श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले वायरसों में ह्मून मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी ) और फ्लू दो प्रमुख नाम हैं। ये दोनों ही स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव डाल सकते हैं। एचएमपीवी और फ्लू दोनों ही श्वसन तंत्र से संबंधित गंभीर संक्रमण हो सकते हैं। इनसे बचने के लिए स्वच्छता, जागरूकता और सही समय पर उपचार बेहद महत्वपूर्ण है। आइए इन दोनों के बारे में अधिक जानें।


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एचएमपीवी क्या है? (What is HMPV?)


एचएमपीवी  एक प्रकार का श्वसन वायरस है जो बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों में श्वसन तंत्र संक्रमण का कारण बनता है। इसे पहली बार 2001 में वैज्ञानिकों ने पहचाना। यह वायरस पैरामाइक्सोविरिडे ( परिवार से संबंधित है, जो सामान्य सर्दी, इन्फ्लुएंजा, और श्वसन संबंधी अन्य संक्रमणों का कारण बनते हैं।

 

एचएमपीवी मुख्यतः निम्नलिखित माध्यमों से फैलता है:


1. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से: 

जब संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो वायरस युक्त बूंदें हवा में फैल जाती हैं।


2. संक्रमित सतहों का स्पर्श: 

यदि कोई व्यक्ति वायरस-युक्त सतहों (जैसे दरवाजे के हैंडल, खिलौने) को छूने के बाद अपनी आंख, नाक, या मुंह छूता है।


3. करीबी संपर्क: 

जैसे संक्रमित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाना या गले मिलना।

 

कौन सबसे अधिक जोखिम में है ?


एचएमपीवी किसी भी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन निम्नलिखित समूह विशेष रूप से अधिक जोखिम में होते हैं:

1. बच्चे: विशेषकर 5 वर्ष से कम आयु के।

2. बुजुर्ग: जिनकी आयु 65 वर्ष से अधिक है।

3. कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग: जैसे कैंसर, एचआईवी, या प्रतिरक्षा दबाने वाली दवाएं लेने वाले।

4. पुरानी बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति: जैसे अस्थमा, सीओपीडी, या हृदय रोग।

 

एचएमपीवी के सामान्य लक्षण


एचएमपीवी के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। ये आमतौर पर संक्रमण के 3-6 दिनों के भीतर प्रकट होते हैं।

1. हल्के लक्षण:

  • नाक बहना या बंद होना
     
  • खांसी
     
  • गले में खराश
     
  • बुखार
     
  • सिरदर्द
     
  • मांसपेशियों में दर्द

 

2. गंभीर लक्षण:

  • सांस लेने में कठिनाई
     
  • घरघराहट 
     
  • तेज खांसी
     
  • थकान या ऊर्जा की कमी
     
  • बच्चों में भूख की कमी या सुस्ती

 

फ्लू क्या है? (What is Flu) ?


फ्लू, जिसे इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है, एक संक्रामक श्वसन रोग है जो इन्फ्लुएंजा वायरस के कारण होता है। यह वायरस मुख्य रूप से नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है। फ्लू सर्दी की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है और यदि समय पर इलाज न हो, तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है, जैसे निमोनिया।

 

संक्रमण का तरीका:


फ्लू वायरस मुख्यतः निम्नलिखित माध्यमों से फैलता है:


1. ड्रॉपलेट्स (बूंदों) के माध्यम से:

जब संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता, या बोलता है, तो वायरस युक्त बूंदें हवा में फैल जाती हैं।


2. संक्रमित सतहों का स्पर्श:

यदि कोई व्यक्ति वायरस से दूषित सतह (जैसे दरवाजे का हैंडल, मोबाइल फोन) को छूने के बाद अपनी आंख, नाक, या मुंह को छूता है।


3. सीधे संपर्क से:

जैसे संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाना या गले मिलना।

 

फ्लू के सामान्य लक्षण:


फ्लू के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 1-4 दिनों के भीतर विकसित होते हैं।

1. सामान्य लक्षण:

  • बुखार या कंपकंपी
     
  • खांसी (आमतौर पर सूखी)
     
  • गले में खराश
     
  • नाक बहना या बंद होना
     
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
     
  • सिरदर्द
     
  • थकान या कमजोरी
     
  • बच्चों में पेट दर्द, उल्टी या दस्त।

 

2. गंभीर लक्षण (डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें):

  • सांस लेने में कठिनाई।
     
  • लगातार सीने में दर्द या दबाव।
     
  • भ्रम या सुस्ती।
     
  • अत्यधिक कमजोरी या सामान्य से अधिक नींद।

 

एचएमपीवी और फ्लू के बीच प्रमुख अंतर (Major differences between HMPV and the Flu)

 

पैरामीटरएचएमपीवी (HMPV)फ्लू (Flu)
वायरस का प्रकारपैरामाइक्सोविरिडे परिवार से संबंधितऑर्थोमाइक्सोविरिडे परिवार से संबंधित
रोकथाम और टीकाकरणएचएमपीवी के लिए कोई विशेष टीका उपलब्ध नहीं है।फ्लू के लिए वार्षिक टीका उपलब्ध है।
महामारी का खतराएचएमपीवी संक्रमण का कारण बनता है।फ्लू महामारी फैला सकता है जब वो तेज़ी से फैलता है।
प्रमुख लक्षणसांस लेने में कठिनाई, नाक बहनाबुखार, मांसपेशियों में दर्द, और थकावट।


एचएमपीवी और फ्लू का निदान और उपचार (Diagnosis and treatment of HMPV and Flu)


संक्रमणों के लिए परीक्षण विधियांः


एचएमपीवी (HMPV)


परीक्षण प्रकार:


आरटी-पीसीआर परीक्षण एचएमपीवी के जीनोमिक मटेरियल की पहचान के लिए सबसे सटीक है। वायरल कल्चर प्रयोगशाला में वायरस को विकसित कर उसकी पहचान की जाती है। एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट वायरस के प्रोटीन की उपस्थिति की जांच करता है, लेकिन यह कम सटीक हो सकता है। इसमें नाक या गले से स्वैब या ब्रोन्कियल लैवेज और बलगम का नमूना गंभीर मामलों में लिया जाता है।


फ्लू (Influenza)


रैपिड इन्फ्लुएंजा डायग्नोस्टिक टेस्ट यह सटीक परीक्षण है। आरटी-पीसीआर फ्लू वायरस के प्रकार (ए, बी) और सबटाइप (एच1एन1, एच3एनएन2) की पहचान करता है। वायरल कल्चर यह निदान की पुष्टि के लिए किया जा सकता है। इसमें नाक या गले का स्वैब लिया जाता है।


उपलब्ध उपचारः


एचएमपीवी (HMPV)


विशिष्ट एंटीवायरल दवा नहीं है। लक्षण-नियंत्रण उपचार के लिए बुखार और दर्द के लिए पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन दी जाती है। नाक की जकड़न के लिए सलाइन नेज़ल स्प्रे दिया जाता है। सांस लेने में कठिनाई होने पर ऑक्सीजन थेरेपी या नेब्युलाइजर। गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती और वेंटिलेटरी सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है।


फ्लू (Influenza)


एंटीवायरल दवाएं जैसे  ओसेल्टामिविर, ज़ानामिविर, पेरामिविर, बालोक्साविर दवाएं वायरस के प्रसार को कम करती हैं, लेकिन इन्हें संक्रमण के शुरुआती 48 घंटों में लिया जाना चाहिए। लक्षण-नियंत्रण उपचार के तहत बुखार और दर्द के लिए पेरासिटामोल, बलगम और खांसी के लिए कफ सप्रेसेंट और हाइड्रेशन बनाए रखने के लिए तरल पदार्थ दिया जाता है।


रोकथाम के उपाय (Preventive measures)
 

  • साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
     
  • आंख, नाक, और मुंह को बिना हाथ धोए छूने से बचें।
     
  • दरवाजों के हैंडल, मोबाइल फोन और अन्य सामान्य उपयोग की वस्तुओं को नियमित रूप से साफ और कीटाणुरहित करें।
     
  • सार्वजनिक स्थानों पर और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर मास्क पहनें। 
     
  • बंद और भीड़भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें। उचित वेंटिलेशन वाले स्थानों पर रहें।
     
  • खासकर उन लोगों से जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हों।
     
  • इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे विटामिन सी युक्त फल संतरा, नींबू, आंवला। जिंक युक्त आहार कद्दू के बीज, नट्स, एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सब्जियां पालक, ब्रोकली का अधिक प्रयोग करें।
     
  • शरीर को हाइड्रेटेड रखें। हर दिन 7-8 घंटे की नींद लें। नियमित रूप से हल्का व्यायाम या योग करें। तुलसी, अदरक, हल्दी और शहद का सेवन करें। 
     
  • तनाव को कम करने के लिए ध्यान और गहरी सांस लेने का अभ्यास करें।


फेलिक्स हॉस्पिटल्स में एचएमपीवी और फ्लू विशेषज्ञ के बारे में जाने (Know about HMPV & Flu Specialists at Felix Hospitals)


एचएमपीवी संक्रमण और फ्लू से फेफड़ों पर होने वाले प्रभाव को समझने और सही इलाज पाने के लिए फेलिक्स हॉस्पिटल्स के विशेषज्ञ हमेशा तत्पर हैं। श्वसन तंत्र की समस्याओं जैसे सांस फूलना, निमोनिया, और ब्रोन्काइटिस के निदान और उपचार के लिए हमारे अनुभवी पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. प्रियदर्शी जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में हमारी कुशल टीम उपलब्ध है।
साथ ही, हमारी जनरल फिजिशियन विशेषज्ञों की टीम में शामिल हैं: डॉ. अंशुमाला सिन्हा, डॉ. सोनाक्षी सक्सेना, डॉ. अपूर्वा शेट्टी, डॉ. नीलाभ प्रताप, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. रवि शर्मा, डॉ. केशव कुमार गर्ग है। फेलिक्स हॉस्पिटल्स में विशेषज्ञता और समर्पण का भरोसा करें, जहां आपकी सेहत हमारी प्राथमिकता है। 


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निष्कर्ष (Conclusion)


एमएमपीवी और फ्लू जैसे श्वसन संक्रमणों के प्रति जागरूकता बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि ये बीमारियां हल्के लक्षणों से लेकर गंभीर जटिलताओं तक का कारण बन सकती हैं। इनके प्रसार को रोकने और गंभीर परिणामों से बचने के लिए सही जानकारी, समय पर पहचान, और उचित इलाज अत्यावश्यक हैं। साथ ही एचएमपीवी और फ्लू से जुड़े किसी भी संदेह या गंभीर स्थिति में सही विशेषज्ञ से संपर्क करना आवश्यक है।

 

एचएमपीवी और फ्लू को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और जवाब ( Frequently asked questions and answers) 


प्रश्न 1: एचएमपीवी और फ्लू कैसे फैलते हैं ?
उत्तर: दोनों वायरस वायरल ड्रॉपलेट्स के जरिए फैलते हैं, जो खांसने, छींकने या संक्रमित सतहों से संपर्क में आने पर हवा में फैलते हैं। 


प्रश्न 2: क्या फ्लू का टीका एचएमपीवी से बचाव करता है ?
उत्तर: नहीं, फ्लू का टीका फ्लू के विभिन्न वायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन यह एचएमपीवी के खिलाफ प्रभावी नहीं है। एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट टीका नहीं है।


प्रश्न 3: अगर लक्षण गंभीर हो जाएं, तो मुझे क्या करना चाहिए ?
उत्तर: अगर सांस लेने में कठिनाई हो, बुखार बढ़ जाए या सीने में दर्द महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खासकर यदि आप बुजुर्ग हैं या आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है।


प्रश्न 4: क्या मैं फ्लू या एचएमपीवी से संक्रमित होने के बाद काम पर जा सकता हूं ?
उत्तर: जब तक आपके लक्षण पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते तब तक घर पर रहना बेहतर है ताकि आप दूसरों को संक्रमित न करें। फ्लू और एचएमपीवी दोनों वायरस सार्वजनिक स्थानों पर फैल सकते हैं।


प्रश्न 5:  क्या एचएमपीवी और फ्लू बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हैं ?
उत्तर: बच्चे और बुजुर्ग दोनों ही एचएमपीवी और फ्लू से अधिक प्रभावित होते हैं। इन दोनों समूहों में श्वसन समस्याएं जल्दी गंभीर हो सकती हैं, जैसे निमोनिया, श्वसन में कठिनाई और अन्य जटिलताएं।
 

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