आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हृदय रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। असंतुलित आहार, व्यस्त जीवनशैली और व्यायाम की कमी के कारण दिल की बीमारियां आम हो गई हैं। एक स्वस्थ हृदय के लिए नियमित व्यायाम करना बेहद जरूरी है। यहां हम आपको चार ऐसी एक्सरसाइज के बारे में बताएंगे, जो आपके दिल को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखेंगी।
 

अगर आप हृदय से जुड़ी किसी भी समस्या से जूझ रहे हैं और पास में अच्छा हॉस्पिटल (the best hospital near me) ढूंढ रहे हैं, तो अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें। समय पर जांच और सही उपचार आपके हृदय को सुरक्षित रख सकता है।
 

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Table of Contents-

  • स्वस्थ दिल का महत्व (The Importance of a Healthy Heart)
     
  • एक्सरसाइज 1: कार्डियो वर्कआउट (Exercise 1: Cardio Workout)
     
  • एक्सरसाइज 2: साइकलिंग (Exercise 2: Cycling)
     
  • एक्सरसाइज 3: योग और प्राणायाम (Exercise 3: Yoga and Pranayama)
     
  • एक्सरसाइज 4: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Exercise 4: Strength Training)
     
  • हृदय स्वास्थ्य बनाए रखने के अन्य सुझाव (Other Tips to Maintain Heart Health)
     
  • फेलिक्स अस्पताल में पाएँ बेहतरीन हृदय देखभाल – अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट के साथ (Get the Best Heart Care at Felix Hospital – with Experienced Cardiologists)
     
  • निष्कर्ष (Conclusion)
  • दिल को स्वस्थ रखने एक्सरसाइज को लेकर अक्सर पूूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (Frequently Asked Questions and Answers about Exercises to Keep the Heart Healthy)

 

 

स्वस्थ दिल का महत्व (The Importance of a Healthy Heart)

दिल हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो पूरे शरीर में रक्त संचार को नियंत्रित करता है। एक स्वस्थ दिल न केवल हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि हृदय रोगों के जोखिम को भी कम करता है। संतुलित आहार, सक्रिय जीवनशैली और नियमित व्यायाम स्वस्थ दिल के लिए आवश्यक हैं। नियमित व्यायाम से हृदय मजबूत होता है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित रहता है। इसके अलावा, यह शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बेहतर बनाता है और तनाव को कम करने में सहायक होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम शारीरिक गतिविधि या 75 मिनट की तीव्र शारीरिक गतिविधि हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यदि आपको हृदय से जुड़ी किसी भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत किसी अच्छे कार्डियोलॉजी अस्पताल (best Cardiology Hospital in Noida) से संपर्क करें, जहां विशेषज्ञ चिकित्सक आपकी हृदय सेहत का सही मार्गदर्शन और उपचार प्रदान कर सकें।
 

हृदय स्वास्थ्य के लिए प्रभावी व्यायामः

  • तेज चलना (ब्रिस्क वॉकिंग)
    यह सबसे सरल और प्रभावी व्यायामों में से एक है। प्रतिदिन 30-45 मिनट की तेज़ चाल से दिल की धड़कन बेहतर होती है और रक्त संचार सुचारू रूप से चलता है।
     
  • साइकलिंग
    नियमित साइकलिंग हृदय को मजबूत बनाती है और शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाती है। यह व्यायाम रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक होता है।
     
  • तैराकी (स्विमिंग)
    तैराकी पूरे शरीर के लिए एक बेहतरीन कार्डियो एक्सरसाइज़ है। यह हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद करती है और जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालती।
     
  • जॉगिंग या दौड़ना
    हल्की या मध्यम गति से दौड़ना हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन व्यायाम है। यह हृदय की क्षमता बढ़ाता है, तनाव को कम करता है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर करता है।

 

 

एक्सरसाइज 1: कार्डियो वर्कआउट (Exercise 1: Cardio Workout)

कार्डियो वर्कआउट का मुख्य उद्देश्य हृदय और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाना होता है। यह व्यायाम हृदय की धड़कन को तेज़ करता है और पूरे शरीर में ऑक्सीजन और रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है। नियमित रूप से कार्डियो एक्सरसाइज़ करने से हृदय मजबूत होता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
 

वॉकिंग, जॉगिंग और रनिंग के लाभ

  • वॉकिंग (तेज चाल में चलना)
    जोड़ों पर कम प्रभाव डालता है, जिससे यह सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है।
    रक्त संचार को सुधारता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है।
    वजन प्रबंधन में सहायक और तनाव को कम करता है।
     
  • जॉगिंग (हल्की दौड़)
    यह वॉकिंग से अधिक प्रभावी होती है और हृदय को अधिक मजबूती प्रदान करती है।
    कैलोरी बर्न करने में मददगार और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में सहायक।
    मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और संपूर्ण फिटनेस को सुधारता है।
     
  • रनिंग (तेज गति से दौड़ना)
    यह एक उच्च-तीव्रता वाला व्यायाम है जो हृदय गति को तेजी से बढ़ाता है।
    सहनशक्ति को बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है।
    हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करता है।
     

हृदय गति को कैसे नियंत्रित करता है ?

कार्डियो वर्कआउट करने से हृदय की पंपिंग क्षमता बेहतर होती है और यह कम प्रयास में अधिक रक्त पंप करने में सक्षम हो जाता है। इससे हृदय की धड़कन सामान्य रहती है और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का जोखिम कम होता है। इसके अलावा, यह शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है।
 

सही तरीका और अवधिः
 

  • सही तरीका:
    किसी भी कार्डियो वर्कआउट से पहले 5-10 मिनट वॉर्म-अप करें।
    मांसपेशियों को धीरे-धीरे गति में लाएं और अत्यधिक थकान से बचें।
    वॉकिंग करते समय पीठ सीधी रखें और सामान्य गति से सांस लें।
    दौड़ते समय सही फुटवियर पहनें ताकि घुटनों पर दबाव कम पड़े।
     
  • अवधि:
    शुरुआती लोगों के लिए 15-20 मिनट पर्याप्त हैं।
    धीरे-धीरे इसे 30-45 मिनट तक बढ़ाएं, सप्ताह में कम से कम 5 दिन।
    यदि वजन कम करना हो, तो 60 मिनट तक की रनिंग या जॉगिंग प्रभावी होती है।

 

 

एक्सरसाइज 2: साइकलिंग (Exercise 2: Cycling)

साइकलिंग एक बेहतरीन कार्डियो वर्कआउट है जो हृदय को मजबूत बनाता है और समग्र फिटनेस को बढ़ाता है। यह एक कम प्रभाव वाला व्यायाम है, जिसका अर्थ है कि यह जोड़ों पर अधिक दबाव डाले बिना हृदय और मांसपेशियों को सक्रिय करता है।
 

साइकलिंग से हृदय स्वास्थ्य को कैसे फायदा होता है ?

हृदय को मजबूत बनाता है – नियमित साइकलिंग से हृदय की पंपिंग क्षमता बढ़ती है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है – साइकलिंग करने से हाई ब्लड प्रेशर कम करने में मदद मिलती है, जिससे हृदय रोगों का खतरा घटता है।
कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करता है – यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाता है और खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करता है।
वजन घटाने में सहायक – यह कैलोरी बर्न करने में मदद करता है, जिससे शरीर पर अतिरिक्त फैट नहीं जमता और हृदय स्वस्थ बना रहता है।
तनाव कम करता है – साइकलिंग करने से शरीर में एंडोर्फिन (खुशी के हार्मोन) का स्राव होता है, जो तनाव और चिंता को कम करता है।
 

इनडोर और आउटडोर साइकलिंग के फायदे

नडोर साइकलिंग (स्टेशनरी बाइक)

  • किसी भी मौसम में किया जा सकता है।
  • शुरुआती लोगों के लिए सुरक्षित और नियंत्रित वातावरण।
  • टारगेट हार्ट रेट और रेजिस्टेंस को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • जॉइंट पेन या बैलेंस की समस्या वाले लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प।
     

आउटडोर साइकलिंग

  • प्रकृति में ताजी हवा लेने का मौका मिलता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  • अधिक कैलोरी बर्न होती है, क्योंकि बाहर सड़कों और चढ़ाई पर अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
  • पूरे शरीर की मांसपेशियों को एक्टिव करता है, खासकर पैरों, पेट और पीठ के लिए लाभकारी।
  • अधिक मज़ेदार और सामाजिक गतिविधि के रूप में भी किया जा सकता है।

 

 

एक्सरसाइज 3: योग और प्राणायाम (Exercise 3: Yoga and Pranayama)

योग और प्राणायाम न केवल शरीर को लचीला और मजबूत बनाते हैं, बल्कि हृदय स्वास्थ्य को भी बेहतर करते हैं। नियमित योगाभ्यास से रक्त संचार सुचारू रहता है, हृदय की धड़कन संतुलित होती है, और तनाव कम होता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है।
 

हृदय के लिए लाभकारी योगासन

ताड़ासन (Mountain Pose)

  • शरीर को संतुलित और लचीला बनाता है।
  • रक्त संचार को बेहतर करता है और हृदय पर दबाव कम करता है।
  • श्वसन प्रक्रिया को सुधारता है, जिससे हृदय को अधिक ऑक्सीजन मिलती है।
     

कैसे करें ?

  • सीधे खड़े हों और दोनों हाथ ऊपर उठाएं।
  • एड़ियों को ऊपर उठाएं और पूरे शरीर को स्ट्रेच करें।
  • कुछ सेकंड रुकें और सामान्य सांस लें।
  • धीरे-धीरे वापस आएं।
     

भुजंगासन (Cobra Pose)

  • हृदय और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है।
  • छाती को खोलता है, जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है।
  • रक्त संचार में सुधार करता है और तनाव कम करता है।
     

कैसे करें ?

पेट के बल लेट जाएं और हथेलियों को कंधों के नीचे रखें।
धीरे-धीरे सिर और छाती को ऊपर उठाएं और हाथों को सीधा करें।
इस स्थिति में कुछ सेकंड रुकें और फिर वापस आएं।
 

वृक्षासन (Tree Pose)

  • हृदय की धड़कन को संतुलित करता है।
  • मानसिक शांति प्रदान करता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
  • संतुलन और एकाग्रता बढ़ाता है।
     

कैसे करें ?

  • सीधे खड़े हों और एक पैर को दूसरे पैर की जांघ पर रखें।
  • दोनों हाथों को ऊपर जोड़ें और संतुलन बनाए रखें।
  • कुछ सेकंड रुकें और फिर दूसरे पैर से दोहराएं।
     

प्राणायाम का महत्वः

प्राणायाम हृदय की कार्यक्षमता को बढ़ाने, तनाव को कम करने और रक्त संचार को सुधारने में सहायक होता है।
 

अनुलोम-विलोम (Alternate Nostril Breathing)

  • रक्त संचार में सुधार करता है और हृदय की धड़कन को नियंत्रित करता है।
  • तनाव और चिंता को कम करता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है।
  • फेफड़ों की क्षमता बढ़ाकर ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है।
     

कैसे करें ?

  • आरामदायक स्थिति में बैठें।
  • दाहिने हाथ के अंगूठे से दाहिनी नासिका बंद करें और बाईं नासिका से गहरी सांस लें।
  • फिर बाईं नासिका बंद करें और दाहिनी से सांस छोड़ें।
  • यह प्रक्रिया 5-10 मिनट तक दोहराएं।
     

भ्रामरी प्राणायाम (Bee Breath)

  • मन को शांत करता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
  • दिल की धड़कन को स्थिर रखता है और नकारात्मक विचारों को कम करता है।
  • ऑक्सीजन आपूर्ति को बढ़ाकर हृदय की कार्यक्षमता को सुधारता है।
     

कैसे करें ?

  • बैठकर आंखें बंद करें और गहरी सांस लें।
  • सांस छोड़ते समय "हम्म" की आवाज करें, जैसे मधुमक्खी गूंज रही हो।
  • इसे 5-7 बार दोहराएं।
     

मानसिक शांति और रक्त संचार में सुधार

  • योग और प्राणायाम करने से तनाव के हार्मोन (कॉर्टिसोल) का स्तर कम होता है, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
  • गहरी सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है।
  • ध्यान और प्राणायाम से मानसिक शांति मिलती है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।

 

 

एक्सरसाइज 4: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Exercise 4: Strength Training)

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग केवल मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नहीं, बल्कि हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी बेहद प्रभावी है। हल्के वजन उठाने या बॉडीवेट एक्सरसाइज करने से हृदय की पंपिंग क्षमता बढ़ती है, रक्त संचार बेहतर होता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
 

हल्के वजन उठाने या बॉडीवेट एक्सरसाइज का असर

  • हृदय को मजबूत करता है – नियमित रूप से स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से हृदय अधिक कुशलता से रक्त पंप कर पाता है।
  • ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है – यह व्यायाम रक्त वाहिकाओं की लोच को बनाए रखता है, जिससे उच्च रक्तचाप कम होता है।
  • कोलेस्ट्रॉल स्तर को सुधारता है – अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाता है और खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करता है।
  • मेटाबॉलिज्म को तेज करता है – अधिक मांसपेशी द्रव्यमान से शरीर अधिक कैलोरी जलाता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता।
  • ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है – स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम होता है।
     

हृदय को मजबूत करने में मददगार व्यायाम


पुश-अप्स (Push-Ups)

हृदय की कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक।
छाती, कंधे और बाजुओं को मजबूत करता है।
ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
 

कैसे करें ?

  • हथेलियों को कंधों के सीध में रखें और पैरों को सीधा पीछे फैलाएं।
  • शरीर को धीरे-धीरे नीचे लाएं और फिर ऊपर उठाएं।
  • शुरुआती लोग 10-15 पुश-अप्स से शुरुआत करें।
     

स्क्वाट्स (Squats)

  • पैरों और हृदय को मजबूत करता है।
  • रक्त संचार को बेहतर बनाता है और हृदय पर कम दबाव डालता है।
  • शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है।
     

कैसे करें ?

  • पैरों को कंधों की चौड़ाई के बराबर खोलकर खड़े हों।
  • घुटनों को मोड़कर पीछे की ओर बैठें जैसे कि आप कुर्सी पर बैठ रहे हों।
  • फिर धीरे-धीरे खड़े हों।
  • शुरुआती लोग 10-15 स्क्वाट्स से शुरुआत करें।
     

प्लैंक (Plank)

  • कोर मसल्स को मजबूत करता है और हृदय को अधिक कुशल बनाता है।
  • ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है और तनाव कम करता है।
  • शरीर को स्थिर रखने और बैलेंस सुधारने में मदद करता है।
     

कैसे करें ?

  • अपनी कोहनी और पैरों के पंजों पर संतुलन बनाए रखें।
  • शरीर को सीधा रखें और इस स्थिति में 30-60 सेकंड तक रुकें।
  • धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
     

सही तकनीक और सुरक्षा टिप्स

हल्के वजन से शुरुआत करें – यदि आप डम्बल्स या अन्य वेट्स का उपयोग कर रहे हैं, तो पहले हल्के वजन से शुरू करें और धीरे-धीरे वजन बढ़ाएं।
सही फॉर्म बनाए रखें – गलत मुद्रा से जोड़ों और मांसपेशियों पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है।
सांस लेने की तकनीक अपनाएं – व्यायाम के दौरान सांस अंदर और बाहर लेने का सही तरीका अपनाएं ताकि शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन मिले।
ओवरट्रेनिंग से बचें – बहुत अधिक वर्कआउट करने से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, इसलिए संतुलन बनाए रखें।
वॉर्म-अप और कूल-डाउन करें – स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से पहले हल्का वॉर्म-अप और बाद में स्ट्रेचिंग करने से चोटों से बचा जा सकता है।
हाइड्रेटेड रहें – व्यायाम के दौरान और बाद में पर्याप्त पानी पिएं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।

 

 

हृदय स्वास्थ्य बनाए रखने के अन्य सुझाव (Other Tips to Maintain Heart Health)

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए सिर्फ व्यायाम ही नहीं, बल्कि जीवनशैली में कुछ अन्य बदलाव भी जरूरी हैं। संतुलित आहार, बुरी आदतों से बचाव और नियमित हेल्थ चेकअप से हृदय रोगों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
 

संतुलित आहार का महत्व

हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए सही पोषण बहुत जरूरी है। कुछ आवश्यक आहार संबंधी सुझाव:
 

फाइबर युक्त आहार लें – साबुत अनाज, दलिया, ब्राउन राइस और हरी सब्जियां फाइबर से भरपूर होती हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखती हैं।
अच्छी वसा का सेवन करें – एवोकाडो, नट्स, ऑलिव ऑयल और मछली में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय के लिए फायदेमंद होते हैं।
सोडियम (नमक) की मात्रा कम करें – अधिक नमक ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
प्रसंस्कृत और तले-भुने खाद्य पदार्थों से बचें – पैकेज्ड और जंक फूड में ट्रांस फैट होता है, जो हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है।
पर्याप्त पानी पिएं – शरीर को हाइड्रेटेड रखना हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
चीनी का सेवन सीमित करें – अत्यधिक चीनी मधुमेह और मोटापे का कारण बन सकती है, जो हृदय रोगों का जोखिम बढ़ा देती है। 
 

धूम्रपान और शराब से बचाव

धूम्रपान बंद करें – सिगरेट में मौजूद निकोटिन और अन्य हानिकारक तत्व धमनियों को संकुचित करते हैं, जिससे रक्त संचार बाधित होता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
अल्कोहल का सेवन सीमित करें – अत्यधिक शराब पीने से हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल असंतुलन और हृदय की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
धूम्रपान छोड़ने के लिए मदद लें – अगर धूम्रपान छोड़ना मुश्किल हो रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श लें और निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT) पर विचार करें।
 

नियमित हेल्थ चेकअप

ब्लड प्रेशर जांचें – हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) हृदय रोगों का एक बड़ा कारण है, इसलिए समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करवाएं।
कोलेस्ट्रॉल स्तर की निगरानी करें – हाई LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) और कम HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) हृदय रोगों का संकेत हो सकते हैं।
ब्लड शुगर टेस्ट कराएं – मधुमेह हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकता है, इसलिए शुगर लेवल को संतुलित रखना जरूरी है।
ईसीजी और ईको टेस्ट कराएं – यदि आपको हृदय संबंधी कोई समस्या महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर आवश्यक जांच करवाएं।
बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) जांचें – स्वस्थ वजन बनाए रखना हृदय के लिए फायदेमंद होता है, इसलिए अपने बॉडी मास इंडेक्स को नियंत्रित रखें।

 

फेलिक्स अस्पताल में पाएँ बेहतरीन हृदय देखभाल – अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट के साथ (Get the Best Heart Care at Felix Hospital – with Experienced Cardiologists)

फेलिक्स अस्पताल नोएडा के सबसे बेहतरीन हृदय रोग विशेषज्ञों के साथ (the best cardiologist in noida) अत्याधुनिक हृदय देखभाल सेवाएँ प्रदान करता है। हमारी अनुभवी टीम में शामिल हैं:
 

  • डॉ. राहुल अरोड़ा – इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में विशेषज्ञ, हार्ट फेल्योर और जटिल हृदय रोगों के सफल उपचार में माहिर।
     
  • डॉ. सिद्धार्थ सम्राट – हृदय रोगों के सटीक निदान और प्रभावी उपचार में निपुण, जो निवारक हृदय देखभाल पर विशेष ध्यान देते हैं।
     
  • डॉ. वीरेंद्र सिंह – अत्यधिक अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञ, जो रोगियों के लिए उच्च स्तरीय और मरीज-केंद्रित हृदय उपचार प्रदान करते हैं।
     

फेलिक्स अस्पताल उन्नत तकनीकों से सुसज्जित है और नोएडा के शीर्ष हृदय अस्पतालों में से एक है। हम अपने मरीजों को संपूर्ण और व्यक्तिगत हृदय देखभाल प्रदान करते हैं, जिससे वे एक स्वस्थ जीवन जी सकें। 
 

डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फोन करें +91 9667064100.

 

 

निष्कर्ष (Conclusion)

फेलिक्स हॉस्पिटल का अनुभवी नेफ्रोलॉजी विभाग डायबिटीज से जुड़ी किडनी समस्याओं का समर्पित उपचार प्रदान करता है। डायबेटिक नेफ्रोपैथी और किडनी इंफेक्शन से पीड़ित मरीजों के लिए हमारे विशेषज्ञ कस्टमाइज्ड उपचार योजना बनाते हैं, जिससे उनकी किडनी हेल्थ को बनाए रखा जा सके और दीर्घकालिक जटिलताओं से बचाव किया जा सके। अगर आप किडनी या दिल से जुड़ी किसी समस्या का सामना कर रहे हैं और दिल के इलाज की कीमत (cost of heart related issues) जानना चाहते हैं, तो फेलिक्स हॉस्पिटल से संपर्क करें और बेहतरीन चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठाएं।

 

 

दिल को स्वस्थ रखने  एक्सरसाइज को लेकर अक्सर पूूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (Frequently Asked Questions and Answers about Exercises to Keep the Heart Healthy)

सवाल 1: हफ्ते में कितने दिन एक्सरसाइज करना चाहिए ?
उत्तर: कम से कम 5 दिन, हर दिन 30 मिनट की एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, सप्ताह में 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली एक्सरसाइज (जैसे तेज चलना) या 75 मिनट की उच्च-तीव्रता वाली एक्सरसाइज (जैसे दौड़ना) फायदेमंद होती है।
 

सवाल 2: क्या सिर्फ वॉकिंग करने से भी हृदय स्वस्थ रह सकता है ?
उत्तर: हां! तेज चलना (Brisk Walking) हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है, कोलेस्ट्रॉल कम करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है। रोज़ाना 30-40 मिनट की वॉक करने से हृदय रोगों का खतरा काफी कम हो जाता है।
 

सवाल 3: दिल के मरीजों को कौन-कौन सी एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए ?
उत्तर: यदि किसी को हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर या हाल ही में हार्ट अटैक हुआ हो, तो उन्हें बहुत ज़्यादा तीव्रता वाले व्यायाम (जैसे हैवी वेटलिफ्टिंग, हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग - HIIT) से बचना चाहिए। किसी भी नए व्यायाम को शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
 

सवाल 4 :  एक्सरसाइज करते समय सांस फूलना या थकान महसूस हो तो क्या करें ?
उत्तर: अगर हल्की-फुल्की थकान होती है, तो यह सामान्य है। लेकिन अगर सांस लेने में कठिनाई हो, चक्कर आए, छाती में दर्द या बहुत अधिक थकान महसूस हो, तो तुरंत एक्सरसाइज रोक दें और डॉक्टर से परामर्श लें।
 

सवाल 5 : क्या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (वेट लिफ्टिंग) हृदय के लिए सुरक्षित है ?
उत्तर: हां, हल्की से मध्यम स्तर की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (जैसे पुश-अप्स, स्क्वाट्स, डंबल्स से एक्सरसाइज) हृदय के लिए अच्छी होती है। यह मांसपेशियों को मजबूत करती है, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखती है और शरीर का फैट कम करने में मदद करती है। लेकिन, यदि आपको हृदय संबंधी कोई समस्या है, तो भारी वजन उठाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
 

सवाल 6: एक्सरसाइज करने का सबसे अच्छा समय कौन-सा होता है ?
उत्तर: सुबह का समय (6 AM - 9 AM) सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि उस समय हवा ताजी होती है और शरीर अधिक एक्टिव रहता है। लेकिन यदि सुबह समय नहीं मिल पाता, तो शाम को भी एक्सरसाइज की जा सकती है। मुख्य बात यह है कि नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है, समय मायने नहीं रखता।

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