मसूड़ों की बीमारियाँ, जैसे कि पेरियोडोन्टल रोग (Periodontal Disease) या गम डिज़ीज़, एक आम समस्या है जो मसूड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। यह समस्या अगर समय रहते इलाज न किया जाए, तो दांतों के ढीले होने या फिर पूरी तरह से गिरने का कारण भी बन सकती है। गम सर्जरी, जिसे मसूड़ों की सर्जरी भी कहा जाता है, गंभीर मसूड़ों की बीमारियों के लिए अंतिम और महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है।


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विषय सूची(Table of Contents)

 

 

गम सर्जरी की जरूरत कब पड़ती है?

मसूड़ों की बीमारी की गंभीरता के आधार पर, मसूड़ों की सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। यहाँ कुछ ऐसे प्रमुख लक्षण दिए गए हैं जिनके आधार पर सर्जरी की सलाह दी जा सकती है:

  • लगातार मसूड़ों में सूजन और दर्द – यदि आपके मसूड़े हमेशा सूजे हुए रहते हैं और दर्द का अनुभव हो रहा है, तो यह पेरियोडोंटाइटिस का संकेत हो सकता है।

  • खून आना – मसूड़ों से ब्रश करते समय या अन्य समय पर खून आना एक गंभीर समस्या हो सकती है।

  • दांतों का हिलना – अगर दांत ढीले होने लगे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि बीमारी जड़ तक पहुँच चुकी है।

  • दांतों के बीच बढ़ता हुआ अंतर – मसूड़ों की बीमारी से दांतों के बीच अंतर बढ़ सकता है, जो कि एक संकेत है कि हड्डी कमजोर हो रही है।

  • दांतों की जड़ दिखना – जब मसूड़े सिकुड़ने लगते हैं और दांतों की जड़ें दिखने लगती हैं, तो यह भी सर्जरी की जरूरत को दर्शाता है।

 

गम सर्जरी के प्रकार

गम सर्जरी के विभिन्न प्रकार होते हैं, और डॉक्टर बीमारी की गंभीरता के आधार पर आपको उपयुक्त विकल्प चुनने की सलाह देते हैं:

1. फ्लैप सर्जरी (Flap Surgery)

फ्लैप सर्जरी का उपयोग मसूड़ों की गहराई में पहुंचने और वहाँ से बैक्टीरिया और टार्टर को हटाने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में मसूड़ों को थोड़ा हटाकर सफाई की जाती है और फिर मसूड़ों को वापस सील कर दिया जाता है।


2. गम ग्राफ्टिंग (Gum Grafting)

यह प्रक्रिया तब की जाती है जब मसूड़ों का ऊतक क्षतिग्रस्त हो गया हो और उसकी मरम्मत करनी हो। इसमें स्वस्थ ऊतक को मसूड़ों के नुकसान वाले क्षेत्र में ग्राफ्ट किया जाता है ताकि मसूड़े फिर से सामान्य आकार में आ सकें।


3. लैनाप (LANAP - Laser-Assisted New Attachment Procedure)

यह एक अत्याधुनिक लेजर उपचार है जो मसूड़ों की बीमारी को ठीक करने के लिए लेजर तकनीक का उपयोग करता है। इसमें मसूड़ों की गहराई में जाकर बैक्टीरिया को हटाया जाता है और मसूड़ों के ऊतकों को पुनः स्वस्थ बनाया जाता है।


4. ऑसियोप्लास्टी और ऑसिओरेक्टॉमी (Osteoplasty and Ostectomy)

यह सर्जरी उन मामलों में की जाती है जब मसूड़ों के नीचे की हड्डी प्रभावित होती है। ऑसियोप्लास्टी में हड्डी को आकार दिया जाता है, जबकि ऑसिओरेक्टॉमी में क्षतिग्रस्त हड्डी को हटाया जाता है।
 

गम सर्जरी से पहले की तैयारी

मसूड़ों की सर्जरी से पहले डॉक्टर आपको कई सलाह और निर्देश देंगे। सर्जरी से पहले आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा:

  1. दवाइयाँ: सर्जरी से पहले अगर आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो डॉक्टर को इसकी जानकारी दें, ताकि दवाइयों के सही इस्तेमाल का निर्धारण किया जा सके।

  2. मुंह की सफाई: डॉक्टर सर्जरी से पहले आपकी दांतों और मसूड़ों की अच्छी तरह से सफाई करेंगे।

  3. रक्त जांच: यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर आपकी ब्लड रिपोर्ट भी मांग सकते हैं ताकि सर्जरी के समय कोई समस्या न हो।

 

गम सर्जरी के बाद की देखभाल

सर्जरी के बाद देखभाल बहुत जरूरी है, ताकि मसूड़े जल्दी से ठीक हो सकें। सर्जरी के बाद कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए:

  • सफाई और हाइजीन – सर्जरी के बाद अपने मसूड़ों और दांतों को साफ और बैक्टीरिया-रहित रखने के लिए हल्के से ब्रश करें और माउथवॉश का इस्तेमाल करें।

  • नरम भोजन – सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक सॉफ्ट फूड ही खाएँ ताकि मसूड़ों पर अधिक जोर न पड़े।

  • दर्द निवारक दवाइयाँ – डॉक्टर द्वारा दी गई दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करें ताकि सर्जरी के बाद होने वाले दर्द और सूजन से राहत मिल सके।

  • रेगुलर चेकअप्स – डॉक्टर के पास नियमित रूप से जाएं ताकि वह आपके मसूड़ों की रिकवरी को मॉनिटर कर सकें।
     

गम सर्जरी की सफलता दर

सर्जरी की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप सर्जरी के बाद कितनी अच्छी तरह से देखभाल करते हैं। यदि आप नियमित रूप से अपने डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाते हैं और अपनी ओरल हाइजीन का ध्यान रखते हैं, तो मसूड़ों की सर्जरी लंबे समय तक सफल हो सकती है और मसूड़ों की समस्या दोबारा नहीं होती है।

 

गम सर्जरी के संभावित खतरे

गम सर्जरी, जैसे कि किसी अन्य सर्जिकल प्रक्रिया में होता है, कुछ जोखिमों और साइड इफेक्ट्स से जुड़ी हो सकती है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रिया अलग-अलग होती है, इसलिए साइड इफेक्ट्स और खतरे की गंभीरता व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति, सर्जरी की जटिलता और डॉक्टर की देखभाल पर निर्भर करती है। यहाँ गम सर्जरी से जुड़ी संभावित जटिलताओं और उनके प्रभावों का विस्तार से वर्णन किया गया है:

1. सूजन और दर्द:

गम सर्जरी के बाद सूजन और दर्द सबसे सामान्य साइड इफेक्ट्स माने जाते हैं। यह शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया है क्योंकि सर्जरी के दौरान मसूड़ों की ऊतक पर प्रक्रिया की जाती है, जिससे उस क्षेत्र में सूजन आ सकती है। सूजन आमतौर पर सर्जरी के 2-3 दिनों तक रहती है और धीरे-धीरे कम हो जाती है। दर्द का अनुभव मसूड़ों और आस-पास की हड्डियों पर निर्भर करता है। डॉक्टर आमतौर पर दर्द निवारक दवाइयाँ (painkillers) देते हैं, जिससे दर्द और सूजन को नियंत्रित किया जा सके।


2. संक्रमण का खतरा:

सर्जरी के बाद किसी भी शारीरिक प्रक्रिया में संक्रमण का खतरा होता है, और मसूड़ों की सर्जरी भी इससे अछूती नहीं है। सर्जिकल प्रक्रिया के बाद मुंह के बैक्टीरिया खुले सर्जिकल क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे संक्रमण हो सकता है। संक्रमण के लक्षणों में मसूड़ों में अत्यधिक सूजन, जलन, दर्द में वृद्धि, और सर्जरी के क्षेत्र में पस का निर्माण शामिल हो सकता है। संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स और माउथवॉश का उपयोग करने की सलाह देते हैं।


3. मसूड़ों का सिकुड़ना (Gum Recession):

गम सर्जरी के बाद मसूड़ों का सिकुड़ना एक आम जटिलता है। जब मसूड़ों के ऊतक को काटा या हटाया जाता है, तो यह संभावना होती है कि मसूड़े सर्जरी के बाद प्राकृतिक रूप से वापस आ जाएं, जिससे मसूड़े सिकुड़ जाते हैं और दांत की जड़ें दिखाई देने लगती हैं। यह जटिलता विशेष रूप से फ्लैप सर्जरी या लेज़र ट्रीटमेंट के बाद देखी जा सकती है। मसूड़ों का सिकुड़ना न केवल सौंदर्य संबंधी समस्या हो सकता है, बल्कि इससे दांतों की जड़ों में संवेदनशीलता बढ़ सकती है।


4. संवेदनशीलता में वृद्धि:

मसूड़ों की सर्जरी के बाद मसूड़ों और दांतों की संवेदनशीलता बढ़ सकती है, खासकर तब जब दांतों की जड़ें अनावृत हो जाती हैं। यह संवेदनशीलता ठंडे या गर्म खाने-पीने पर बढ़ सकती है, जिससे असहजता हो सकती है। संवेदनशीलता अक्सर अस्थायी होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह लंबे समय तक भी रह सकती है। इस संवेदनशीलता को कम करने के लिए डॉक्टर विशेष दांतों के पेस्ट या उपचार की सलाह देते हैं, जो संवेदनशीलता को कम करने में मदद करता है।


5. रक्तस्त्राव:

सर्जरी के बाद रक्तस्त्राव भी सामान्य है, विशेष रूप से पहले 24 से 48 घंटों तक। हल्का रक्तस्त्राव सामान्य होता है, लेकिन यदि अत्यधिक खून बह रहा हो, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। कभी-कभी, मसूड़ों के ऊतकों को ठीक होने में समय लगता है, जिसके कारण छोटे-छोटे रक्तस्राव होते हैं। डॉक्टर की देखभाल के अनुसार, आपको खून बहने को नियंत्रित करने के लिए गॉज़ पैड का उपयोग करना होगा। अत्यधिक रक्तस्त्राव के मामलों में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


6. दांतों का ढीला होना:

कभी-कभी गम सर्जरी के बाद दांत ढीले महसूस हो सकते हैं, खासकर तब जब बीमारी के कारण हड्डी का नुकसान हुआ हो। हड्डी और मसूड़े दांतों को पकड़ने का काम करते हैं, और यदि सर्जरी के दौरान अधिक हड्डी हटा दी जाती है, तो दांत ढीले हो सकते हैं। हालांकि, यह स्थिति आमतौर पर स्थायी नहीं होती, और मसूड़ों के ठीक होने के साथ-साथ दांत भी अपनी जगह पर स्थिर हो जाते हैं।
 

गम सर्जरी क्यों है अंतिम उपाय?

मसूड़ों की सर्जरी तब अंतिम उपाय मानी जाती है जब अन्य उपचार जैसे कि गहरी सफाई (डीप क्लीनिंग) या एंटीबायोटिक्स से मसूड़ों की समस्या का समाधान नहीं हो पाता। जब मसूड़े और दांतों के बीच बैक्टीरिया बहुत गहरे तक पहुँच जाते हैं, तो सर्जरी ही एकमात्र तरीका होता है जिससे मसूड़ों और हड्डियों को नुकसान से बचाया जा सकता है।

 

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निष्कर्ष

मसूड़ों की बीमारी का समय पर इलाज जरूरी है। अगर आप मसूड़ों में दर्द, सूजन, या खून आने 
जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। मसूड़ों की सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार है जो आपके मसूड़ों और दांतों के स्वास्थ्य को बहाल करने में मदद करता है। इसे अंतिम उपाय के रूप में अपनाकर आप अपने ओरल हेल्थ को बचा सकते हैं और एक स्वस्थ मुस्कान बनाए रख सकते हैं।

 

सामान्य पूछे जाने वाले प्रश्न

1. गम सर्जरी क्या है?

उत्तर: गम सर्जरी एक चिकित्सीय प्रक्रिया है, जिसे मसूड़ों की बीमारियों, जैसे कि पेरियोडोंटल डिज़ीज़, के गंभीर मामलों में किया जाता है। यह सर्जरी मसूड़ों और हड्डियों के क्षतिग्रस्त हिस्सों को ठीक करने और बैक्टीरिया को हटाने में मदद करती है।


2. मुझे गम सर्जरी की आवश्यकता कब पड़ेगी?

उत्तर: मसूड़ों की सर्जरी की आवश्यकता तब पड़ती है जब मसूड़ों की बीमारी इतनी गंभीर हो जाती है कि अन्य उपचार, जैसे कि डीप क्लीनिंग या एंटीबायोटिक्स, से समस्या का समाधान नहीं हो पाता।


3. गम सर्जरी के बाद रिकवरी में कितना समय लगता है?

उत्तर: गम सर्जरी के बाद रिकवरी का समय व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर 1 से 2 सप्ताह लग सकते हैं। इस दौरान डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना जरूरी है।


4. क्या गम सर्जरी दर्दनाक होती है?

उत्तर: सर्जरी के दौरान दर्द नहीं होता क्योंकि आपको एनेस्थीसिया दिया जाता है। सर्जरी के बाद हल्का दर्द और सूजन हो सकता है, जिसे दर्द निवारक दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है।


5. गम सर्जरी के बाद क्या खाने-पीने में कोई बदलाव करना होगा?

उत्तर: हाँ, सर्जरी के बाद नरम और ठंडा भोजन कुछ दिनों तक खाने की सलाह दी जाती है, ताकि मसूड़े ठीक हो सकें और दर्द या सूजन से बचा जा सके।


6. गम सर्जरी के बाद किन जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है?

उत्तर: संभावित जोखिमों में सूजन, दर्द, संक्रमण, मसूड़ों का सिकुड़ना, संवेदनशीलता, और दांतों का ढीला होना शामिल हो सकते हैं। हालांकि, डॉक्टर की सही देखरेख में ये जोखिम कम किए जा सकते हैं।


7. मसूड़ों की सर्जरी की लागत कितनी होती है?

उत्तर: मसूड़ों की सर्जरी की लागत आपकी बीमारी की गंभीरता, सर्जरी के प्रकार, और चिकित्सक की विशेषज्ञता पर निर्भर करती है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।


8. क्या गम सर्जरी के बाद दोबारा मसूड़ों की बीमारी हो सकती है?

उत्तर: अगर सही देखभाल और ओरल हाइजीन का ध्यान रखा जाए, तो मसूड़ों की सर्जरी के बाद मसूड़ों की बीमारी दोबारा होने की संभावना कम हो जाती है।

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