हाइड्रोसील एक चिकित्सा स्थिति है जिसमें अंडकोश (स्क्रोटम) में तरल पदार्थ का संचय हो जाता है, जिससे अंडकोश सूज जाता है। यह स्थिति सामान्यतः दर्दरहित होती है और पुरुषों, विशेषकर नवजात शिशुओं और वृद्ध पुरुषों में देखी जाती है। हाइड्रोसील का कारण अक्सर स्पष्ट नहीं होता, लेकिन यह कुछ स्थितियों जैसे कि चोट, संक्रमण, या सूजन के कारण हो सकता है। यदि आपको या किसी और को  हाइड्रोसील (hydrocele in Hindi) या उसके  लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। जानिए इसके लक्षण से लेकर इलाज तक के बारे में विस्तार से..

 

हाइड्रोसील आमतौर पर गंभीर नहीं होती, लेकिन यदि आपको कोई लक्षण महसूस हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। जानकारी के लिए हमें कॉल करें +91 9667064100.
 

हाइड्रोसील क्या है ? (What is Hydrocele in Hindi)

हाइड्रोसील एक चिकित्सा स्थिति है जिसमें अंडकोश (स्क्रोटम) में तरल पदार्थ का संचय हो जाता है। यह स्थिति अंडकोश के चारों ओर सूजन का कारण बनती है। हाइड्रोसील आमतौर पर दर्द रहित होती है और इसे गंभीर नहीं माना जाता, लेकिन यह असहज हो सकती है और कभी-कभी दर्द का कारण भी बन सकती है। यह स्थिति नवजात शिशुओं और वयस्क पुरुषों दोनों में हो सकती है। हाइड्रोसील को रोकने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं है, लेकिन नियमित चिकित्सा जांच और अंडकोश की स्व-परिक्षा से किसी भी असामान्यता का जल्द पता लगाया जा सकता है। हाइड्रोसील आमतौर पर गंभीर नहीं होती लेकिन फिर भी उसका मतलब जानना (Meaning of hydrocele in Hindi) और समझण बेहद ज़रूरी होता है , लेकिन यदि आपको कोई लक्षण महसूस हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

 

हाइड्रोसील के लक्षण (Symptoms of Hydrocele in Hindi)

  • अंडकोश में सूजन:  हाइड्रोसील के सबसे सामान्य लक्षण में से एक अंडकोश में सूजन या बड़ा हो जाना है। यह सूजन एक या दोनों तरफ हो सकती है।
  • दर्द का अभाव:  हाइड्रोसील आमतौर पर दर्दरहित होती है। हालांकि, यदि सूजन बहुत बड़ी हो जाती है, तो अंडकोश में भारीपन या असहजता महसूस हो सकती है।
  • तरल पदार्थ की उपस्थिति:  जब आप अपने अंडकोश को टॉर्च की रोशनी में देखते हैं, तो यह पारदर्शी दिखाई दे सकता है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि उसमें तरल पदार्थ भरा हुआ है। इसे ट्रांसिल्यूमिनेशन कहा जाता है।
  • धीरे-धीरे बढ़ना:  हाइड्रोसील आमतौर पर धीरे-धीरे बढ़ती है और समय के साथ अधिक ध्यान देने योग्य हो सकती है।
  • असहजता: बड़े हाइड्रोसील के कारण चलने या बैठने में असहजता महसूस हो सकती है।
  • दर्द या संवेदनशीलता:  अगर सूजन के साथ दर्द या संवेदनशीलता है, तो यह संक्रमण या अन्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
  • लालिमा और गर्मी:  अंडकोश की त्वचा में लालिमा और गर्मी महसूस हो सकती है।
     

हाइड्रोसील के प्रकार (Types of Hydrocele in Hindi)

 

प्राइमरी (जन्मजात) हाइड्रोसील (Congenital Hydrocele): यह नवजात शिशुओं में पाया जाता है और जन्म के समय मौजूद होता है। यह तब होता है जब वृषण (टेस्टिकल) पेट की गुहा से अंडकोश में नीचे आते समय तरल पदार्थ से भरी एक थैली में आ जाता है और यह थैली पूरी तरह से बंद नहीं होती। इससे तरल पदार्थ अंडकोश में जमा हो जाता है। अधिकांश मामलों में, यह अपने आप एक साल के भीतर ठीक हो जाती है और कोई विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं होती। यदि यह एक साल बाद भी बनी रहती है, तो सर्जरी की सलाह दी जा सकती है।

 

सेकंडरी (अर्जित) हाइड्रोसील (Acquired Hydrocele): यह प्रकार वयस्क पुरुषों में पाया जाता है। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे: अंडकोश की चोट या चोट लगने के कारण। अंडकोश में संक्रमण या सूजन (जैसे कि एपिडीडिमाइटिस या ऑर्काइटिस)। ट्यूमर या अन्य चिकित्सा स्थितियों के कारण। यदि हाइड्रोसील बहुत बड़ी हो जाती है, दर्द का कारण बनती है, या अन्य समस्याओं का संकेत देती है, तो सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है। सामान्य उपचार विधियों में  हाइड्रोसीलेक्टोमी यानी सर्जिकल रूप से हाइड्रोसील को निकालना है। एस्पिरेशन और स्क्लेरोथेरेपी यानी तरल पदार्थ को निकालने के बाद स्क्लेरोसेंट नामक रसायन का इंजेक्शन का उपयोग करना है। 

 

हाइड्रोसील के कारण (Causes of Hydrocele)

 

  • नवजात शिशुओं में हाइड्रोसील के कारणः गर्भावस्था के दौरान, वृषण पेट की गुहा से नीचे अंडकोश में आते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान वृषण के साथ तरल पदार्थ भी नीचे आ सकता है। आमतौर पर यह तरल पदार्थ जन्म के बाद कुछ समय में अवशोषित हो जाता है, लेकिन यदि ऐसा नहीं होता, तो हाइड्रोसील बन सकता है। यदि वृषण को घेरने वाली प्राकृतिक थैली (जिसे प्रोसेसस वजाइनलिस कहा जाता है) पूरी तरह से बंद नहीं होती, तो पेट की गुहा से तरल पदार्थ अंडकोश में जा सकता है और हाइड्रोसील का कारण बन सकता है।
  • वयस्कों में हाइड्रोसील के कारणः अंडकोश को लगी चोट हाइड्रोसील का कारण बन सकती है। चोट के कारण अंडकोश में सूजन और तरल पदार्थ का संचय हो सकता है। अंडकोश या उसके आस-पास की संरचनाओं में संक्रमण (जैसे एपिडीडिमाइटिस या ऑर्काइटिस) हाइड्रोसील का कारण बन सकता है। अंडकोश की सूजन किसी अन्य चिकित्सा स्थिति या चोट के कारण हो सकती है, जिससे हाइड्रोसील विकसित हो सकता है।अंडकोश में ट्यूमर या अन्य असामान्य संरचनाएँ भी हाइड्रोसील का कारण बन सकती हैं। अंडकोश या निचले पेट की सर्जरी के बाद भी हाइड्रोसील विकसित हो सकता है।
  • लसीका प्रणाली में समस्या: यदि लसीका प्रणाली सही तरीके से काम नहीं करती, तो तरल पदार्थ का संचय हो सकता है, जिससे हाइड्रोसील हो सकता है।
  • दवाओं का प्रभाव: कुछ दवाएं भी हाइड्रोसील का कारण बन सकती हैं।
     

हाइड्रोसील से बचाव (Prevention of Hydrocele in Hindi)

 

  • संक्रमण से बचाव: साफ-सफाई का ध्यान रखे। जननांग क्षेत्र को स्वच्छ और सूखा रखें। यौन संचारित संक्रमणों से बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाएं। अगर आपको किसी भी प्रकार का संक्रमण या सूजन महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सीय परामर्श लें और उचित उपचार करवाएं।
  • चोट से बचाव: खेल गतिविधियों के दौरान जननांग क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उपयुक्त गियर (जैसे कि एथलेटिक सपोर्टर या कंप्रेशन शॉर्ट्स) का उपयोग करें। दुर्घटनाओं और चोटों से बचने के लिए सामान्य जीवन में सतर्कता और सावधानी बरतें।
  • नियमित चिकित्सा जांच: अंडकोश की नियमित स्व-निरीक्षण करें और किसी भी असामान्यता को पहचानें। नियमित चिकित्सा परीक्षण: डॉक्टर से नियमित रूप से जांच करवाएं, विशेषकर यदि आपको अंडकोश में सूजन या असहजता महसूस हो रही हो।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाना: स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करें जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो। नियमित शारीरिक व्यायाम करें जिससे शरीर स्वस्थ और मजबूत रहे।
     

हाइड्रोसील का इलाज (Treatment of Hydrocele in Hindi)

बिना सर्जरी के इलाज (Treatment without Surgery in Hindi): नवजात शिशुओं में हाइड्रोसील आमतौर पर बिना किसी उपचार के एक साल के भीतर अपने आप ठीक हो जाती है। इस अवधि में डॉक्टर नियमित रूप से बच्चे की जांच करते रहते हैं। एस्पिरेशन में सुई की मदद से हाइड्रोसील से तरल पदार्थ को निकाल दिया जाता है। यह तरीका आमतौर पर अस्थायी राहत के लिए किया जाता है और तरल पदार्थ फिर से जमा हो सकता है। एस्पिरेशन के बाद, स्क्लेरोसेंट नामक रसायन को हाइड्रोसील की थैली में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे थैली की दीवारें सिकुड़कर तरल पदार्थ का फिर से निर्माण नहीं कर पातीं। यह विधि भी एस्पिरेशन की तरह ही होती है, लेकिन थोड़ी अधिक प्रभावी हो सकती है।

 

सर्जिकल उपचार (Surgical Treatment of Hydrocele in Hindi): हाइड्रोसीलेक्टोमी सर्जरी का एक प्रमुख तरीका है जिसमें हाइड्रोसील की थैली को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है। यह सबसे प्रभावी और स्थायी समाधान होता है। मरीज को सामान्य या क्षेत्रीय एनेस्थीसिया दिया जाता है। सर्जन अंडकोश में एक छोटा चीरा लगाता है और हाइड्रोसील की थैली को निकालता है। सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक दर्द और सूजन हो सकती है, जिसे दवाओं और आराम से नियंत्रित किया जा सकता है।

 

उपचार के बाद देखभाल (Post Treatment Care of Hydrocele in Hindi): सर्जरी के बाद, मरीज को कुछ दिनों तक आराम करने और भारी गतिविधियों से बचने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दर्द निवारक दवाओं का सेवन करें। सर्जरी के स्थान को साफ और सूखा रखें। किसी भी असामान्य लक्षण जैसे कि बुखार, अत्यधिक सूजन या दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

 

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हाइड्रोसील का इलाज आमतौर पर यूरोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है लेकिन कुछ मामलों में जनरल सर्जन भी हाइड्रोसील का उपचार कर सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फ़ोन करें - +91 9667064100.
 

निष्कर्ष (Conclusion)


हाइड्रोसील एक आम लेकिन आमतौर पर गंभीर नहीं होने वाली स्थिति है। नवजात शिशुओं में यह अक्सर बिना उपचार के ठीक हो जाती है, जबकि वयस्कों में सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है। उचित देखभाल, नियमित जांच, और विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करके हाइड्रोसील को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। यदि आपको हाइड्रोसील के लक्षण महसूस हों, तो जल्दी से जल्दी नोएडा के यूरोलॉजिस्ट (Best Urologist in hindi) से चिकित्सकीय सलाह लेना महत्वपूर्ण है। हाइड्रोसील से बचाव के उपाय सीधे तौर पर इसके कारणों को संबोधित करते हैं। संक्रमण, चोट, और अन्य जोखिम कारकों से बचाव करके हाइड्रोसील के जोखिम को कम किया जा सकता है।


हाइड्रोसील को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (Frequently asked questions and answers about  Hydrocele)

प्रश्न 1: हाइड्रोसील क्या है ?
उत्तर: हाइड्रोसील एक चिकित्सा स्थिति है जिसमें अंडकोश (स्क्रोटम) में तरल पदार्थ का संचय हो जाता है, जिससे अंडकोश सूज जाता है। यह स्थिति नवजात शिशुओं और वयस्क पुरुषों दोनों में हो सकती है।

 

प्रश्न 2: हाइड्रोसील के लक्षण क्या हैं ?
उत्तर: अंडकोश में सूजन, आमतौर पर दर्दरहित, लेकिन बड़े हाइड्रोसील से भारीपन या असहजता हो सकती है। सूजन का धीरे-धीरे बढ़ती जाती है।

 

प्रश्न 3: हाइड्रोसील का कारण क्या है ?
उत्तर: नवजात शिशुओं में वृषण के अवरोहण के दौरान पेट की गुहा से तरल पदार्थ का अंडकोश में आ जाना और वयस्कों में चोट, संक्रमण, सूजन, या ट्यूमर इसका कारण है।

 

प्रश्न 4: क्या हाइड्रोसील खतरनाक है ?
उत्तर: हाइड्रोसील आमतौर पर खतरनाक नहीं होती और ज्यादातर मामलों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण नहीं बनती। हालांकि, यदि हाइड्रोसील बहुत बड़ी हो जाती है या दर्द का कारण बनती है, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

 

प्रश्न 5: क्या हाइड्रोसील को रोका जा सकता है?
उत्तर: हाइड्रोसील को पूरी तरह से रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। हालांकि, संक्रमण से बचाव, चोट से बचाव, और नियमित चिकित्सा जांच से हाइड्रोसील के जोखिम को कम किया जा सकता है।

 

प्रश्न 6: क्या हाइड्रोसील दोबारा हो सकता है ?
उत्तर: हाइड्रोसील का पुनरावृत्ति संभव है, खासकर अगर एस्पिरेशन या स्क्लेरोथेरेपी के बाद तरल पदार्थ फिर से जमा हो जाए। हाइड्रोसीलेक्टोमी के बाद पुनरावृत्ति की संभावना कम होती है।

 

प्रश्न 7: हाइड्रोसीलेक्टोमी क्या है ?
उत्तर: हाइड्रोसीलेक्टोमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें हाइड्रोसील की थैली को निकाल दिया जाता है। यह सबसे प्रभावी और स्थायी उपचार होता है।

 

प्रश्न 8: क्या हाइड्रोसील का इलाज जरूरी है ?
उत्तर: नवजात शिशुओं में हाइड्रोसील अक्सर अपने आप ठीक हो जाती है और इलाज की आवश्यकता नहीं होती। वयस्कों में, यदि हाइड्रोसील दर्द का कारण बनता है या असहजता उत्पन्न करता है, तो इलाज जरूरी हो सकता है।

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