एसजीपीटी(SGPT) एक तरह का एंजाइम है, जो लिवर में पाया जाता है। यह एंजाइम या सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसएमिनेस, जिसे एसजीओटी भी कहा जाता है, लिवर की क्षति की जांच के लिए मापा जाता है। इसकी सामान्य रेंज 7 से 55 यूनिट प्रति लीटर खून के बीच होती है और यदि यह 50 हो, तो यह सामान्य माना जाता है। लीवर शरीर में विभिन्न मेटाबोलिक फंक्शन्स को संभालने और ब्लड को डिटॉक्सीफाई करने के लिए जिम्मेदार है। यदि आपको भी एसजीपीटी ब्लड टेस्ट करवाना है तो आइये फेलिक्स हॉस्पिटल  के साथ इसके कारण जानते है |

 

लीवर भी हीमोग्लोबिन में अपशिष्ट उत्पादों की प्रोसेसिंग करता है और इसके लिए उत्पादित कई प्रकार के एंजाइम्स का सेक्रेशन करता है। सीरम ग्लूटामिक ऑक्सालोएसेटिक ट्रांसएमिनेज (एसजीओटी) और सीरम ग्लूटामेट पाइरूवेट ट्रांसएमिनेज (एसजीपीटी) लीवर द्वारा उत्पादित दो सबसे आम एंजाइम्स हैं और इन्हें अनालाइज करने के लिए एसजीपीटी टेस्ट किया जाता है।

 

क्या आप आपके नजदीकी हॉस्पिटल में एसजीपीटी(SGPT) या एसजीओटी(SGOT) की जांच चाहते हैं , तो फेलिक्स हॉस्पिटल आपकी सहायता के लिए तैयार है। अभी फेलिक्स हॉस्पिटल से संपर्क करें और हमारे डॉक्टर्स टीम के साथ एक  परामर्श की तारीख तय करें। हमें कॉल करें - +91 9667064100 |

 

एसजीपीटी और एसजीओटी क्या है? (What is SGPT and SGOT in hindi?)

एसजीपीटी और एसजीओटी दो सबसे सामान्य प्रकार के लीवर एंजाइम हैं। लीवर के अलावा, एसजीओटी किडनी, मांसपेशियों, हृदय और यहां तक कि मस्तिष्क में भी पाया जाता है। इसके विपरीत, एसजीपीटी मुख्य रूप से लीवर में ही पाया जाता है। किसी भी एंजाइम के बढ़े हुए लेवल के परिणाम हो सकते है। लीवर की जटिलताओं, दिल के दौरे या मांसपेशियों की चोटों के दौरान एसजीओटी का लेवल बढ़ सकता है। लीवर की बीमारियों और लीवर के टिशूज को नुकसान पहुंचने के दौरान एसजीपीटी का लेवल बढ़ सकता है। एसजीपीटी का लेवल लीवर की बीमारियों और इसके ऊंचे स्तरों के कारण होने वाले नुकसान को निर्धारित करने की ओर अधिक झुकाव रखता है।

 

एसजीपीटी और एसजीओटी लीवर में उत्पादित सर्वोत्कृष्ट एंजाइम हैं। इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि इन एंजाइम्स के परिवर्तित स्तर से लीवर खराब होने के संकेत मिलते हैं। बढ़ा हुआ लेवल अक्सर शरीर में कई अंडरलाइंग कॉम्प्लीकेशन्स का संकेत देते हैं। इन एंजाइम्स का बढ़ा हुआ लेवल केवल लीवर की क्षति या बीमारी से संबंधित नहीं है। इसका मतलब अन्य जटिलताएं भी हो सकता है। एसजीपीटी और एसजीओटी का डेंजर लेवल मांसपेशियों की क्षति या मांसपेशियों की बीमारियों का संकेत देता है। अक्सर एसजीओटी और एसजीपीटी का उच्च स्तर शरीर में विभिन्न जटिलताओं का संकेत देता है। जरूरी नहीं कि इन दोनों एंजाइमों का बढ़ा हुआ स्तर हमेशा लीवर की क्षति या बीमारियों से जुड़ा हो। दूसरे शब्दों में, कुछ अन्य जटिलता भी हो सकती हैं। कुछ मामलों में यदि एसजीओटी और एसजीपीटी उच्च हैं, तो यह मांसपेशियों की क्षति या बीमारी का संकेत देता है। एसजीओटी और एसजीपीटी से रक्त परीक्षण रिपोर्ट रोगी में जिगर की क्षति या क्षति की डिग्री का सटीक निर्धारण नहीं कर सकती है। 

 

एसजीपीटी लेवल क्या है (What is SGPT Level in hindi):

एसजीपीटी एक तरह का एंजाइम है, जो ल‍िवर में पाया जाता है। एसजीपीटी टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जो ल‍िवर में बने एक एंजाइम को मापने के लिए किया जाता है। इस एंजाइम को सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसएमिनेस भी कहा जाता है। ल‍िवर की क्षत‍ि के ल‍िए यह जांच की जाती है। एसजीपीटी के लिए सामान्य रेंज 7 से 55 यूनिट प्रति लीटर खून के बीच होती है। अगर एसजीपीटी 50 है, तो वह सामान्‍य माना जाएगा।

 

 

एसजीओटी और एसजीपीटी के कारण (Causes of SGPT and SGOT in Hindi)

एएसटी और एएलटी का उच्च स्तर संभावित लीवर क्षति या शिथिलता का संकेत दे सकता है। कुछ सामान्य कारणों में शामिल हैं :

 

  • हेपेटाइटिस (Hepatitis) : वायरल संक्रमण, विशेष रूप से हेपेटाइटिस ए, बी, या सी, यकृत में सूजन पैदा कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप एएलटी और एएसटी बढ़ सकता है।

  • शराब का सेवन (Alcohol abuse) :अत्यधिक और लंबे समय तक शराब के सेवन से लीवर को नुकसान हो सकता है, जिसे अल्कोहलिक हेपेटाइटिस के रूप में जाना जाता है, जो एंजाइम मूल्यों को काफी बढ़ा सकता है।

  • गैर-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease) : यह स्थिति तब होती है जब मोटापा, इंसुलिन प्रतिरोध और उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर जैसे कारकों के कारण लिवर में वसा जमा हो जाती है। एनएएफएलडी सूजन और लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है , जिससे एएलटी और एएसटी का अनुपात बढ़ सकता है।

  • दवाएं (Medicines)  : कुछ दवाएं, जैसे एंटीबायोटिक्स, स्टैटिन और दर्द निवारक, हेपेटोटॉक्सिसिटी का कारण बन सकती हैं और एसजीओटी और एसजीपीटी स्तर बढ़ा सकती हैं।

 

उच्च एसजीओटी और एसजीपीटी के कारण (Causes of High SGOT & SGPT in Hindi):

 

  • लीवर की क्षति (Liver Damage) : हाई एएसटी और एएलटी स्तर लीवर की क्षति का संकेत देता है। यदि इलाज न किया जाए, तो यह सिरोसिस या यकृत विफलता जैसी अधिक गंभीर स्थितियों में बदल सकता है।

  • लिवर खराब होने के संकेत (Signs of liver damage): हाई एसजीओटी और एसजीपीटी खराब लिवर कार्य का संकेत देता है। लिवर विषहरण, प्रोटीन उत्पादन और पोषक तत्वों के चायपचय के लिए जिम्मेदार है। यह थकान, पीलिया, पाचन संबंधीका कारण बन सकता है।

  • हृदय रोग का बढ़ता जोखिम (Increased risk of heart disease): हाई एसजीओटी और एसजीपीटी स्तर और हृदय रोग के बढ़ते जोखिम के बीच संबंध है। बढ़े हुए हेपेटिक एंजाइम मोटापे, इंसुलिन प्रतिरोध और उच्च कोलेस्ट्रॉल से जुड़े हो सकते हैं, जो हृदय रोग के लिए जोखिम कारक माने जाते हैं।

 

शरीर में एसजीपीटी स्‍तर बढ़ने के पीछे कई कारण (Many reasons behind increase in SGPT level in the body) : 

 

Reasons behind increase in SGPT level

 

  • मोटापा

  • डायब‍िटीज

  • दि‍ल का दौरा

  • हेपेटाइट‍िस सी

  • पित्ताशय की थैली की सूजन

  • शराब का ज्‍यादा सेवन करना

 

एसजीओटी और एसजीपीटी के लक्षण (Symptoms of SGOT and SGPT in hindi): 

उच्च एसजीपीटी और एसजीओटी स्तर शरीर में विभिन्न जटिलताओं का संकेत देता है। यदि आपके लिवर ब्लड टेस्ट में एसजीपीटी का स्तर 56 यूनिट/लीटर से अधिक है, तो यह लिवर को नुकसान होने के संकेत हैं। उच्च एसजीपीटी कारणों में कोलेसीस्टाइटिस, हेपेटाइटिस, मोटापा, शराब और नशीली दवाओं का दुरुपयोग शामिल हो सकते हैं। उच्च एसजीपीटी के लक्षणों में कमजोरी, मतली, थकान, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ, पैरों में सूजन, पीलिया, अत्यधिक रक्तस्राव और चोट लगना शामिल हो सकते हैं। एसजीपीटी, जिसे एलानिन एमिनोट्रांस्फरेज़ (एएलटी) टेस्ट के रूप में भी जाना जाता है। एसजीपीटी टेस्ट में सामान्य माने जाने वाले परिणामों की सीमा 7 से 56 यूनिट प्रति लीटर के बीच है। इससे ऊपर कुछ भी होने का मतलब है कि एसजीपीटी एंजाइम पैदा करने वाला अंग क्षतिग्रस्त होने की सबसे अधिक संभावना है, और उपचार जल्द से जल्द करने की आवश्यकता है।

 

असामान्य लक्षण (Unusual Symptoms): 

  • पीलिया

  • उल्टी और मतली

  • पैरों में सूजन

  • सांस फूलना

  • थकान

  • चोटें


हाई एसजीपीटी और एसजीओटी की रोकथाम (Prevention of High SGPT and SGOT) :

बढ़े हुए एएलटी और एएसटी मूल्यों की रोकथाम के लिए एएलटी और एएसटी हाई हैं या नहीं इसकी पुष्टि करने के लिए जांच की आवश्यकता है।

 

  • लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) (Liver Function Test [LFT]) : एलएफटी रक्त परीक्षणों का एक समूह है जो एसजीपीटी, एसजीओटी और लिवर स्वास्थ्य के अन्य मार्करों का आकलन करता है। हाई एएलटी और एएसटी अनुपात लिवर कोशिकाओं के खराब होने का संकेत देता है।

  • शारीरिक परीक्षण (Physical Examination): डॉक्टर मरीज के मेडिकल रिकॉर्ड की समीक्षा करेंगे और उनके शराब के सेवन, नशीली दवाओं के उपयोग और लिवर फेल के संकेतों के बारे में पूछताछ करेंगे (SGOT SGPT danger levels in Hindi)। इसके अतिरिक्त, पीलिया या बढ़े हुए लीवर जैसे लक्षणों की जांच के लिए एक शारीरिक परीक्षण भी किया जाएगा।

  • लिवर बायोप्सी (liver biopsy): यह परीक्षण कभी-कभी लिवर की क्षति, सूजन और फाइब्रोसिस की स्थिति का पता करने के लिए किया जा सकता है।

अगर आपके शरीर में एसजीपीटी का स्‍तर लगातार बढ़ रहा है, तो यह ल‍िवर डैमेज का संकेत हो सकता है। जो लोग स्‍वस्‍थ जीवनशैली नहीं जीते, वे ल‍िवर से संबंध‍ित समस्‍याओं का श‍िकार हो जाते हैं। एल्‍कोहल का ज्‍यादा सेवन करने के कारण ल‍िवर को नुकसान होने की संभावना ज्‍यादा होती है। ऐसे में ल‍िवर डैमेज का आंकलन करने के लि‍ए ल‍िवर टेस्‍ट क‍िया जाता है। फेलिक्स हॉस्पिटल आपकी सहायता के किए तैयार है। हम आपके परिवार के स्वास्थ्य सफ़र में हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हैं। अभी फेलिक्स हॉस्पिटल से संपर्क करें और हमारे डॉक्टर्स टीम के साथ एक परामर्श की तारीख तय करें। हमें कॉल करें - +91 9667064100

 

एसजीपीटी और एसजीओटी के लिए उपचार (Treatment for SGPT & SGOT in hindi): 

 

  • मेडिकल प्रशिक्षण (medical training) :  एसजीपीटी को कंट्राेल करने से पहले डॉक्टर खून की जांच करेंगे। खून की जांच के परिणाम के आधार पर डॉक्टर आपका इलाज करेंगे। लिवर में हेपेटाइटिस वायरस के कारण इंफेक्शन हो सकता है। इसके कारण भी एसजीपीटी लेवल बढ़ जाता है। इसके लिए डॉक्टर दवाओं का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। मेडिकेशन के साथ आप हर्बल सप्लीमेंट्स का सेवन भी कर सकते हैं। लेक‍िन इसके ल‍िए डॉक्‍टर की सलाह लेना जरूरी है।

  • दवा (Medicine) : डॉक्टर वायरल बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस या चेलेटिंग एजेंट और विल्सन रोग के लिए एंटीवायरल दवाएं लिख सकते हैं।

  • लिवर ट्रांसप्लांट (liver transplant) : यह लिवर की बीमारियों जैसे सिरोसिस या हेपेटिक विफलता के लिए सबसे अच्छा इलाज है जिसका इलाज दवाओं से नहीं किया जा सकता है। प्रक्रिया के दौरान, जीवित या मृत दाता के स्वस्थ लीवर के एक हिस्से को क्षतिग्रस्त लीवर से बदल दिया जाता है क्योंकि लीवर कोशिकाएं पुनर्जीवित हो सकती हैं और महत्वपूर्ण यकृत कार्य कर सकती हैं।

 

एसजीपीटी एसजीओटी का उपचार (SGPT SGOT high treatment in Hindi) : 

 

अगर आपके शरीर में एसजीपीटी का स्‍तर लगातार बढ़ रहा है, तो यह ल‍िवर डैमेज का संकेत हो सकता है। जो लोग स्‍वस्‍थ जीवनशैली नहीं जीते, वे ल‍िवर से संबंध‍ित समस्‍याओं का श‍िकार हो जाते हैं। एल्‍कोहल का ज्‍यादा सेवन करने से के कारण ल‍िवर को नुकसान होने की संभावना ज्‍यादा होती है। ऐसे में ल‍िवर डैमेज का आंकलन करने के लि‍ए ल‍िवर टेस्‍ट क‍िया जाता है। एसजीपीटी यह एक ऐसा लिवर एंजाइम है जो एनर्जी प्रोडक्शन के लिए जरुरी होता है। यह मुख्य रूप से लिवर और किडनी में पाया जाता है जबकि इसकी कुछ मात्रा हार्ट और दूसरी मसल्स में भी पायी जा सकती है। (SGOT SGPT danger levels in Hindi) जब लिवर डैमेज हो जाता है तो एसजीपीटी कोशिकोओं से बाहर आ जाता है और ब्लड में मिल जाता है। नॉर्मल एसजीपीसटी लेवल की रेंज 7 से 56 यूनिट प्रति लीटर ब्लड होती है। रक्त में एसजीपीटी का हाई लेवल लिवर प्रॉब्लम और लिवर डैमेज की तरफ इशारा करता है लेकिन ये मेहनत वाली एक्टिविटी के कारण भी बढ़ सकता है। अगर आप अल्कोहोलिक हैं, कुछ खास दवाएं लेते हैं या आपको लिवर कैंसर या वायरल हेपेटाइटिस जैसी लिवर की कोई बीमारी है तो एसजीपीटी का लेवल भी बढ़ सकता है। अगर आप सभी गंभीर कारणों को खोज लेते हैं और अपने लगातार हाई बने रहने वाले एसजीपीटी लेवल के लिए परेशान हैं तो सही डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव लायें और जरूरत पड़ने पर मेडिकल ट्रीटमेंट भी लें (SGPT SGOT high treatment in Hindi)। इस तरह से एसजीपीटी का लेवल नॉर्मल आ सकता है।

 

  • विटामिन डी का सेवन बढ़ाए (increase intake of Vitamin D):   लिवर की सेल्स डैमेज होने पर रक्त में ज्यादा एसजीपीटी छोड़ने लगती हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, सेब और संतरे अधिक खाएं। दिन में कमसे कम एक घंटे सुबह की धूप में बिताएं। सूरज की यूवी किरणें त्वचा में विटामिन डी के बनने को बढ़ावा देती हैं। 

  • फैट की प्रचुर मात्रा वाले फूड्स से दूर रहें (Stay away from foods rich in fat) : लिवर के लिए फैटी फूड्स पचाना और उनसे न्यूट्रीएंट्स पाना बहुत मुश्किल होता है। लिवर में थोडा फैट होना सामान्य बात है लेकिन अगर लिवर में 10 प्रतिशत से ज्यादा फैट होते हैं तो फैटी लिवर  हो जाती है (SGOT SGPT danger levels in Hindi)। इन फैटी सेल्स की उपस्थिति के कारण लिवर में सूजन आ जाती है और इससे लिवर के आसपास के टिश्यू डैमेज होने लगते हैं। अगर लिवर डैमेज होने लगता है तो डैमेज्ड लिवर सेल्स रक्त में एसजीपीटी रिलीज़ करने लगती हैं जिससे एसजीपीटी का लेवल बढ़ जाता है। तेल में तले हुए फूड्स जैसे ऑयली फूड्स, मीट फैट, चिकन स्किन कोकोनट ऑइल बटर, चीज, प्रोसेस्ड फ़ूड, सॉसेस, बेकन, हाई प्रोसेस्ड जंक, फैटी फूड्स, हाई शुगर कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन नहीं करें।

  • ज्यादा नमक या सोडियम वाले फूड्स न लें (Do not eat foods high in salt or sodium) : (SGPT SGOT high treatment in Hindi) शरीर में नमक की आवश्यकता से अधिक मात्रा, विशेषरूप से लिवर में होने के कारण सूजन और तरल एकत्रीकरण होने लगता है। इससे लिवर अवशिष्ट पदार्थों को फ़िल्टर नहीं कर पाता। इससे समय के साथ-साथ लिवर डैमेज होता जाता है और एसजीपीटी लिवर से रिसकर रक्त में मिलने लगती है जिससे यह लेवल बढ़ जाता है | चूंकि नमक का इस्तेमाल सभी जगह किया जाता है इसलिए इसका इन्टेक सीमित करने के लिए ज्यादातर खाना घर पर ही पकाने की कोशिश करें।

  • हाइड्रेटेड रहें और ज्यादा से ज्यादा हर्बल टी पियें (Stay hydrated and drink as much herbal tea as possible)  :बहुत सारा पानी पीने से लीवर को विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और खुद की मरम्मत करने में मदद (SGOT SGPT danger levels in Hindi) मिलती है। जिससे आपके रक्त में फ़िल्टर होने वाले एसजीपीटी की मात्रा कम हो जाती है। अपने शरीर और लीवर को हाइड्रेटेड रखने के लिए सुबह उठते के साथ ही, भोजन के बीच और शाम को फिल्टर्ड पानी पीने का लक्ष्य रखें। पुरुषों के लिए प्रतिदिन 15.5 कप (3.7 लीटर) पानी, और महिलाओं के लिए 11.5 कप (2.7 लीटर) पानी पीना आवश्यक है।

  • शराब की लत छोड़ें (quit alcohol addiction): लम्बे समय तक अल्कोहल लेना, लिवर के लिए बहुत हानिकारक होता है और इससे लिवर पूरी तरह से काम करना बंद कर सकता है। अल्कोहल लेने पर यह डायरेक्टली रक्त में मिल जाता है। इसके बाद सारा रक्त किडनी द्वारा ग्रहण और फिल्टर किया जाता है (danger level of SGPT and SGOT in Hindi)। अब शरीर में मौजूद सभी टॉक्सिक अवशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करने का काम लिवर का होता है जिसमे अल्कोहल के कारण मिलने वाले टॉक्सिन भी शामिल होते हैं। इससे समय के साथ-साथ गंभीर रूप से लिवर डैमेज हो सकता है | लिवर जितना ज्यादा डैमेज होता जाता है, उसकी सेल्स उनता ही ज्यादा एसजीपीटी लीक करती जाती हैं जो ब्लड में मिल जाता है।

  • व्यायाम करें (Exercise): व्यायाम आपके लीवर के स्वास्थ्य सहित आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। सक्रिय रहने से पसीने के माध्यम से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और वसा जलती है, जिससे आपके लीवर को अपनी कोशिकाओं को मजबूत करने के लिए अधिक ऊर्जा मिलती है। (SGOT SGPT danger levels in Hindi)हर दिन कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज करने से लिवर की हेल्थ में काफी सुधार आ सकता है | जब टॉक्सिन शरीर से बाहर निकलने लगते हैं तो लिवर को बहुत कम काम करना पड़ता है जिससे एसजीपीटी लेवल बढ़ नहीं पाता।

  • स्मोकिंग छोड़ें (quit smoking) : सिगरेट के धुएं में निकोटीन और अमोनिया जैसे टॉक्सिन होते हैं। जब आप इन टॉक्सिन के सम्पर्क में आते हैं तो स्किन पर चिपक जाते हैं और वहां से अवशोषित होकर लिवर को शरीर में मौजूद सभी टॉक्सिन फ़िल्टर करके हटाने का अतिरिक्त काम दे देते है। इसलिए सेकंड हैण्ड स्मोक से भी बचने की कोशिश करें क्योंकि इसके प्रभाव भी स्मोकिंग के समान ही होते हैं।

  • वजन घटायें (lose weight)  : अगर आपका वज़न कम नहीं हो रहा है तो आपको फैटी लिवर होने की संभावना हो सकती है जिससे एसजीपीटी लेवल बढ़ सकता है (danger level of SGPT and SGOT in Hindi)।

  • बाजार में मिलने वली दवाएं लेना बंद करें (Stop taking over the counter medicines) :अगर आपका लिवर पहले से ही डैमेज हो चुका है और आप फिर भी डॉक्टर के परामर्श के बिना कोई दवा लेते रहते हैं तो लिवर पर इन दवाओं के उपापचय और हानिकारक पदार्थों को फ़िल्टर करने का भार बढ़ जाता है जिससे लिवर डैमेज और बढ़ जाता है। इसलिए बेहतर है कि डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही अपने लिए उचित दवाएं लें।

एंटीबायोटिक्स और नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स के कारण एसजीपीटी और एसजीओटी लेवल बढ़ सकते हैं।

 

असामान्य परीक्षण के परिणाम (danger level of SGPT and SGOT in Hindi): 

यदि आपके ब्लड स्ट्रीम में एसजीपीटी-एसजीओटी का स्तर कम है, तो यह एक स्वस्थ लीवर का संकेत देता है। अन्य मार्करों के विपरीत, निम्न स्तर, इस मामले में, कुछ भी खतरनाक नहीं दर्शाता है। लेकिन ब्लड स्ट्रीम में असामान्य एसजीपीटी और एसजीओटी स्तर कई जटिलताओं का संकेत हो सकता है। जिनमें निम्न शामिल हैं :

 

  • हेपेटाइटिस(Hepatitis)

  • लीवर सिरोसिस(Liver cirrhosis)

  • लीवर ऊतक क्षति(Liver tissue damage)

  • लीवर कैंसर(Liver cancer)

  • लीवर में ट्यूमर(Tumor in the liver)

  • लीवर में रक्त का प्रवाह बाधित(Obstructed blood flow to the liver)

  • ब्लड स्ट्रीम में हेमोक्रोमैटोसिस या आयरन का निर्माण(Hemochromatosis or iron build-up in the bloodstream)

  • एपस्टीन-बार वायरस के कारण मोनोन्यूक्लिओसिस(Mononucleosis caused by Epstein-Barr virus)

  • अग्नाशयशोथ(Pancreatitis)

 

निष्कर्ष (Conclusion)

जो लोग एक गतिहीन जीवनशैली जीते हैं यानि जो शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं रहते हैं। वह हेल्दी तरीके से खाना नहीं खा पाते हैं। लगातार शराब का सेवन करने से फैटी लीवर होने या लीवर को अन्य नुकसान होने की संभावना होती है। सबसे आम ब्लड टेस्ट में से एक लीवर ब्लड टेस्ट  है, जो लीवर कार्यों या लीवर की चोट का आकलन करता है। एक बुनियादी लीवर ब्लड टेस्ट में कुछ एंजाइमों (प्रोटीन) के स्तर को निर्धारित करता है, जो शरीर में महत्वपूर्ण रासायनिक प्रतिक्रियाओं के कामकाज को नियंत्रित करता है।  एसजीपीटी और एसजीओटी लीवर फंक्शन के प्रमुख मार्कर हैं। यदि आपके डॉक्टर ने इन टेस्ट्स को निर्धारित किया है, तो यह संकेत दे सकता है कि वे अन्य शारीरिक कार्यों के साथ-साथ आपके लीवर के कार्य की स्थिति का आकलन करना चाहते हैं। यह नियमित ब्लड टेस्ट किसी भी प्रमुख जोखिम या साइड इफेक्ट के साथ नहीं आता है। एसजीओटी और एसजीपीटी स्तरों में वृद्धि एक निश्चित लीवर की क्षति का संकेत है।

 

यदि आप नोएडा में सर्वश्रेष्ठ अस्पताल की तलाश में हैं, तो फेलिक्स अस्पताल जाएँ या +(91)9667064100 पर कॉल करें।

 

अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न (FAQs): 

 

  • क्या एसजीपीटी और एसजीओटी सिर्फ लीवर की बीमारी के संकेत हैं ? 

हाईएसजीपीटी और एसजीओटी एंजाइम लेवल सिर्फ लीवर की बीमारी या लीवर फंक्शन के खराब होने का संकेत नहीं हैं। कभी-कभी दो एंजाइम्स के हाई स्तर वाले रोगियों में लीवर का ऑप्टीमल फंक्शन होता है। यह बिल्कुल विपरीत भी हो सकता है।

 

  • अगर कोई  एसजीपीटी और एसजीओटी ब्लड टेस्ट कराना चाहता है तो तैयारी करनी है क्या ?

एसजीपीटी और एसजीओटी ब्लड टेस्ट लीवर फंक्शन टेस्ट का एक हिस्सा है और यह नियमित ब्लड टेस्ट है जिसमें अत्यधिक तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि डॉक्टर दवा देने से पहले ब्लड निकालने की सलाह दे सकता है।

 

  • मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा लीवर सामान्य है ?

लिवर रक्त परीक्षण प्रोटीन, एंजाइम और बिलीरुबिन के स्तर को मापता है। ऊंचा एसजीओटी और एसजीपीटी लीवर की क्षति या सूजन का संकेत देता है।

 

  • क्या शराब पीने वालों में एसजीओटी और एसजीपीटी की मात्रा अधिक है ?

अल्कोहलिक हेपेटाइटिस और फैटी लीवर रोग में एसजीओटी और एसजीपीटी में वृद्धि ज्यादा होती है।

 

  • फैटी लीवर के लक्षण क्या हैं ?

पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में हल्का दर्द अत्यधिक थकान और कमजोरी, वजन घटना आदि। 

 

  • किसी को एसजीओटी और एसजीपीटी की आवश्यकता कब होनी चाहिए ?

यदि कोई व्यक्ति लीवर की किसी बीमारी से पीड़ित है या उसका लीवर खराब होने का इतिहास है, तो एसजीओटी और एसजीपीटी परीक्षण महत्वपूर्ण है। यदि आपको पीलिया, गहरे रंग का मूत्र और पेट दर्द के कोई लक्षण हैं तो डॉक्टर आपको सलाह दे सकते हैं। एसजीओटी और एसजीपीटी का परीक्षण आमतौर पर नियमित स्वास्थ्य जांच के एक भाग के रूप में किया जाता है।

 

  • एसजीओटी और एसजीपीटी टेस्ट के दौरान क्या होता है ?

एक कुशल सलैब टेक्निशियन बांह की नस से रक्त का नमूना लेगा। एसजीओटी और एसजीपीटी परीक्षण के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है।

 

  • उच्च SGPT स्तर के क्या कारण हो सकते हैं ?

उच्च SGPT स्तर कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि शराब की सेवन, हेपेटाइटिस (वायरल या ऑटोइम्यून), फैटी लिवर रोग, कुछ दवाओं, मोटापा, और अन्य जिगर संबंधित रोग।

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