आज के समय में दिल का दौरा (हार्ट अटैक) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है, जो न केवल बुजुर्गों बल्कि युवाओं को भी तेजी से प्रभावित कर रहा है। क्या आपने कभी सोचा है कि हार्ट अटैक क्यों पड़ता है और इसके पीछे की असली वजह क्या है? गलत जीवनशैली, अनियमित खानपान और बढ़ते तनाव जैसे कई कारक दिल के दौरे का खतरा बढ़ा सकते हैं।
 

नोएडा में हार्ट अटैक का सबसे अच्छा अस्पताल चुनना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि सही समय पर सही इलाज मिलने से जान बचाई जा सकती है। लेकिन सही जानकारी और समय रहते सावधानियां बरतकर इससे बचा जा सकता है। इस लेख में हम हार्ट अटैक के कारण, लक्षण और बचाव के उपायों को विस्तार से समझेंगे।
 

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Table of Contents-

 

दिल का दौरा क्या है ? (What is Heart Attack?)

दिल का दौरा जिसे मायोकार्डियल इंफार्क्शन (एमआई) भी कहा जाता है। एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है। जिसमें हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति अचानक कम या बंद हो जाती है। यह आमतौर पर हृदय की धमनियों (कोरोनरी आर्टरीज) में रुकावट के कारण होता है, जिससे हृदय को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।
 

यह कैसे होता है ?

 

 

धमनियों में रुकावट (Artery Blockage):

हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली कोरोनरी धमनियां प्लाक (Plaque) के जमाव के कारण संकरी हो सकती हैं। प्लाक में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ होते हैं। जब यह प्लाक फट जाता है, तो वहां पर खून का थक्का  बन सकता है, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है।
 

 

रक्त प्रवाह की समस्या (Blood Flow Issue):

जब किसी धमनी में यह अवरोध पूरी तरह से बन जाता है, तो रक्त हृदय की मांसपेशियों तक नहीं पहुंच पाता। ऑक्सीजन की कमी से हृदय की कोशिकाएं मरने लगती हैं, जिससे दिल को गंभीर क्षति हो सकती है।
 

 

दिल का दौरा पड़ने के मुख्य कारण (The main Causes of Heart Attack)

दिल का दौरा (हार्ट अटैक) आमतौर पर हृदय की धमनियों में रुकावट के कारण होता है, जिससे हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
 

कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD)

  • हृदय की धमनियों में प्लाक (कोलेस्ट्रॉल, वसा और अन्य पदार्थों का जमाव) के कारण रुकावट।
  • यह दिल के दौरे का सबसे आम कारण है।
     

उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर)

हाई बीपी हृदय पर अधिक दबाव डालता है, जिससे दिल की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।
 

उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर

खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) धमनियों में प्लाक जमने का कारण बनता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है।
 

मधुमेह (डायबिटीज)

हाई ब्लड शुगर हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
 

मोटापा

अधिक वजन से हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है और हाई बीपी, डायबिटीज़, और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
 

धूम्रपान और शराब

  • धूम्रपान से रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं और रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है।
  • अत्यधिक शराब पीने से हाई बीपी और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
     

तनाव और अवसाद

ज्यादा तनाव और चिंता से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
 

शारीरिक गतिविधियों की कमी

नियमित व्यायाम न करने से मोटापा, हाई बीपी, और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो हृदय रोग का खतरा बढ़ाती हैं।
 

अत्यधिक जंक फूड और अनहेल्दी डाइट

अधिक वसा, नमक और शुगर युक्त भोजन से कोलेस्ट्रॉल और बीपी बढ़ सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
 

पारिवारिक इतिहास (जेनेटिक फैक्टर)

अगर परिवार में किसी को हृदय रोग रहा हो, तो आपके लिए भी जोखिम अधिक हो सकता है।


 

हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of a Heart Attack)

हार्ट अटैक के लक्षण पहचानना बहुत जरूरी है ताकि समय पर इलाज किया जा सके।
 

सीने में दर्द और दबाव –

  • सीने के बीचों-बीच या बाईं तरफ भारीपन, जलन, कसाव, या दर्द महसूस होना।
  • यह दर्द कुछ मिनटों तक रह सकता है या बार-बार आ सकता है।
     

सांस लेने में कठिनाई –

  • बिना किसी मेहनत के भी सांस फूलना।
  • विशेष रूप से आराम करने या लेटने पर सांस लेने में दिक्कत।
     

ठंडा पसीना और चक्कर आना –

  • शरीर से अचानक ठंडा पसीना निकलना।
  • बेहोशी या अत्यधिक कमजोरी महसूस होना।
     

बांह, गर्दन, जबड़े, और पीठ में दर्द –

  • खासकर बाएं हाथ, कंधे, जबड़े या पीठ में दर्द जो धीरे-धीरे बढ़ सकता है।
  • कई बार यह दर्द सीने में नहीं होता, सिर्फ पीठ या जबड़े में महसूस हो सकता है।
     

अन्य लक्षण:

  • बेचैनी या घबराहट महसूस होना।
  • अपच (एसिडिटी जैसी फीलिंग) या उल्टी जैसा लगना।
  • दिल की धड़कन तेज़ या अनियमित होना।

 

 

दिल के दौरे से बचाव के उपाय (Tips to Prevent Heart Attack)

दिल के दौरे से बचाव के लिए सही जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:
 

संतुलित आहार और नियमित व्यायामः

  • हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, नट्स और फाइबरयुक्त भोजन का सेवन करें।
  • कम वसा, कम नमक और कम शुगर वाला भोजन लें।
  • ट्रांस फैट और जंक फूड से बचें।
  • रोजाना 30-45 मिनट वॉक या एक्सरसाइज करें।
  • योग, साइकिलिंग, तैराकी या हल्की दौड़ सेहतमंद दिल के लिए फायदेमंद है।
     

धूम्रपान बंद करें:

  • यह हृदय की धमनियों को संकीर्ण करता है और हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाता है।
  • अत्यधिक शराब से बचें। ज्यादा शराब हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकती है।
     

तनाव को कम करें:

  • ध्यान (मेडिटेशन), योग, संगीत सुनना और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं।
  • पर्याप्त नींद लें। रोज 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना ज़रूरी है, क्योंकि नींद की कमी से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
     

नियमित स्वास्थ्य जांच

  • ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और ब्लड शुगर की जांच समय-समय पर कराते रहें।
  • यदि कोई समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह लें और समय पर इलाज कराएं।

 

 

इमरजेंसी में क्या करें ? (What to do in an Emergency?)

अगर किसी को दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ता है, तो तुरंत सही कदम उठाना ज़रूरी है। यह जीवन बचा सकता है।
 

तुरंत एंबुलेंस बुलाएं (108 पर कॉल करें)

  • व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाने की व्यवस्था करें।
  • पास के लोगों को सतर्क करें और सहायता लें।
     

मरीज को आरामदायक स्थिति में लिटाएं

  • सीधा लेटाएं और सिर को हल्का ऊंचा रखें।
  • कसे हुए कपड़े (जैसे टाई, बेल्ट) ढीले करें।
  • घबराहट न फैलाएं और मरीज को शांत रहने के लिए कहें।
     

सीपीआर (सीपीआर) करें यदि व्यक्ति बेहोश हो

  • अगर मरीज बेहोश हो और सांस न ले रहा हो
  • मरीज को पीठ के बल लेटा दें।
  • छाती के बीचों-बीच दोनों हाथों से तेज़ी से और गहराई से दबाव (कमप्रेशन) दें।
  • प्रति मिनट 100-120 बार छाती दबाएं (हर सेकंड में लगभग 2 बार)।
  • अगर प्रशिक्षित हैं, तो मुंह से मुंह (रेस्क्यू ब्रीदिंग) भी दें।
     

एस्पिरिन या नाइट्रोग्लिसरीन दें (अगर डॉक्टर ने पहले बताया हो)

  • एस्पिरिन 300 एमजी ले यह रक्त को पतला करने में मदद करता है और धमनियों को अवरुद्ध होने से रोक सकता है।
  • नाइट्रोग्लिसरीन ले। डॉक्टर के निर्देश के अनुसार मरीज को यह दवा दी जा सकती है।
  • सीपीआर जारी रखें जब तक मेडिकल हेल्प न आ जाए
  • अगर मरीज की धड़कन या सांस नहीं चल रही हो, तो सीपीआर लगातार करते रहें।
  • तुरंत अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करें।

 

 

फेलिक्स अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञों की देखरेख में उपचार (Treatment Under the Supervision of Cardiologists at Felix Hospital)

फेलिक्स अस्पताल, नोएडा में अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञों की एक कुशल टीम उपलब्ध है, जो आधुनिक तकनीकों और उन्नत चिकित्सा सुविधाओं के माध्यम से हृदय संबंधी बीमारियों का सटीक निदान और प्रभावी उपचार प्रदान करती है।
 

हमारे विशेषज्ञ

हृदय रोगों से बचाव के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं, संतुलित आहार लें, व्यायाम करें और तनाव से दूर रहें।
 

आज ही अपने हृदय की जांच कराएं और सही परामर्श लें। डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फोन करें +91 9667064100.
 

 

निष्कर्ष (Conclusion)

दिल का दौरा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही जानकारी और समय पर कदम उठाकर इसे रोका जा सकता है। जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। नियमित व्यायाम करें और संतुलित आहार लें। धूम्रपान और शराब से बचें, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें। तनाव प्रबंधन और पर्याप्त नींद हृदय स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हैं। समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाना बेहद महत्वपूर्ण है।
 

नोएडा में हार्ट अटैक के इलाज का खर्च अस्पताल, इलाज की जटिलता और आवश्यक चिकित्सा प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है। इसलिए, सही अस्पताल और विशेषज्ञ का चयन करें। इमरजेंसी में सही कदम उठाएं और सीपीआर व प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान अवश्य रखें।

 


दिल का दौरा क्यों पड़ता है इसको लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (Frequently Asked Questions and their Answers about Why a Heart Attack Occurs)

प्रश्न 1. दिल का दौरा क्यों पड़ता है ?
उत्तर: दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय की धमनियों (कोरोनरी आर्टरी) में रुकावट आ जाती है, जिससे हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। यह रुकावट आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल, वसा और अन्य पदार्थों से बनी प्लाक के कारण होती है।
 

प्रश्न 2. क्या महिलाएं और पुरुषों में दिल के दौरे के लक्षण अलग होते हैं ?
उत्तर: हां, महिलाओं में लक्षण थोड़े अलग हो सकते हैं। उन्हें अक्सर अपच, थकान, सांस फूलना, पीठ या जबड़े में दर्द जैसे हल्के लक्षण महसूस हो सकते हैं। जिन्हें आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
 

प्रश्न 3. दिल का दौरा और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है ?
उत्तर: दिल का दौरा में जब हृदय की धमनियों में रुकावट आ जाती है, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है। कार्डियक अरेस्ट में जब हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है, जिससे व्यक्ति बेहोश हो सकता है और सांस लेना बंद कर सकता है।
 

प्रश्न 4. क्या युवा लोगों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है ?
उत्तर: हां, यदि वे अस्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं, अत्यधिक तनाव में रहते हैं, धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, या उन्हें कोई आनुवंशिक हृदय रोग है, तो युवा लोगों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है।
 

प्रश्न 5 . क्या दिल के दौरे से उबरने के बाद सामान्य जीवन जिया जा सकता है ?
उत्तरः हां, लेकिन इसके लिए जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लें, सही खानपान अपनाएं और नियमित व्यायाम करें।
 

प्रश्न 6. क्या योग और ध्यान दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं ?
उत्तरः हां, योग और ध्यान तनाव कम करने, ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने और दिल की धड़कन को सामान्य रखने में मदद करते हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो सकता है।

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