मासिक धर्म महिलाओं के जीवन का एक स्वाभाविक और महत्वपूर्ण हिस्सा है। हालांकि कई महिलाओं को इससे जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। इस ब्लॉग में, हम मासिक धर्म से जुड़ी सामान्य समस्याओं और उनके समाधान पर विस्तृत चर्चा करेंगे। अगर आपको या आपके परिवार की किसी भी महिला को मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत पास के अस्पताल (best hospital near me) में जांच करवाएं। समय पर उपचार और सही देखभाल से इन समस्याओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।
 

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मासिक धर्म क्या है? (What is Menstruation?) 

मासिक धर्म (Menstruation) महिलाओं और किशोरियों में होने वाली एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है, जो प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 11 से 15 वर्ष की उम्र में शुरू होती है और रजोनिवृत्ति तक चलती है, जो लगभग 45-50 वर्ष की उम्र में होती है। मासिक धर्म तब होता है जब गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) हर महीने गर्भधारण की तैयारी करती है। यदि अंडाणु (एग) निषेचित नहीं होता, तो यह परत रक्त और ऊत्तकों के रूप में योनि से बाहर निकल जाती है, जिसे माहवारी या पीरियड्स कहा जाता है। यह चक्र आमतौर पर 28 दिनों का होता है, लेकिन यह 21 से 35 दिनों के बीच भी हो सकता है। 


महिलाओं के जीवन में मासिक धर्म का महत्वः
 

  • प्रजनन क्षमता का संकेत – यह महिलाओं की प्रजनन प्रणाली के स्वस्थ होने का संकेत है।
  • हार्मोनल संतुलन – यह शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोनों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य – नियमित मासिक धर्म होने से महिला के शरीर का चयापचय (मेटाबॉलिज्म) और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
  • स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा – मासिक धर्म का सामान्य रहना यह दर्शाता है कि महिला का स्वास्थ्य और पोषण संतुलित है।


सामान्य समस्याओं की पहचान और समाधान की आवश्यकता


मासिक धर्म से संबंधित कई समस्याएं हो सकती हैं, जो महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। कुछ सामान्य समस्याएं और उनके समाधान इस प्रकार हैं:
 

  • अनियमित मासिक धर्म: हार्मोनल असंतुलन, तनाव, थायरॉयड आदि कारण हो सकते हैं।
    समाधान – संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, डॉक्टर से परामर्श।
     
  • अत्यधिक रक्तस्राव:  यह एनीमिया और कमजोरी का कारण बन सकता है।
    समाधान- आयरन और पोषक तत्वों से भरपूर आहार, डॉक्टर की सलाह।
     
  • अत्यधिक दर्द (Dysmenorrhea) : पेट और पीठ में तेज़ दर्द होना।
    समाधान- गर्म पानी की सिकाई, हल्का योग, दर्द निवारक दवाएं (डॉक्टर की सलाह से)।
     
  • पीएमएस (Premenstrual Syndrome) :  मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द आदि।
    समाधान- सही खानपान, योग-ध्यान, पर्याप्त नींद।
     
  • संक्रमण और स्वच्छता संबंधी समस्याएं :  गलत तरीके से सेनेटरी पैड, टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग करने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
    समाधान- मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखना, सही उत्पादों का इस्तेमाल करना।

 

मासिक धर्म से जुड़ी सामान्य समस्याएं (Common Problems related to Menstruation)

 

मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन कई महिलाओं को इससे जुड़ी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें से कुछ सामान्य समस्याएं और उनके समाधान निम्नलिखित हैं:


1-अनियमित मासिक धर्म

कारण:
 

  • हार्मोनल असंतुलन
     
  • तनाव और चिंता
     
  • वजन में अत्यधिक बढ़ोतरी या कमी
     
  • थायरॉयड समस्याएं
     
  • पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम)


समाधान:
 

  • संतुलित और पोषणयुक्त आहार का सेवन
     
  • नियमित योग और हल्का व्यायाम
     
  • स्ट्रेस मैनेजमेंट (मेडिटेशन, अच्छी नींद)
     
  • डॉक्टर की सलाह और आवश्यक जांच


2-मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव (Menorrhagia)


कारण:
 

  • हार्मोनल बदलाव
     
  • गर्भनिरोधक गोलियों का प्रभाव
     
  • गर्भाशय में फाइब्रॉइड या पॉलीप्स
     
  • खून के थक्के जमने की समस्या


समाधान:
 

  • आयरन और विटामिन सी युक्त आहार (हरी सब्जियां, अनार, चुकंदर)
     
  • पर्याप्त पानी और हाइड्रेशन बनाए रखना
     
  • भारी रक्तस्राव होने पर डॉक्टर से परामर्श लेकर उचित दवा लेना
     
  • नियमित स्वास्थ्य जांच कराना


3-मासिक धर्म में अत्यधिक दर्द (Dysmenorrhea)


कारण:
 

  • प्रोस्टाग्लैंडिन हार्मोन का अधिक उत्पादन
     
  • एंडोमेट्रियोसिस
     
  • पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome)
     
  • गर्भाशय में संक्रमण


समाधान:
 

  • गर्म पानी की सिकाई और हल्की मसाज
     
  • हल्का व्यायाम और योग
     
  • दर्द निवारक दवाइयों का सेवन (डॉक्टर की सलाह अनुसार)
     
  • पोषणयुक्त आहार और हर्बल टी (अदरक, हल्दी, तुलसी)


4-पीरियड्स के दौरान थकान और कमजोरी


कारण:
 

  • शरीर में आयरन की कमी (एनीमिया)
     
  • पोषण की कमी
     
  • डिहाइड्रेशन
     
  • नींद की कमी


समाधान:
 

  • आयरन और विटामिन बी12 युक्त आहार (पालक, सूखे मेवे, दूध, दही)
     
  • पर्याप्त पानी पीना और हाइड्रेटेड रहना
     
  • हल्की फिजिकल एक्टिविटी जैसे टहलना या स्ट्रेचिंग
     
  • पर्याप्त नींद लेना


5-पीएमएस (Premenstrual Syndrome) और मूड स्विंग्स


कारण:
 

  • हार्मोनल बदलाव (एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का असंतुलन)
     
  • मानसिक तनाव और चिंता
     
  • पोषण की कमी


समाधान:
 

  • नियमित मेडिटेशन और स्ट्रेस मैनेजमेंट
     
  • हर्बल टी और हल्का गर्म दूध
     
  • अच्छी नींद और आरामदायक दिनचर्या

 

मासिक धर्म से जुड़ी इन सामान्य समस्याओं का समाधान समय पर किया जाए तो महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर बना रह सकता है। यदि कोई समस्या लगातार बनी रहे या गंभीर हो जाए, तो विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है। नोएडा में सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ अस्पताल (best gynecology hospital in Noida) में अनुभवी डॉक्टरों की टीम आपके मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं का समुचित निदान और उपचार प्रदान कर सकती है।

 

 

मासिक धर्म में स्वच्छता और देखभाल (Hygiene and Care during Menstruation) 


मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखना न केवल आरामदायक होता है, बल्कि संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए भी आवश्यक है। उचित देखभाल और स्वच्छता से महिलाएं स्वस्थ रह सकती हैं और मासिक धर्म के दौरान होने वाली असुविधाओं को कम कर सकती हैं।


1. स्वच्छता के नियम:


मासिक धर्म के दौरान सही स्वच्छता नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए:


पैड, टैम्पोन और मेंस्ट्रुअल कप का सही उपयोग:


सेनेटरी पैड:
 

  • हर 4-6 घंटे में पैड बदलें, चाहे रक्तस्राव कम हो या अधिक।
     
  • उपयोग के बाद पैड को अच्छी तरह लपेटकर कूड़ेदान में डालें, टॉयलेट में फ्लश न करें।
     
  • सस्ते या घटिया क्वालिटी के पैड का उपयोग न करें, जिससे जलन और रैशेज हो सकते हैं।


टैम्पोन:
 

  • हर 4-6 घंटे में टैम्पोन बदलें।
     
  • ज्यादा देर तक टैम्पोन रखने से टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) जैसी गंभीर समस्या हो सकती है।
     
  • सही साइज का टैम्पोन चुनें और अधिक शोषक (absorbent) टैम्पोन का अधिक प्रयोग न करें।


मेंस्ट्रुअल कप:
 

  • कप को हर 8-12 घंटे में साफ करें।
     
  • उपयोग से पहले और बाद में अच्छी तरह धोकर सैनिटाइज़ करें।
     
  • सही साइज का मेंस्ट्रुअल कप चुनें, जिससे रिसाव न हो और संक्रमण का खतरा न रहे।


2. संक्रमण से बचाव:


मासिक धर्म के दौरान महिलाओं का शरीर अधिक संवेदनशील होता है, जिससे संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:


गुप्तांग की सफाई:
 

  • दिन में कम से कम दो बार हल्के गुनगुने पानी से साफ करें।
     
  • अधिक खुशबू वाले साबुन या केमिकल युक्त उत्पादों का उपयोग न करें, क्योंकि वे pH संतुलन बिगाड़ सकते हैं।
     
  • आगे से पीछे की ओर सफाई करें ताकि बैक्टीरिया का संक्रमण न फैले।


साफ और सूखे अंडरगारमेंट्स पहनें:
 

  • सूती (cotton) कपड़े पहनें ताकि नमी न जमे।
     
  • गीले या टाइट कपड़े पहनने से बचें, जिससे बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण हो सकता है।


पैड या टैम्पोन को सही तरीके से डिस्पोज करें:
 

  • इस्तेमाल किए गए पैड या टैम्पोन को खुले में न फेंकें।
     
  • उन्हें कागज़ में लपेटकर बंद कूड़ेदान में डालें।
     
  • फ्लश करने से टॉयलेट ब्लॉकेज और जल निकासी समस्याएं हो सकती हैं।


बार-बार हाथ धोना:
 

  • पैड बदलने से पहले और बाद में हाथ धोना बहुत जरूरी है।
     
  • गंदे हाथों से पैड, टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप को न छुएं।


3. कपड़े और खानपान में सावधानियां:


कपड़ों की देखभाल:
 

  • मासिक धर्म के दौरान हल्के, ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें।
     
  • सिंथेटिक कपड़ों की बजाय सूती अंडरवियर का उपयोग करें।
     
  • गंदे या नमी वाले कपड़े पहनने से फंगल संक्रमण हो सकता है।


खानपान में सावधानियां:
 

  • आयरन युक्त भोजन: पालक, चुकंदर, अनार, गुड़, हरी सब्जियां खाएं ताकि शरीर में खून की कमी न हो।
     
  • हाइड्रेशन: ज्यादा पानी पिएं, नारियल पानी और हर्बल टी फायदेमंद होते हैं।
     
  • कैफीन और जंक फूड से बचें: कोल्ड ड्रिंक, ज्यादा तली-भुनी चीजें और कैफीन (कॉफी) का सेवन कम करें।
     
  • ओमेगा-3 युक्त आहार: अखरोट, बादाम, मछली और अलसी के बीज खाने से पीरियड्स के दर्द में राहत मिलती है।


घरेलू और प्राकृतिक उपचार: मासिक धर्म की समस्याओं से राहत के लिए (Home and Natural Remedies for Relief from Menstrual Problems) 


मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं जैसे दर्द, कमजोरी, अनियमितता और तनाव से राहत पाने के लिए कई घरेलू और प्राकृतिक उपचार प्रभावी हो सकते हैं। यह उपाय न केवल शरीर को आराम देते हैं, बल्कि बिना किसी दुष्प्रभाव के मासिक धर्म को संतुलित रखने में भी मदद करते हैं।


1. हल्दी और गर्म दूध:


कैसे फायदेमंद है ?
 

  • हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो मासिक धर्म के दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
     
  • यह शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है और हार्मोनल असंतुलन को सुधारता है।
     
  • यह प्राकृतिक रूप से प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को संतुलित करता है, जिससे अनियमित पीरियड्स में राहत मिलती है।


कैसे इस्तेमाल करें ?
 

  • रात में सोने से पहले गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं।
     
  • बेहतर परिणाम के लिए इसमें थोड़ा शहद या गुड़ भी मिला सकते हैं।
     
  • रोजाना पीने से यह मासिक धर्म की अनियमितता और दर्द में राहत देता है।


2. अदरक और तुलसी की चाय


कैसे फायदेमंद है ?
 

  • अदरक: इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पीरियड्स के दर्द को कम करने में सहायक हैं।
     
  • तुलसी: यह प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है और शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।
     
  • यह मासिक धर्म की अनियमितता को कम करने और पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स को नियंत्रित करने में भी सहायक होती है।


कैसे इस्तेमाल करें ?
 

  • एक कप पानी में 1/2 चम्मच अदरक और 5-6 तुलसी की पत्तियां डालकर 5-7 मिनट तक उबालें।
     
  • इसे छानकर शहद मिलाकर पिएं।
     
  • रोजाना 1-2 बार पीने से मासिक धर्म की समस्याएं कम होती हैं और शरीर को ऊर्जा मिलती है।


3. योग और ध्यान


कैसे फायदेमंद है?
 

  • योग और ध्यान से तनाव कम होता है, जिससे पीरियड्स की अनियमितता नियंत्रित होती है।
     
  • यह मासिक धर्म के दर्द, पीठ और पेट की ऐंठन को कम करने में मदद करता है।
     
  • हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद करता है और पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स को नियंत्रित करता है।


योगासन जो मदद कर सकते हैं:
 

  • बालासन (Child’s Pose): यह पेट और पीठ के दर्द को कम करता है।
     
  • बद्ध कोणासन (Butterfly Pose): पीरियड्स की अनियमितता और ऐंठन में मदद करता है।
     
  • सेतु बंधासन (Bridge Pose): यह हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में सहायक है।
     
  • सुखासन और प्राणायाम: यह मानसिक तनाव कम करता है और पीएमएस के लक्षणों में राहत देता है।


कैसे करें ?
 

  • हर दिन 10-15 मिनट योग और 5-10 मिनट ध्यान करें।
     
  • नियमित प्राणायाम करने से शरीर को ऑक्सीजन मिलती है, जिससे पीरियड्स के दर्द और तनाव में राहत मिलती है।

 

कब डॉक्टर से संपर्क करें (When to Contact a Doctor) ?


मासिक धर्म से जुड़ी कुछ समस्याएं सामान्य हो सकती हैं और घरेलू उपायों से ठीक हो सकती हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक होता है। यदि निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।


1. अत्यधिक रक्तस्राव या लंबे समय तक पीरियड्स (Menorrhagia)


चिंता की बात कब होती है?
 

  • यदि पीरियड्स 7 दिनों से अधिक तक चलते हैं।
     
  • यदि 1-2 घंटे में ही पैड या टैम्पोन पूरी तरह भर जाता है।
     
  • अगर अत्यधिक रक्तस्राव के कारण कमजोरी, चक्कर आना या थकान महसूस हो।
     
  • यदि रक्तस्राव के साथ बड़े ब्लड क्लॉट्स (खून के थक्के) निकलते हैं।


संभावित कारण:
 

  • हार्मोनल असंतुलन
     
  • गर्भाशय में फाइब्रॉइड या पॉलीप्स
     
  • थायरॉयड समस्या
     
  • खून के जमने की समस्या या एनीमिया


डॉक्टर से संपर्क क्यों करें ?
 

  • सही कारण का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट या अन्य जांच करवाई जा सकती है।
     
  • अधिक रक्तस्राव से हीमोग्लोबिन की कमी (एनीमिया) हो सकता है, जिससे कमजोरी बढ़ सकती है।


2. असहनीय दर्द (Severe Dysmenorrhea)


चिंता की बात कब होती है ?
 

  • यदि दर्द इतना ज्यादा हो कि रोजमर्रा के काम करना मुश्किल हो जाए।
     
  • दर्द गर्म पानी की सिकाई या दर्द निवारक दवाओं से भी ठीक न हो।
     
  • पीरियड्स के दौरान लगातार उल्टी, सिरदर्द, और चक्कर आना।
     
  • दर्द हर महीने बदतर होता जाए या पीठ और पैरों तक फैलने लगे।


संभावित कारण:
 

  • एंडोमेट्रियोसिस (गर्भाशय की परत का असामान्य विकास)
     
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
     
  • फाइब्रॉइड (गर्भाशय में गांठ)
     
  • गर्भाशय में संक्रमण 


डॉक्टर से संपर्क क्यों करें?
 

  • पेल्विक अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट से सही कारण का पता लगाया जाता है।
     
  • जरूरत पड़ने पर डॉक्टर हार्मोनल थेरेपी या अन्य उपचार सुझा सकते हैं।


3. पीरियड्स के न आने या बहुत अनियमित होने पर (Amenorrhea or Irregular Periods)


चिंता की बात कब होती है ?
 

  • अगर 3 महीने या उससे अधिक समय तक पीरियड्स न आएं (गर्भावस्था को छोड़कर)।
     
  • हर महीने पीरियड्स की तारीख में काफी अंतर आ रहा हो (30-35 दिन से ज्यादा का अंतर)।
     
  • अचानक बहुत हल्का या बहुत भारी रक्तस्राव होने लगे।
     
  • अगर लंबे समय से पीसीओएस (PCOS) या थायरॉयड की समस्या है।


संभावित कारण:
 

  • हार्मोनल असंतुलन (एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का असंतुलन)
     
  • थायरॉयड की समस्या (हाइपोथायरॉयडिज्म या हाइपरथायरॉयडिज्म)
     
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
     
  • अत्यधिक वजन बढ़ना या घटना
     
  • तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं


डॉक्टर से संपर्क क्यों करें ?
 

  • यदि हार्मोनल समस्या हो तो डॉक्टर ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दे सकते हैं।
     
  • सही इलाज से अनियमित पीरियड्स को ठीक किया जा सकता है और भविष्य में गर्भधारण से जुड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है।

 

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निष्कर्ष (Conclusion)


मासिक धर्म महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे लेकर सही जानकारी और जागरूकता होना बहुत जरूरी है ताकि इससे जुड़ी समस्याओं को समय पर पहचाना और सही तरीके से प्रबंधित किया जा सके। मासिक धर्म से जुड़ी सामान्य समस्याओं, उनके कारणों और समाधानों की जानकारी हर महिला को होनी चाहिए। सही स्वच्छता और खानपान का ध्यान रखने से संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, योग और ध्यान अपनाकर मासिक धर्म को स्वस्थ और नियमित रखा जा सकता है। घरेलू और प्राकृतिक उपायों से कई परेशानियों को आसानी से कम किया जा सकता है। सही देखभाल और जानकारी से महिलाएं अपने मासिक धर्म को सहज और स्वस्थ बना सकती हैं। इसे एक स्वाभाविक प्रक्रिया के रूप में अपनाएं और खुद की सेहत को प्राथमिकता दें।

 

मासिक धर्म से जुड़ी सामान्य समस्याओं को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब (Frequently asked questions and answers about common problems related to menstruation)

 

1. अगर पीरियड्स अनियमित हो जाएं तो क्या करें ?
उत्तर: मासिक धर्म के अनियमित होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे हार्मोनल असंतुलन, तनाव, वजन में बदलाव, थायरॉयड समस्या या पीसीओएस है। समाधान के लिए संतुलित आहार लें और फास्ट फूड से बचें।


2. मासिक धर्म के दौरान होने वाले अधिक दर्द से कैसे बचें ?
उत्तर: पीरियड्स के दौरान हल्का दर्द सामान्य है, लेकिन अगर दर्द बहुत ज्यादा हो तो यह समस्या बन सकती है। समाधान के लिए पेट पर गर्म पानी की सिकाई करें।


3. अत्यधिक रक्तस्राव होने पर क्या करें ?
उत्तर: अगर पीरियड्स 7 दिनों से ज्यादा चलते हैं या अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा है तो यह चिंता का विषय हो सकता है। समाधान के लिए आयरन युक्त आहार (पालक, अनार, चुकंदर) खाएं ताकि एनीमिया से बचा जा सके।


4. क्या पीरियड्स में ज्यादा थकान और कमजोरी होना सामान्य है ?
उत्तर: हां, मासिक धर्म के दौरान शरीर में आयरन की कमी और हार्मोनल बदलाव के कारण कमजोरी महसूस हो सकती है। समाधान के लिए आयरन और विटामिन C युक्त आहार (अमरूद, संतरा, सूखे मेवे) लें।


5. पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन क्यों होता है ?
उत्तर: मासिक धर्म से पहले और दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण मूड स्विंग्स, तनाव और चिड़चिड़ापन होना सामान्य है। समाधान के लिए मेडिटेशन और योग करें ताकि मानसिक तनाव कम हो।


6. मासिक धर्म में स्वच्छता के लिए क्या सावधानियां रखनी चाहिए ?
उत्तर: मासिक धर्म के दौरान सही स्वच्छता न रखने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। समाधान के लिए हर 4-6 घंटे में पैड, टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप बदलें।


7. अगर पीरियड्स 2-3 महीने तक न आएं तो क्या करें ?
उत्तर: अगर पीरियड्स लगातार 2-3 महीने तक न आएं, तो यह समस्या का संकेत हो सकता है। संभावित कारण  पीसीओएस है। समाधान के लिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज को रूटीन में शामिल करें।

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