साइलेंट हार्ट अटैक (Silent Heart Attack) या "साइलेंट मायोकार्डियल इंफार्क्शन" एक ऐसा स्थिति है जिसमें व्यक्ति को दिल के दौरे के सामान्य लक्षण महसूस नहीं होते हैं या वे इतने हल्के होते हैं कि अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। जानिए इसके लक्षण से लेकर इलाज तक के बारे में विस्तार से..

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साइलेंट हार्ट अटैक क्या है ? (What is Silent Heart Attack in Hindi?)

साइलेंट हार्ट अटैक (Silent Heart Attack in Hindi), जिसे मूक हृदयाघात (Silent Heart Attack) भी कहा जाता है, एक प्रकार का हृदयाघात होता है जिसमें सामान्य लक्षण जैसे कि छाती में दर्द, सांस की तकलीफ, पसीना आदि महसूस नहीं होते हैं। इसके कारण व्यक्ति को पता नहीं चलता कि उसे हार्ट अटैक हो रहा है। यह स्थिति खासकर उन लोगों के लिए खतरनाक होती है जिन्हें मधुमेह, उच्च रक्तचाप या हृदय रोगों का इतिहास हो। 


साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Silent Heart Attack in Hindi)
 

  • हल्का सीने में दबाव या बेचैनी: 
    यह दर्द या भारीपन की तरह महसूस हो सकता है, लेकिन यह बहुत अधिक तीव्र नहीं होता।
     
  • सांस लेने में कठिनाई: 
    सांस फूलना या सांस लेने में हल्की कठिनाई महसूस हो सकती है।
     
  • थकान या कमजोरी: 
    सामान्य से अधिक थकान या कमजोरी महसूस हो सकती है, बिना किसी स्पष्ट कारण के।
     
  • पसीना आना: 
    ठंडा पसीना आ सकता है, जो सामान्य गतिविधियों के दौरान नहीं होता।
     
  • जी मिचलाना या उल्टी: 
    बिना किसी स्पष्ट कारण के मतली या उल्टी महसूस हो सकती है।
     
  • चक्कर आना या बेहोशी: 
    हल्का चक्कर आना या बेहोशी की भावना हो सकती है।
     
  • हल्की पीठ, गर्दन, जबड़े, या बांह में दर्द: 
    हल्की पीठ, गर्दन, जबड़े, या बांह में दर्द  पर हल्का दर्द या असुविधा महसूस हो सकती है।
     

साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart Attack in Hindi) बहुत ही सामान्य होते है इनको सही समय से जानना बेहद महत्वपूर्ण है आप भी सही समय से लक्षणों को पहचाने और अपना व अपने परिवार का ध्यान रखें।


 

साइलेंट हार्ट अटैक के प्रकार (Types of Silent Heart Attack)
 

  • NSTEMI (नॉन-एसटी-एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन):  

    यह प्रकार हार्ट अटैक का वह प्रकार है जिसमें हार्ट की मांसपेशी को नुकसान पहुंचता है, लेकिन इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) पर ST-संवर्धन नहीं दिखता। यह अक्सर तब होता है जब एक आर्टरी आंशिक रूप से अवरुद्ध हो जाती है।
     
  • STEMI (एसटी-एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन): 
    यह प्रकार हार्ट अटैक का गंभीर प्रकार है जिसमें एक आर्टरी पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती है, जिससे हार्ट की मांसपेशी को गंभीर नुकसान पहुंचता है। इस प्रकार के हार्ट अटैक का पता लगाने के लिए ईसीजी पर स्पष्ट ST-संवर्धन देखा जा सकता है।
     
  • माइक्रोवेस्कुलर एंजाइना (Microvascular Angina): 
    यह तब होता है जब हृदय की छोटी रक्त वाहिकाओं में रक्त प्रवाह में कमी हो जाती है। यह सामान्यतः महिलाओं में देखा जाता है और इसके लक्षण अक्सर साइलेंट हार्ट अटैक की तरह ही होते हैं।
     
  • टाइप 2 हार्ट अटैक (Type 2 Myocardial Infarction): 
    यह तब होता है जब हार्ट की ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन होता है, जिसके कारण हार्ट की मांसपेशी को नुकसान पहुंचता है।


     

साइलेंट हार्ट अटैक के कारण (Causes of Silent Heart Attack)
 

  • कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease): 
    यह सबसे सामान्य कारण है। जब कोरोनरी आर्टरीज में प्लाक जमा हो जाता है, जिससे ब्लॉकेज हो जाती है और रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है।
     
  • उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure): 
    उच्च रक्तचाप हार्ट पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
     
  • मधुमेह (Diabetes): 
    मधुमेह हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं और नसों को नुकसान पहुंचाता है।
     
  • कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर (High Cholesterol Levels): 
    उच्च कोलेस्ट्रॉल रक्त वाहिकाओं में प्लाक के निर्माण का कारण बन सकता है, जिससे ब्लॉकेज और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
     
  • धूम्रपान (Smoking): 
    धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाता है।
     
  • तनाव (Stress): 
    लंबे समय तक तनाव हृदय पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
     
  • शारीरिक निष्क्रियता (Physical Inactivity): 
    नियमित शारीरिक गतिविधि की कमी से हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है।
     
  • अस्वास्थ्यकर आहार (Unhealthy Diet): 
    संतृप्त वसा, ट्रांस वसा, और उच्च सोडियम युक्त आहार का सेवन हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकता है।
     
  • परिवार में हृदय रोग का इतिहास (Family History of Heart Disease): 
    यदि आपके परिवार में किसी को हृदय रोग है, तो आपका जोखिम बढ़ सकता है।
     
  • उम्र (Age): 
    उम्र बढ़ने के साथ हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है।

     


साइलेंट हार्ट अटैक से बचाव (Prevention of Silent Heart Attack)
 

स्वस्थ आहार लें: 

  • अधिक मात्रा में फल और सब्जियां खाएं।
  • साबुत अनाज, जैसे कि ओट्स, ब्राउन राइस, और होल ग्रेन ब्रेड को अपने आहार में शामिल करें।
  • मछली, चिकन, और बीन्स जैसे प्रोटीन स्रोतों को प्राथमिकता दें। 
  • ट्रांस और सैचुरेटेड फैट्स से बचें और स्वस्थ फैट्स, जैसे कि एवोकाडो और नट्स का सेवन करें।


नियमित व्यायाम करें: 

  • सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता वाले एरोबिक एक्सरसाइज करें, जैसे कि तेज चलना, तैरना, या साइकिल चलाना।
  • सप्ताह में कम से कम दो दिन मांसपेशियों की मजबूती के लिए व्यायाम करें।


स्वस्थ वजन बनाए रखें:

  • अपने बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को स्वस्थ रेंज में बनाए रखें।
  • अगर आपका वजन अधिक है, तो वजन घटाने के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम अपनाएं।


धूम्रपान और तंबाकू का सेवन बंद करें:

  • धूम्रपान छोड़ने के लिए सहायता प्राप्त करें, जैसे कि निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरपी या परामर्श।
  • यदि आप शराब पीते हैं, तो इसे मॉडरेशन में करें। महिलाओं के लिए दिन में एक ड्रिंक और पुरुषों के लिए दो ड्रिंक तक सीमित रखें।


नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं:

  • नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की जांच करें।
  • अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल की नियमित जांच करवाएं।
  • मधुमेह की जांच के लिए ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच करवाएं।


तनाव को कम करें:

  • योग, ध्यान, और गहरी सांस लेने के अभ्यास जैसे तनाव प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करें।
  • आराम: पर्याप्त नींद लें और अपने लिए समय निकालें।


दवाइयों का सेवन:

  • यदि आपके डॉक्टर ने आपको कोई दवा दी है, तो उसे नियमित रूप से और सही तरीके से लें।


पारिवारिक इतिहास पर ध्यान दें:

  • यदि आपके परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, तो अपने डॉक्टर को इसके बारे में बताएं और नियमित जांच करवाएं।


 

साइलेंट हार्ट अटैक का इलाज (Treatment of Silent Heart Attack)


दवाइयां:

  • जैसे एस्पिरिन, जो रक्त के थक्के बनने से रोकते हैं।
  • जो हृदय की गति को कम करते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं।
  • जो रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करते हैं और हृदय पर भार कम करते हैं।
  • जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं और प्लाक के निर्माण को रोकते हैं।


एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग:

  • यह प्रक्रिया ब्लॉकेज को खोलने के लिए की जाती है। एक कैथेटर को ब्लॉकेज वाले क्षेत्र में पहुंचाया जाता है और वहां एक छोटा गुब्बारा फुलाकर ब्लॉकेज को हटाया जाता है।
  • एंजियोप्लास्टी के बाद एक स्टेंट (धातु का ट्यूब) लगाया जाता है ताकि आर्टरी खुली रहे और रक्त का प्रवाह सुचारू बना रहे।
  • कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी (CABG):
  • इस प्रक्रिया में ब्लॉकेज वाले क्षेत्र को बाईपास करने के लिए एक नई रक्त वाहिका का उपयोग किया जाता है, जिससे रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से हो सके।


जीवनशैली में बदलाव:

  • कम वसा, कम कोलेस्ट्रॉल और कम सोडियम युक्त आहार लें।
  • नियमित शारीरिक गतिविधि से हृदय को मजबूत बनाएं।
  • धूम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन सीमित करें।
  • योग, ध्यान और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करें।


नियमित स्वास्थ्य जांच:

  • नियमित रूप से डॉक्टर से मिलें और आवश्यक परीक्षण करवाएं।
  • हृदय की स्थिति की जांच के लिए नियमित रूप से ECG और इकोकार्डियोग्राम करवाएं।
     

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निष्कर्ष (Conclusion)

साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण पारंपरिक दिल के दौरे की तुलना में कम स्पष्ट होते हैं, जैसे कि हल्का दर्द या असहजता जो सामान्य रूप से ध्यान नहीं जाती। इसका मतलब है कि व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में जानकारी नहीं होती, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। हार्ट अटैक का समय पर इलाज न होना संभावित रूप से गंभीर दिल की बीमारियों की ओर ले जा सकता है। हार्ट अटैक इलाज होना कई जगह बेहद मेहेंगा पद जाता है लेकिन नोएडा में इस इलाज की कीमत हिंदी में (Treatment Cost of Heart Attack in Hindi) जानने के लिए यहाँ पढ़ें। 

 


 

साइलेंट हार्ट अटैक को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (Frequently asked questions and answers about Silent Heart Attack)

प्रश्न 1: साइलेंट हार्ट अटैक क्या है ?
उत्तर: साइलेंट हार्ट अटैक एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल के दौरे के लक्षण सामान्य हार्ट अटैक की तरह तीव्र नहीं होते, और व्यक्ति को यह समझ में नहीं आता कि उन्हें हार्ट अटैक हुआ है।

प्रश्न 2: साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं ?
उत्तर:  हल्का सीने में दर्द या बेचैनी, थकान या कमजोरी, सांस की तकलीफ, हल्का पसीना आना, पेट दर्द या अपच, गर्दन, जबड़े, या पीठ में हल्का दर्द इलेंट साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण है।

प्रश्न 3: साइलेंट हार्ट अटैक के कारण क्या हैं ?
उत्तर:  कोरोनरी धमनियों में रुकावट, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मधुमेह
साइलेंट हार्ट अटैक के कारण हैं।

प्रश्न 4: साइलेंट हार्ट अटैक का पता कैसे चलता है ?
उत्तर: साइलेंट हार्ट अटैक का पता अक्सर नियमित चिकित्सा जांच के दौरान लगाया जाता है। ईसीजी (ECG), इकोकार्डियोग्राम, और रक्त परीक्षण के माध्यम से इसका निदान किया जा सकता है।

प्रश्न 5: साइलेंट हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए ?
उत्तर: साइलेंट हार्ट अटैक के बाद, चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपचार और जीवनशैली में बदलाव करना आवश्यक होता है। इसमें दवाइयां लेना, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से बचना शामिल हैं।

प्रश्न 6: साइलेंट हार्ट अटैक को कैसे रोका जा सकता है ?
उत्तर: स्वस्थ आहार का सेवन,  नियमित व्यायाम, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना, धूम्रपान और शराब से बचना, नियमित स्वास्थ्य जांच करवाकर साइलेंट हार्ट अटैक को रोका जा सकता है।

प्रश्न 7: किसे साइलेंट हार्ट अटैक का अधिक जोखिम होता है?
उत्तर: वृद्ध लोगों, मधुमेह के रोगियों, उच्च रक्तचाप या उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों, और जिनका पारिवारिक इतिहास हृदय रोगों से जुड़ा हो, उन्हें साइलेंट हार्ट अटैक का अधिक जोखिम होता है।
 

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