गॉल ब्लैडर (पित्ताशय) में पथरी या स्टोन होना महिलाओं में एक सामान्य समस्या बनती जा रही है। गॉल ब्लैडर, जो पित्त (बाइल) को संग्रहित और नियंत्रित करता है, पाचन में सहायक होता है। लेकिन कई बार यहां कोलेस्ट्रॉल या बिलीरुबिन के क्रिस्टल जमने लगते हैं, जिससे स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए समय रहते आप अच्छे ब्लैडर स्टोन ट्रीटमेंट हॉस्पिटल से समपर्क करें। इस ब्लॉग में हम गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण, कारण और प्रभावी उपचार के बारे में जानेंगे, ताकि महिलाएं इस समस्या को समय रहते पहचान सकें और इलाज करा सकें।


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Table of Contents-

  • गॉल ब्लैडर स्टोन  क्या है (What is Gall Bladder stone) 
  • महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण (Symptoms of Gall Bladder Stones in Women)
  • गॉल ब्लैडर स्टोन के प्रकार (Types of Gall Bladder Stones)
  • महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण (Causes of Gall Bladder Stones in Women)
  • गॉल ब्लैडर स्टोन से बचाव और निदान (Prevention and diagnosis of Gall Bladder stones)
  • महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन का प्रभावी उपचार (Effective treatment of gall bladder stones in women)
  • फेलिक्स हॉस्पिटल्स में गॉल ब्लैडर स्टोन के विशेषज्ञ के बारे में जाने (Know the Specialist for Gall Bladder Stone in Women at Felix Hospitals)
  • निष्कर्ष (Conclusion)
  • अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और जवाब ( Frequently asked questions and answers) 
     


गॉल ब्लैडर स्टोन क्या है (What is Gall Bladder stone) 

गॉल ब्लैडर स्टोन (पित्ताशय की पथरी) महिलाओं में एक सामान्य समस्या है, जिसमें गॉल ब्लैडर में पत्थर जैसी संरचनाएं बनने लगती हैं। गॉल ब्लैडर यकृत के नीचे स्थित एक छोटा अंग है, जो पित्त को संग्रहित करता है। यह पित्त वसा के पाचन में मदद करता है। जब बाइल में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन, या अन्य पदार्थों की अधिकता हो जाती है, तो ये पदार्थ ठोस हो कर छोटे पत्थर जैसे रूप में बदल जाते हैं, जिन्हें पित्ताशय की पथरी कहते हैं। गॉल ब्लैडर स्टोन का समय पर उपचार करवाना बहुत जरूरी होता है, अन्यथा यह संक्रमण और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।


महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण (Symptoms of Gall Bladder Stones in Women)

महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं और अक्सर दर्द या अन्य असुविधाजनक स्थितियों के रूप में सामने आते हैं। यहां कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं:
 

पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में दर्द:

यह सबसे आम लक्षण है, जिसे बाइलिक कोलिक कहते हैं। दर्द अचानक आता है और हल्के से लेकर तीव्र तक हो सकता है, जो कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक रह सकता है।


दर्द का पीठ और कंधे तक फैलना:

यह दर्द अक्सर दाएं कंधे और पीठ के दाईं ओर फैल सकता है।


मतली और उल्टी:

कुछ महिलाओं को भोजन के बाद विशेष रूप से वसा युक्त भोजन के बाद मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है।


खाने के बाद भारीपन और पेट में बेचैनी:

पथरी से प्रभावित महिलाओं को वसा युक्त भोजन के बाद पेट में भारीपन, सूजन, और गैस की समस्या हो सकती है।


बुखार और ठंड लगना:

यदि पथरी के कारण संक्रमण हो गया है, तो तेज बुखार, पसीना, और ठंड लगने की समस्या भी हो सकती है।


पीलिया (जॉन्डिस):

यदि पथरी बाइल डक्ट (पित्त नलिका) को अवरुद्ध कर देती है, तो त्वचा और आंखों का रंग पीला हो सकता है।


मल और यूरिन का रंग बदलना:

अवरुद्ध पित्त नलिका के कारण, मल का रंग हल्का और यूरिन का रंग गहरा हो सकता है।


गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षणों का अनुभव हर महिला में अलग हो सकता है और गंभीरता में भिन्न हो सकते हैं। अगर लक्षण लगातार और तीव्र हो रहे हों, तो तुरंत चिकित्सा परामर्श लेना जरूरी होता है, क्योंकि इससे संक्रमण या अन्य जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।


 

गॉल ब्लैडर स्टोन के प्रकार (Types of Gall Bladder Stones)

महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं, जो पत्थर की संरचना और उनकी उत्पत्ति के आधार पर अलग-अलग होते हैं:


कोलेस्ट्रॉल स्टोन:

ये गॉल ब्लैडर स्टोन का सबसे सामान्य प्रकार हैं, और ज्यादातर महिलाओं में पाए जाते हैं। कोलेस्ट्रॉल स्टोन पीले या हरे रंग के होते हैं। ये तब बनते हैं जब बाइल में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता होती है, जो घुल नहीं पाता और ठोस कणों में बदल जाता है। इसका कारण खराब आहार, मोटापा और हार्मोनल बदलाव हो सकता है, जैसे गर्भावस्था के दौरान।


पिगमेंट स्टोन:

ये गहरे भूरे या काले रंग के होते हैं और तब बनते हैं जब बाइल में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। बिलीरुबिन एक पिगमेंट है जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनता है। पिगमेंट स्टोन अक्सर उन महिलाओं में बनते हैं जो लिवर की बीमारियों जैसे सिरोसिस, रक्त विकार जैसे सिकल सेल एनीमिया, या बाइल डक्ट में संक्रमण से पीड़ित होती हैं।


अन्य प्रकार (अधिक दुर्लभ):

  • मिक्स्ड स्टोन: 
    इनमें कोलेस्ट्रॉल और पिगमेंट दोनों का मिश्रण होता है।
  • कॉलेस्ट्रोल क्रिस्टल स्टोन: 
    ये छोटे, क्रिस्टल जैसे स्टोन होते हैं जो बाद में बड़े कोलेस्ट्रॉल स्टोन में बदल सकते हैं।
    हर प्रकार की पथरी का उपचार अलग-अलग हो सकता है, इसलिए सटीक प्रकार की पहचान के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण होता है।


 

महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण (Causes of Gall Bladder Stones in Women)

महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें हार्मोनल बदलाव, खान-पान की आदतें, और जीवनशैली से जुड़े कई कारक शामिल हैं। यहां कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं:


हार्मोनल बदलाव:

  • एस्ट्रोजन: 
    महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता, विशेषकर गर्भावस्था, जन्म नियंत्रण की गोलियों, या हार्मोनल थेरेपी के दौरान, गॉल ब्लैडर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा सकती है, जिससे पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है।
     
  • प्रोजेस्टेरोन: 
    यह हार्मोन गॉल ब्लैडर की मांसपेशियों को शिथिल करता है, जिससे गॉल ब्लैडर सही तरीके से बाइल को बाहर नहीं निकाल पाता और पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
     
  • अनुवांशिकता (जेनेटिक्स):
    अगर परिवार में किसी को गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या रही है, तो इसकी संभावना अगली पीढ़ी में भी हो सकती है। अनुवांशिक रूप से कुछ लोगों में बाइल में कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है, जिससे पथरी बनने का खतरा रहता है।
     
  • मोटापा और वजन में बदलाव:
    अधिक वजन और मोटापा गॉल ब्लैडर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करते हैं, जो पथरी का कारण बन सकता है। तेजी से वजन घटाने पर बाइल का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है।
     
  • खान-पान की आदतें:
    अधिक वसायुक्त और कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन: तले हुए खाद्य पदार्थ, जंक फूड, और अधिक तेल वाले भोजन से पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है।
     
  • कम फाइबर वाला आहार:
    आहार में फाइबर की कमी से पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है और गॉल ब्लैडर में पथरी बनने की संभावना बढ़ सकती है।
     
  • उम्र:
    उम्र बढ़ने के साथ गॉल ब्लैडर की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिससे बाइल का प्रवाह प्रभावित होता है और पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या महिलाओं में 40 वर्ष की उम्र के बाद अधिक देखी जाती है।
     
  • गर्भावस्था:
    गर्भावस्था के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे गॉल ब्लैडर का कार्य धीमा हो सकता है और पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
     
  • डायबिटीज:
    डायबिटीज से ग्रसित महिलाओं में ट्राइग्लिसराइड्स (एक प्रकार का वसा) का स्तर बढ़ सकता है, जो पथरी बनने का कारण बन सकता है।
     
  • कम शारीरिक गतिविधि:
    नियमित व्यायाम न करना या शारीरिक गतिविधियों की कमी से गॉल ब्लैडर के कार्य पर प्रभाव पड़ता है और पथरी का खतरा बढ़ सकता है।
     
  • कुछ दवाओं का सेवन:
    उच्च कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने वाली कुछ दवाएं और जन्म नियंत्रण की गोलियां बाइल में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा सकती हैं, जिससे पथरी का खतरा होता है।


इन कारणों को ध्यान में रखकर यदि महिलाएं अपने खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करती हैं, तो गॉल ब्लैडर स्टोन की संभावना को कम किया जा सकता है।


 

गॉल ब्लैडर स्टोन से बचाव और निदान (Prevention and diagnosis of Gall Bladder stones in women)


गॉल ब्लैडर स्टोन से बचाव और निदान के लिए कुछ एहतियात और जांच प्रक्रियाएं अपनाई जा सकती हैं। समय पर पहचान और सही उपचार से इस समस्या को रोका और नियंत्रित किया जा सकता है।


संतुलित आहार:

वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम रखें। अधिक तले हुए, वसायुक्त और जंक फूड से बचें। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सब्जियां, फल और साबुत अनाज का सेवन करें। चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का सेवन सीमित करें।


सही वजन बनाए रखें:

अधिक वजन गॉल ब्लैडर स्टोन का खतरा बढ़ा सकता है। स्वस्थ तरीके से वजन कम करें और नियमित व्यायाम करें।


व्यायाम:

नियमित शारीरिक गतिविधि बाइल का प्रवाह बनाए रखती है, जिससे पथरी बनने का खतरा कम होता है।


समय पर भोजन:

अनियमित भोजन और अधिक लंबे समय तक भूखे रहना गॉल ब्लैडर स्टोन की संभावना बढ़ा सकता है। सही समय पर भोजन करें।


धूम्रपान और शराब से बचें:

ये आदतें यकृत और गॉल ब्लैडर की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती हैं और पथरी की संभावना को बढ़ा सकती हैं।


हार्मोनल बदलाव:

अगर आप हार्मोनल दवाएं ले रही हैं या गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग कर रही हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें, क्योंकि ये पथरी के खतरे को बढ़ा सकती हैं।


गॉल ब्लैडर स्टोन का निदान:

यदि लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर कुछ जांचों की सलाह दे सकते हैं ताकि गॉल ब्लैडर स्टोन का पता लगाया जा सके:


अल्ट्रासाउंड:

यह सबसे सामान्य और प्रभावी जांच है जो गॉल ब्लैडर में स्टोन की उपस्थिति की पुष्टि करती है। अल्ट्रासाउंड से पथरी का आकार, संख्या, और स्थान ज्ञात होता है।


एचआईडीए स्कैन:

यह जांच गॉल ब्लैडर की कार्यक्षमता को मापती है और यह पता लगाने में मदद करती है कि बाइल ब्लैडर से सही तरीके से निकल रहा है या नहीं।


सीटी स्कैन:

सीटी स्कैन से गॉल ब्लैडर और बाइल डक्ट की विस्तार से तस्वीरें ली जाती हैं। इससे छोटे स्टोन भी दिखाई दे सकते हैं।


 

एमआरसीपी (Magnetic Resonance Cholangiopancreatography):

यह एमआरआई की तरह एक विशेष स्कैन है, जो बाइल डक्ट्स और गॉल ब्लैडर की विस्तृत छवि दिखाता है और जटिल मामलों में उपयोगी होता है।
ब्लड टेस्ट:


ब्लड टेस्ट से संक्रमण, पीलिया, और बाइल डक्ट के अवरोध का पता लगाया जा सकता है। इसमें बिलीरुबिन, लिवर एंजाइम, और सफेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा देखी जाती है।


ध्यान देने योग्य बातें

अगर गॉल ब्लैडर स्टोन की पुष्टि हो जाती है और लक्षण गंभीर हैं, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। हल्के लक्षणों वाले मामलों में, लाइफस्टाइल में सुधार और आहार पर ध्यान देकर पथरी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
गॉल ब्लैडर स्टोन का जल्दी निदान और उचित बचाव पथरी के कारण होने वाले दर्द और अन्य जटिलताओं को रोक सकता है।


 

महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन का प्रभावी उपचार (Effective treatment of gall bladder stones in women)


महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन का उपचार लक्षणों की गंभीरता, पथरी के आकार, और स्थिति पर निर्भर करता है। यहां कुछ प्रभावी उपचार विकल्प दिए गए हैं:


सर्जरी (Cholecystectomy)

लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी: यह एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी है जिसमें पेट में छोटे-छोटे चीरे लगाए जाते हैं और गॉल ब्लैडर को निकाल दिया जाता है। यह सबसे आम और सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसमें अस्पताल में कुछ ही दिन रुकना पड़ता है।


ओपन कोलेसिस्टेक्टॉमी: 

यदि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी संभव नहीं होती या जटिलताएं होती हैं, तो ओपन सर्जरी का सहारा लिया जाता है। इसमें पेट में बड़ा चीरा लगाया जाता है, जिससे मरीज को ठीक होने में थोड़ा अधिक समय लगता है।


दवाइयां (Medications):

यदि सर्जरी संभव नहीं है, तो कुछ दवाएं (जैसे उर्सोडिऑल या केनोडिऑल) दी जाती हैं जो कोलेस्ट्रॉल स्टोन को घोलने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, इस उपचार में समय लगता है और यह छोटे कोलेस्ट्रॉल स्टोन के लिए ही प्रभावी होता है। यह तरीका पिगमेंट स्टोन के लिए उतना कारगर नहीं होता।


ईआरसीपी (Endoscopic Retrograde Cholangiopancreatography):

अगर पथरी बाइल डक्ट में अटक जाती है और संक्रमण या जटिलताओं का कारण बनती है, तो ईआरसीपी की मदद से इसे हटाया जाता है। इस प्रक्रिया में एंडोस्कोप के माध्यम से बाइल डक्ट से पथरी को बाहर निकाला जाता है। यह एक सर्जरी नहीं है, लेकिन इसमें विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।


शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Shock Wave Lithotripsy):

यह एक गैर-सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें उच्च-ऊर्जा वाली शॉक वेव्स का उपयोग करके गॉल ब्लैडर स्टोन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है, ताकि वे बाइल के साथ निकल सकें। यह प्रक्रिया बहुत आम नहीं है और इसे केवल छोटे कोलेस्ट्रॉल स्टोन के लिए ही उपयोग किया जाता है।


आहार और जीवनशैली में बदलाव:

अगर पथरी छोटी है और गंभीर लक्षण नहीं है, तो आहार और जीवनशैली में सुधार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। वसा युक्त खाद्य पदार्थों से बचें, संतुलित आहार लें, और नियमित व्यायाम करें। इससे गॉल ब्लैडर के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और पथरी के बढ़ने की संभावना कम होती है।


प्राकृतिक उपचार (सहायक विधिया):

कुछ लोग सेब का रस, सेब का सिरका, या हल्दी का उपयोग करते हैं, जो बाइल फ्लो में सुधार ला सकते हैं। हालांकि, इनका वैज्ञानिक प्रमाण सीमित है, इसलिए किसी भी घरेलू उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।


नियमित जांच और डॉक्टर से परामर्श:

अगर गॉल ब्लैडर स्टोन का आकार बढ़ रहा है या लक्षण बिगड़ रहे हैं, तो नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह पर सर्जरी या अन्य प्रक्रियाएं करवाना सही रहता है।


गॉल ब्लैडर स्टोन का प्रभावी उपचार का चयन स्थिति, लक्षण, और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। सही उपचार व नोएडा में इलाज की कीमत के बारे में जानने के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे महत्वपूर्ण है, ताकि पथरी से होने वाली संभावित जटिलताओं से बचा जा सके।


 

फेलिक्स हॉस्पिटल्स में गॉल ब्लैडर स्टोन के विशेषज्ञ के बारे में जाने (Know the Specialist for Gall Bladder Stone at Felix Hospitals)
 

गॉल ब्लैडर स्टोन के इलाज के लिए कुछ विशेष प्रकार के डॉक्टरों और विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है, जो इस स्थिति की पहचान, निदान, और उपचार में मदद करते हैं। 


डॉ. रितेश अग्रवाल: फेलिक्स हॉस्पिटल में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में विशेषज्ञता रखने वाले प्रमुख सर्जन हैं, जो मिनिमली इनवेसिव प्रक्रियाओं के जरिए जटिल सर्जिकल मामलों का इलाज करते हैं।


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निष्कर्ष (Conclusion)

महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या आम होती जा रही है, लेकिन इसे पहचानने और सही उपचार के जरिए इससे बचा जा सकता है। समय पर डॉक्टर से परामर्श लेकर सही उपचार करवाना बेहद जरूरी है, ताकि पथरी से होने वाली किसी भी जटिलता को रोका जा सके। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित स्वास्थ्य जांच से आप इस समस्या से काफी हद तक बच सकती हैं। इस जानकारी से आपको गॉल ब्लैडर स्टोन के बारे में सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी और इस समस्या से निपटने में सहायता मिलेगी।


 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और जवाब ( Frequently asked questions and answers)

प्रश्न 1: महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन क्यों होते हैं ?

उत्तर: हार्मोनल बदलाव, विशेषकर एस्ट्रोजन का बढ़ा हुआ स्तर, अनुवांशिकता, मोटापा, अधिक कोलेस्ट्रॉल वाला आहार, और तेजी से वजन घटाना महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन के सामान्य कारण हैं।


प्रश्न 2: गर्भावस्था में गॉल ब्लैडर स्टोन का खतरा बढ़ता है?
उत्तरः हां, गर्भावस्था में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव होने से गॉल ब्लैडर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है।


प्रश्न 3: क्या गॉल ब्लैडर स्टोन का इलाज बिना सर्जरी के संभव है ?

उत्तर: छोटे कोलेस्ट्रॉल स्टोन के लिए दवाइयां और शॉक वेव लिथोट्रिप्सी जैसी विधियों से इलाज संभव है, लेकिन बड़े स्टोन और गंभीर लक्षणों के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।


प्रश्न 4: गॉल ब्लैडर स्टोन से कैसे बचा जा सकता है ?
उत्तर: वसा और कोलेस्ट्रॉल युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें, संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें, और वजन को नियंत्रित रखें। यह सब गॉल ब्लैडर स्टोन से बचाव में सहायक हो सकता है।


प्रश्न 5: क्या गॉल ब्लैडर हटाने से कोई दुष्प्रभाव होता है ?
उत्तर: गॉल ब्लैडर हटाने के बाद शरीर में बाइल को सीधे छोटी आंत में छोड़ा जाता है, जिससे कुछ लोगों को पाचन में हल्की समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन अधिकतर लोग सामान्य जीवन जी सकते हैं।


प्रश्न 6: गॉल ब्लैडर स्टोन की पहचान कैसे होती है ?
उत्तर: अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, या एमआरआई जैसी इमेजिंग तकनीक से गॉल ब्लैडर स्टोन की पहचान की जा सकती है। गंभीर मामलों में ईआरसीपी भी की जाती है।


प्रश्न 7: क्या गॉल ब्लैडर स्टोन कैंसर का कारण बन सकता है ?
उत्तर: लंबे समय तक गॉल ब्लैडर में स्टोन रहने से गॉल ब्लैडर कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है, लेकिन ऐसा बहुत दुर्लभ होता है। गॉल ब्लैडर स्टोन की सही समय पर पहचान और इलाज से इस खतरे को कम किया जा सकता है।


प्रश्न 8: क्या गॉल ब्लैडर स्टोन के साथ सामान्य जीवन संभव है ?
उत्तर: यदि स्टोन से कोई गंभीर लक्षण नहीं हैं, तो कुछ लोग गॉल ब्लैडर स्टोन के साथ भी सामान्य जीवन जी सकते हैं। लेकिन समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराते रहना आवश्यक है ताकि जटिलताओं से बचा जा सके।

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