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ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक श्वसन वायरस है जो मानव श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसे पहली बार 2001 में पहचाना गया था और यह पैरामाइक्सोविरिडे परिवार से संबंधित है। यह वायरस विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता है। एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। यह 2023 में चीन अमेरिका, नीदरलैंड, ब्रिटेन और अन्य देशों में भी देखा गया था। भारत में यह सामान्य मौसमी संक्रमणों के रूप में ही रहता है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्कता बरतनी चाहिए।
ज्यादा जानकारी के लिए हमें कॉल करें +91 9667064100।
एचएमपीवी क्या है ? (What is HMPV?)
बच्चों में एचएमपीवी के लक्षण (Symptoms of HMPV in children)
बुजुर्गों में एचएमपीवी के लक्षण (Symptoms of HMPV in the elderly)
इलाज और प्रबंधन (Treatment and management)
फेलिक्स हॉस्पिटल्स में एचएमपीवी विशेषज्ञ के बारे में जानें (Know the Specialist for HMPV in Felix Hospitals)
निष्कर्ष (Conclusion)
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और जवाब ( Frequently asked questions and answers)
एचएमपीवी एक श्वसन वायरस है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। यह वायरस बच्चों, वृद्ध लोगों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिए अधिक जोखिमपूर्ण हो सकता है। यह ऊपरी और निचले श्वसन तंत्र में संक्रमण का कारण बनता है। इसके कारण ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसे लक्षण दिखते हैं। एचएमपीवी संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक द्रवों के संपर्क से फैलता है जैसे खांसी और छींक से निकलने वाली बूंदें। संक्रमित सतहों को छूने के बाद हाथ, मुंह या नाक को छूना। संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से भी फैलता है।
1. सामान्य लक्षण:
बुखार
खांसी
नाक बहना
2. श्वसन समस्याएं:
घरघराहट
सांस लेने में कठिनाई
3. गंभीर संक्रमण:
निमोनिया
ब्रॉन्कियोलाइटिस
ज्यादा जोखिम किसे होता है ?
जन्मजात बीमारियों वाले बच्चे: जिन बच्चों में जन्म से ही हृदय या फेफड़ों की बीमारी हो।
अस्थमा या एलर्जी वाले बच्चे: जिन्हें पहले से सांस की बीमारियां हों।
कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चे: जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है।
6 महीने से छोटे बच्चे: छोटे बच्चों में एचएमपीवी से लड़ने की क्षमता कम होती है।
1. सामान्य लक्षण:
खांसी
सांस फूलना (डिस्प्निया)
गले में खराश
नाक बहना या जाम होना
बुखार और ठंड लगना
2. गंभीर लक्षण:
अत्यधिक थकान और कमजोरी
सीने में जकड़न या दर्द
ऑक्सीजन का स्तर कम होना (हाइपोक्सिया)
तेज़ या कठिन सांस लेना
3. कठिनाई:
निमोनिया (फेफड़ों में संक्रमण)
ब्रोन्काइटिस
फेफड़ों और हृदय की पुरानी समस्याओं का बिगड़ना
उच्च जोखिम वाले समूह:
60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग
फेफड़ों और हृदय की पूर्व समस्याओं वाले मरीज (जैसे सीओपीडी, अस्थमा, या हृदय रोग)
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग (जैसे डायबिटीज, कैंसर उपचार से गुजर रहे लोग, या ट्रांसप्लांट मरीज़)
1. लक्षणों के आधार पर उपचार:
बुखार और दर्द कम करना: डॉक्टर की सलाह पर पैरासिटामोल या अन्य बुखार कम करने वाली दवाओं का उपयोग करें।
तरल पदार्थ की आपूर्ति: शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त पानी, जूस और सूप का सेवन करें। गंभीर मामलों में तरल की कमी को दूर करने के लिए ड्रिप लगाई जा सकती है।
खांसी और गले की खराश: गर्म पानी से गरारे करें। खांसी कम करने के लिए हल्दी वाला दूध या अदरक-शहद का सेवन करें।
2. गंभीर मामलों में चिकित्सा सहायता:
ऑक्सीजन थेरेपी: यदि ऑक्सीजन का स्तर कम हो तो ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है।
वेंटिलेटर सपोर्ट: श्वसन फेलियर के मामलों में वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है।
हॉस्पिटलाइजेशन: निमोनिया, हाइपोक्सिया या ब्रोन्काइटिस के मामलों में अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य हो सकता है।
3. डॉक्टर से कब संपर्क करें ?
सांस लेने में कठिनाई (डिस्प्निया)।
सीने में जकड़न या दर्द।
गंभीर खांसी या बलगम में खून आना।
अत्यधिक सुस्ती या कमजोरी।
बच्चा खाना पीना बंद कर दे या तेज सांस ले।
4. अतिरिक्त सुझाव:
व्यक्तिगत स्वच्छता का महत्व
>हाथ धोना: साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं। यदि पानी उपलब्ध न हो, तो अल्कोहल-आधारित सैनिटाइजर का उपयोग करें।
>मास्क पहनना: भीड़भाड़ वाले स्थानों या संक्रमित व्यक्ति के पास जाते समय मास्क पहनें।
बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान:
उन्हें भीड़भाड़ वाले स्थानों, जैसे बाजार, सार्वजनिक परिवहन और सामूहिक कार्यक्रमों में जाने से बचाएं। स्कूल या अन्य संस्थानों में बच्चों को शारीरिक दूरी और स्वच्छता का महत्व समझाएं।
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना:
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें। उनके उपयोग किए गए कपड़े, बर्तन या अन्य वस्तुओं को छूने के बाद तुरंत हाथ धोएं। यदि परिवार का कोई सदस्य संक्रमित है, तो उनके लिए अलग कमरे और व्यक्तिगत वस्तुओं का उपयोग सुनिश्चित करें।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना
पोषणयुक्त आहार: ताजे फल और सब्जियां (विटामिन सी और जिंक युक्त) जैसे संतरा, आंवला, और पालक का सेवन। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे दाल, अंडे और नट्स का सेवन करें।
भरपूर पानी पीना: दिनभर हाइड्रेटेड रहें।
व्यायाम और योग: नियमित व्यायाम और ध्यान प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मदद करता है।
पर्याप्त नींद: प्रतिरक्षा प्रणाली को दुरुस्त रखने के लिए 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें।
एचएमपीवी संक्रमण के कारण फेफड़ों पर असर पड़ने पर हमारे विशेषज्ञ आपकी देखभाल के लिए तत्पर हैं। श्वसन तंत्र की समस्याओं जैसे सांस फूलना, निमोनिया और ब्रोन्काइटिस के निदान और उपचार के लिए डॉ. प्रियदर्शी जितेंद्र कुमार, जो सबसे अनुभवी पल्मोनोलॉजिस्ट हैं, का नेतृत्व करते हुए हमारी कुशल टीम आपकी सेवा में है।
साथ ही, हमारी जनरल फिजिशियन विशेषज्ञों की टीम में शामिल हैं डॉ. अंशुमाला सिन्हा, डॉ. सोनाक्षी सक्सेना, डॉ. अपूर्वा शेट्टी, डॉ. नीलाभ प्रताप, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. रवि शर्मा, और डॉ. केशव कुमार गर्ग। फेलिक्स हॉस्पिटल पर भरोसा करें, जहां विशेषज्ञता और समर्पण दोनों हैं।
डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फोन करें +91 9667064100 और अपना अपॉइंटमेंट बुक करें।
एचएमपीवी के खिलाफ सतर्कता और जागरूकता से संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। सही समय पर कार्रवाई, स्वच्छता, और स्वास्थ्यप्रद आदतों का पालन संक्रमण से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और किसी भी श्वसन संबंधी समस्या के लिए समय पर चिकित्सा सलाह लें।
प्रश्न 1: एचएमपीवी कैसे फैलता है ?
उत्तरः एचएमपीवी मुख्य रूप से खांसने या छींकने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स, संक्रमित सतहों को छूने के बाद मुंह, नाक, या आंखों को छूने, संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से फैलता है।
प्रश्न 2: एचएमपीवी के लिए सबसे अधिक जोखिम में कौन हैं ?
उत्तरः बच्चे विशेष रूप से 5 साल से कम उम्र के, बुजुर्ग जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक है, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति यानी कैंसर, एचआईवी या अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति अधिक प्रभावित है। इसके अलावा पूर्व में श्वसन या हृदय की समस्याएं झेल रहे लोग भी शामिल है।
प्रश्न 3: क्या एचएमपीवी का कोई टीका है ?
उत्तरः वर्तमान में एचएमपीवी के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। हालांकि शोधकर्ता इस पर काम कर रहे हैं। संक्रमण से बचाव के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता और सावधानियां सबसे प्रभावी उपाय हैं।
प्रश्न 4: एचएमपीवी का इलाज कैसे किया जाता है ?
उत्तरः एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट एंटी वायरल दवा उपलब्ध नहीं है। उपचार मुख्य रूप से लक्षणों को नियंत्रित करने पर केंद्रित है। बुखार के लिए पैरासिटामोल दी जाती है। तरल पदार्थ की भरपूर मात्रा के अलावा गंभीर मामलों में अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट या वेंटिलेटर की आवश्यकता हो सकती है।
प्रश्न 5: क्या एचएमपीवी एक बार होने के बाद दोबारा हो सकता है ?
उत्तरः हां एचएमपीवी से दोबारा संक्रमित होने की संभावना होती है, क्योंकि वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रहती। इसलिए सतर्क रहना और सावधानियां बरतना आवश्यक है।