिन लगते हैं ?
उत्तर: पेप्टिक अल्सर के ठीक होने में 2 से 6 सप्ताह का समय लग सकता है, बशर्ते कि उचित उपचार और आहार का पालन किया जाए।

 

प्रश्न 9 : क्या दूध अल्सर के लिए अच्छा है ?
उत्तर: दूध अस्थायी रूप से राहत दे सकता है, लेकिन यह पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ा सकता है, जिससे समस्या बढ़ सकती है। इसलिए, दूध को अल्सर के उपचार के रूप में नियमित रूप से नहीं लेना चाहिए।


प्रश्न 10 : मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा पेप्टिक अल्सर ठीक हो रहा है ?
उत्तर: पेप्टिक अल्सर ठीक होने के संकेतों में दर्द में कमी, भूख में सुधार, और सामान्य स्वास्थ्य में सुधार शामिल हैं। डॉक्टर द्वारा परीक्षण और फॉलो-अप के माध्यम से भी अल्सर की स्थिति की पुष्टि की जा सकती है।

 

प्रश्न 11 : क्या अल्सर से गैस होती है ?
उत्तर: हा, पेप्टिक अल्सर गैस, पेट में फूलना, और अपच का कारण बन सकता है।

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