हैजा (Cholera) एक संक्रामक रोग है, जो विब्रियो कोलेरी नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। यह मुख्य रूप से दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलता है। हैजा से पीड़ित व्यक्ति को गंभीर दस्त और उल्टियां होती हैं, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। अगर रोगी का समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो यह स्थिति जीवन के लिए घातक हो सकती है। लक्षण दिखते ही तुरंत हैजा के अस्पताल (Cholera Hospital) से उपचार प्राप्त करें। आईए जानें इसके लक्षण से लेकर इलाज तक के बारे में विस्तार से.


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हैजा क्या है ? (What is Cholera?)

हैजा का अर्थ (Meaning of Cholera) एक गंभीर संक्रामक रोग है जो विब्रियो कोलेरी नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। यह रोग मुख्य रूप से दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है। इस बीमारी में व्यक्ति को गंभीर दस्त और उल्टी होती है, जिससे शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। यह कमी अगर समय पर पूरी न की जाए तो व्यक्ति की स्थिति और गंभीर हो सकती है और यहां तक कि उसकी मृत्यु भी हो सकती है। यह रोग सामान्यतः उन क्षेत्रों में फैलता है जहां स्वच्छ पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं होती, खासकर मानसून के दौरान या बाढ़ के समय, जब पानी दूषित हो सकता है।

 

हैजा से संबंधित कुछ आंकड़े:

  • दुनिया भर में प्रति वर्ष अनुमानित 3 से 5 मिलियन हैजा के मामले होते हैं और लगभग 1,00,000 से अधिक मौतें होती हैं।

  • भारत में 2022 में करीब 30,000 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से कई ग्रामीण और शहरी स्लम क्षेत्रों में थे।

  • वैश्विक रूप से, प्रति वर्ष 50 लाख से अधिक लोगों को हैजा की समस्या का सामना करना पड़ता है।

     

हैजा के लक्षण (Symptoms of Cholera)

यह जीवाणु मुख्य रूप से पाचन तंत्र पर असर डालते हैं और यह बीमारी अत्यधिक निर्जलीकरण का कारण बनती है। हैजा के प्रमुख लक्षण (Symptoms of Cholera) निम्नलिखित हैं:

 

अत्यधिक पानी जैसी दस्त (वाटरी डायरिया) :

अचानक और तीव्र दस्त जो रंगहीन और चावल के पानी जैसी होती है।


उल्टियांः

अक्सर दस्त के साथ उल्टी भी होती है, जो रोगी को निर्जलीकरण को और बढ़ा देती है।


निर्जलीकरण:  

शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है, जिससे गंभीर कमजोरी होती है।


मुंह और त्वचा का सूखापनः

त्वचा और मुंह सूखने लगते हैं।


प्यास की तीव्र भावना :

शरीर में पानी की कमी के कारण अत्यधिक प्यास लगती है।


कमजोरी और थकावट :

शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है।


मांसपेशियों में ऐंठन :  

इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण मांसपेशियों में ऐंठन होती है।


निम्न रक्तचाप :

शरीर में पानी की कमी के कारण रक्तचाप गिर जाता है।


कम पेशाब :

पेशाब की मात्रा घट जाती है या बंद हो जाती है।
 

अगर इन लक्षणों का तुरंत उपचार न किया जाए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है और जीवन के लिए खतरा बन सकती है।
 

हैजा के प्रकार (Types of Cholera)

हैजा की बीमारी के अर्थ (Meaning of Cholera Disease) के साथ साथ यह जानना भी ज़रूरी है की यह कितने प्रकार का होता है। इस के दो प्रमुख प्रकार होते हैं, जो इसके बैक्टीरिया विब्रियो कोलेरी (के अलग-अलग स्ट्रेन के आधार पर पहचाने जाते हैं:

 

क्लासिकल हैजा :

यह इस का पारंपरिक रूप है, जिसे सबसे पहले पहचाना गया था। क्लासिकल हैजा के मामलों में लक्षण थोड़े कम गंभीर होते हैं, और हैजा की यह बीमारी (Cholera disease) ऐतिहासिक रूप से अधिक सीमित स्थानों तक फैली रहती थी। यह अब कम देखा जाता है, और इसका प्रकोप अक्सर पुराने समय में होता था।


एल टॉर हैजा:

यह इस का वर्तमान में सबसे प्रचलित प्रकार है और अधिक व्यापक रूप से फैलता है। एल टॉर स्ट्रेन 20वीं शताब्दी के मध्य में प्रमुख हो गया और यह अधिक संक्रामक और लंबे समय तक जीवित रहने वाला है। इस प्रकार का हैजा क्लासिकल की तुलना में कम घातक होता है, लेकिन इसका प्रकोप लंबे समय तक चल सकता है और अधिक लोगों को प्रभावित कर सकता है। 
एल टॉर हैजा अब दुनिया भर में सबसे सामान्य रूप से पाया जाने वाला प्रकार है। यह अधिकतर मामलों में देखा जाता है और वैश्विक स्तर पर इस की महामारी के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

 

हैजा के कारण (Causes of Cholera)

इस का प्रमुख कारण विब्रियो कोलेरी (नामक बैक्टीरिया है, जो दूषित पानी या भोजन के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश करता है। यह बैक्टीरिया आंतों में पहुंचकर एक विष (टॉक्सिन) उत्पन्न करता है, जो शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की अत्यधिक हानि का कारण बनता है, जिससे गंभीर दस्त और निर्जलीकरण होता है।

 

हैजा के प्रमुख कारण:


दूषित पानी पीना:

इस का सबसे आम कारण संक्रमित और साफ़ न किए गए पानी का सेवन है। जब पानी में बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, तो यह संक्रमण फैलाता है।


दूषित भोजन का सेवन:

खराब या दूषित भोजन, खासकर ऐसा भोजन जो संक्रमित पानी से तैयार हुआ हो, इस के फैलाव का कारण बन सकता है।


खराब स्वच्छता:

अगर लोग उचित स्वच्छता का पालन नहीं करते, जैसे कि हाथ धोना, तो बैक्टीरिया आसानी से फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के मल के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है।


मछली और समुद्री भोजन:

संक्रमित पानी से पकड़ी गई कच्ची या अधपकी मछली और समुद्री भोजन खाने से भी यह  हो सकता है।


खुले में शौच:

यदि लोग खुले में शौच करते हैं और मल से बैक्टीरिया जल स्रोतों में मिल जाता है, तो आसपास के लोग इस के खतरे में आ सकते हैं।


मानव अपशिष्ट का अनुचित निपटान:

अगर मानव मल का निपटान सही तरीके से नहीं होता और यह जल स्रोतों में मिल जाता है, तो यह संक्रमण का एक बड़ा कारण बनता है।
हैजा आमतौर पर उन क्षेत्रों में फैलता है जहां स्वच्छ पानी, साफ-सफाई और उचित जल निकासी की कमी होती है, जैसे कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, झुग्गी-झोपड़ी, या युद्ध प्रभावित क्षेत्र।
 

 

हैजा का इलाज (Treatment of Cholera)

इस का इलाज समय पर और सही तरीके से किया जाए तो जीवन बचाया जा सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर में खोए हुए तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करना है। इस का इलाज सरल होते हुए भी अत्यधिक प्रभावी होता है, यदि इसे समय पर शुरू किया जाए।

 

ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन):

ओआरएस घोल हैजा के इलाज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इससे शरीर में खोए हुए तरल और लवणों की कमी पूरी होती है। ओआरएस पाउडर को साफ पानी में घोलकर मरीज को देना चाहिए। यदि ओआरएस उपलब्ध नहीं है, तो घर में चीनी और नमक मिलाकर एक सरल घोल बनाया जा सकता है (1 लीटर पानी में 6 चम्मच चीनी और आधा चम्मच नमक)।


हाइ़ड्रेशन थेरेपी (Hydration Therapy):

गंभीर मामलों में, जब मरीज बहुत ज्यादा निर्जलीकरण से पीड़ित होता है, तो उसे तुरंत नस के माध्यम से तरल दिया जाता है। आईवी फ्लूइड्स से शरीर में तरल पदार्थ की आपूर्ति तेजी से की जाती है, जो गंभीर मामलों में जान बचाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।


एंटीबायोटिक्स:

गंभीर मामलों में डॉक्टर एंटीबायोटिक्स जैसे डॉक्सीसाइक्लिन या एजिथ्रोमाइसिन दे सकते हैं, जो संक्रमण को तेजी से नियंत्रित करने में मदद करता है। हल्के मामलों में एंटीबायोटिक्स की जरूरत नहीं होती, लेकिन गंभीर मामलों में ये प्रभावी हो सकते हैं।

 

जिंक सप्लीमेंट्स:

बच्चों में दस्त को कम करने और जल्दी ठीक होने के लिए जिंक सप्लीमेंट्स दिए जा सकते हैं। इससे पेट की सेहत बेहतर होती है।


पोषण:

मरीज को धीरे-धीरे भोजन देना चाहिए, जिसमें पौष्टिकता हो और जिसे पचाना आसान हो। हल्का, तरल और पोषक भोजन जैसे चावल का पानी, सूप, दाल का पानी और केले दिए जा सकते हैं।


हैजा के मरीज को अलग रखना:

ताकि संक्रमण दूसरों तक न फैले। स्वच्छता और साफ पानी का ध्यान रखना। मरीज के संपर्क में आने वाले सभी चीज़ों को साफ रखें और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उचित स्वच्छता का पालन करें।
इस के इलाज में जल्दी और उचित कदम उठाना बेहद जरूरी है, खासकर अगर मरीज में गंभीर निर्जलीकरण के लक्षण दिखाई दें।
 

हैजा से बचाव (Prevention of Cholera)

इस से बचाव के लिए स्वच्छता, साफ पानी और उचित स्वच्छता उपायों का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण है। यह एक संक्रामक रोग है जो दूषित पानी और भोजन के सेवन से फैलता है, इसलिए बचाव के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन किया जा सकता है:

 

साफ पानी का उपयोग:

केवल साफ और शुद्ध पानी पीएं। उबला हुआ, फिल्टर किया हुआ या क्लोरीनयुक्त पानी इस्तेमाल करें। पानी को पीने से पहले उबालें, खासकर यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि पानी सुरक्षित है।


साफ-सफाई का ध्यान रखें:

खाना बनाने और खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद हमेशा अपने हाथ साबुन और साफ पानी से धोएं। अगर साबुन न हो, तो हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।


स्वच्छ भोजन का सेवन:

ताजा और स्वच्छ भोजन खाएं। भोजन को अच्छी तरह पकाकर ही खाएं। खुले में बिकने वाले या सड़क किनारे के असुरक्षित भोजन से बचें। कच्चे फल और सब्जियों को छीलकर खाएं, या उन्हें धोकर ही खाएं।


शौचालय का उचित उपयोग:

खुले में शौच न करें। शौचालय का सही ढंग से उपयोग करें और सफाई का ध्यान रखें। शौचालय की सफाई के बाद हाथ अच्छी तरह धोएं।


मानव अपशिष्ट का सुरक्षित निपटान:

मानव अपशिष्ट को ठीक से निपटान करें, ताकि यह पानी के स्रोतों को दूषित न करे।


टीकाकरण:

इस के खिलाफ टीके उपलब्ध हैं। प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा करने से पहले टीकाकरण करवा सकते हैं, खासकर जब आप किसी हैजा प्रभावित क्षेत्र में जा रहे हों।


साफ बर्तनों का उपयोग:

खाना पकाने और खाने के लिए साफ बर्तनों का उपयोग करें। बर्तनों को साफ पानी से धोएं।


समुद्री भोजन और मछली से बचाव:

कच्चे या अधपके समुद्री भोजन से बचें, खासकर ऐसे क्षेत्र में जहां हैजा का प्रकोप हो सकता है।


समुदाय में जागरूकता फैलाएं:

लोगों को इस के कारणों, लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करें, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। हैजा से बचाव के लिए स्वच्छता बनाए रखना और दूषित जल और भोजन से दूर रहना महत्वपूर्ण है। इन साधारण उपायों से इस को फैलने से रोका जा सकता है।

 

भारत में हैजा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित हैं:

 

मौसमी प्रकोप:

भारत में हैजा का प्रकोप विशेष रूप से मानसून के दौरान होता है, जब जलभराव और दूषित पानी की समस्या बढ़ जाती है। यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में तेजी से फैल सकता है।


प्रमुख कारण:

हैजा का मुख्य कारण विब्रियो कॉलेरा नामक बैक्टीरिया होता है, जो दूषित पानी और खाने के माध्यम से फैलता है। पानी और सीवेज की अपर्याप्त व्यवस्था इस बीमारी के फैलने का प्रमुख कारण है।


प्रभावित क्षेत्र:

भारत के अधिकांश बड़े शहरों और ग्रामीण इलाकों में, विशेषकर उन स्थानों पर जहां स्वच्छ जल और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, हैजा फैलने का खतरा अधिक रहता है।


रोकथाम:

साफ पानी की उपलब्धता, सुरक्षित भोजन, बेहतर स्वच्छता और टीकाकरण हैजा को रोकने के प्रमुख उपाय हैं। भारत में डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित हैजा का टीका उपलब्ध है, जो रोग से बचाव में मदद करता है।


सुरक्षा उपाय:

भारत में सरकार और विभिन्न स्वास्थ्य एजेंसियां हैजा से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाती हैं, जिनमें साफ पानी की आपूर्ति, हाथ धोने की आदतों और खुले में शौच से बचने के निर्देश शामिल हैं।


स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौती:

भारत में हैजा के प्रकोप के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव होता है। इसके इलाज के लिए तत्काल ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन और एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं।


आंकड़े:

पिछले कुछ वर्षों में हैजा के मामलों में कमी आई है, लेकिन मानसून के दौरान इसके संक्रमण का खतरा अभी भी बना रहता है।

 


गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, बाल रोग विशेषज्ञ, इमरजेंसी मेडिसिन विशेषज्ञ भी इस के इलाज में अहम भूमिका निभाते हैं। डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फ़ोन करें - +91 9667064100.
 

 

निष्कर्ष (Conclusion)

यह एक गंभीर संक्रामक रोग है, जो समय पर इलाज न होने पर जानलेवा हो सकता है। हालांकि, उचित और त्वरित उपचार से, जैसे ओआरएस और आईवी फ्लूइड्स के माध्यम से जलयोजन द्वारा रोग का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। स्वच्छता और सुरक्षित जल आपूर्ति ही इस की रोकथाम के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपाय हैं। टीकाकरण और जागरूकता फैलाने से इस के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके इलाज के लिए आप नोएडा के अच्छे गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी हॉस्पिटल (best gastro hospital in Noida) से सलाह ले सकते है इसके साथ ही उचित स्वच्छता, साफ पानी और भोजन का सेवन करके हैजा की बीमारी (Cholera Disease) से बचा जा सकता है। समय पर इलाज और सावधानी बरतने से इस से होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।

 

हैजा को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (Frequently asked questions and answers about Cholera)

प्रश्न 1: हैजा से कैसे बचा जा सकता है ?

उत्तर: साफ पानी पीकर, स्वच्छ भोजन खाकर, हाथों की साफ-सफाई बनाए रखकर और दूषित वातावरण से दूर रहकर हैजा (Cholera) से बचा जा सकता है। टीकाकरण भी एक प्रभावी तरीका है।


प्रश्न 2: क्या हैजा का इलाज संभव है ?

उत्तर: हां, हैजा का इलाज संभव है। ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन), आइवी फ्लूइड्स, और गंभीर मामलों में एंटीबायोटिक्स से इसका इलाज किया जाता है।


प्रश्न 3: हैजा का इलाज कब जरूरी होता है ?

उत्तर: जैसे ही लक्षण दिखने लगें, खासकर तीव्र दस्त और निर्जलीकरण के संकेत पर, तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। देरी होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।


प्रश्न 4: . क्या हैजा जानलेवा हो सकता है ?

उत्तर: अगर समय पर इलाज न किया जाए तो हैजा से होने वाली निर्जलीकरण जानलेवा हो सकता है। उचित उपचार और जलयोजन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।


प्रश्न 5: हैजा का टीकाकरण उपलब्ध है ?

उत्तर: हैजा आमतौर पर उन क्षेत्रों में फैलता है जहां साफ पानी और स्वच्छता की कमी होती है, जैसे कि झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाके, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र या विकासशील देशों के ग्रामीण क्षेत्र।


प्रश्न 6: हैजा से प्रभावित व्यक्ति को क्या खाना चाहिए ?

उत्तर: हल्का और तरल आहार जैसे चावल का पानी, सूप, केले और ओआरएस देना चाहिए। जब मरीज बेहतर महसूस करे तो पौष्टिक और पचने में आसान भोजन देना चाहिए।


प्रश्न 7: क्या हैजा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है ?

उत्तर: हैजा (Cholera) सीधे व्यक्ति से व्यक्ति में नहीं फैलता, लेकिन संक्रमित व्यक्ति के मल से दूषित पानी या भोजन के संपर्क में आने से फैल सकता है।


प्रश्न 8: हैजा के प्रमुख लक्षण क्या हैं ?

उत्तर: प्रमुख लक्षणों में पानी जैसे दस्त, उल्टी, अत्यधिक प्यास, निर्जलीकरण, मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी शामिल हैं।

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