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माइग्रेन एक गंभीर सिरदर्द है। जो आमतौर पर सिर के एक हिस्से में तीव्र दर्द के रूप में प्रकट होता है। इसे केवल सिरदर्द के रूप में देखना उचित नहीं होगा, क्योंकि इसके अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जो व्यक्ति की जीवनशैली पर गहरा प्रभाव डालते हैं। इस ब्लॉग में हम माइग्रेन के लक्षण (Migraine ke lakshan in hindi), कारण और निवारण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। तनाव और वर्क प्रेशर वाले लोगों में माइग्रेन की सबसे अधिक संभावना होती है। इसलिए न्यूरोलॉजिस्ट इस बीमारी के उपचार में मुख्य भूमिका निभाते हैं। वह माइग्रेन (Migraine) के स्वास्थ्य के विशेषज्ञ होते हैं और माइग्रेन के लक्षणों की पहचान, निदान और उपचार में माहिर होते हैं।
नोएडा के फेलिक्स हॉस्पिटल में एक्सपर्ट न्यूरोसर्जन (Best Neurologist in Noida) मौजूद हैं। वह माइग्रेन पर आपके किसी भी सवाल का जवाब देने में सक्ष्म है। ज्यादा जानकारी के लिए हमें कॉल करें +91 9667064100 .
आज इस ब्लॉग में हम ये जानेंगे की माइग्रेन क्या होता है (Migraine kya hota hai) ? माइग्रेन एक प्रकार का न्यूरोलॉजिकल विकार है जो गंभीर सिरदर्द का कारण बनता है। यह सिरदर्द आमतौर पर सिर के एक हिस्से में एक हिस्से में धड़कता हुआ, तीव्र दर्द होता है होता है, लेकिन यह दोनों तरफ भी हो सकता है। माइग्रेन केवल सिरदर्द तक सीमित नहीं है; इसके साथ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जो इसे साधारण सिरदर्द से अलग बनाते हैं। माइग्रेन के हमले घंटों से लेकर दिनों तक रह सकते हैं और ये लक्षण व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। माइग्रेन एक जटिल और कष्टदायक स्थिति है जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकती है। माइग्रेन का मतलब (Migraine Meaning in Hindi) जानने के बाद ही समझ आएगा की उसके लक्षण कारण और उपचार क्या है| माइग्रेन के प्रति सजग रहना और उचित चिकित्सा परामर्श लेना जरूरी है ताकि जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके। नियमित जीवनशैली, स्वस्थ आहार, और तनाव प्रबंधन तकनीकों को अपनाकर माइग्रेन के हमलों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। यदि माइग्रेन के लक्षण गंभीर हों या बार-बार हो रहे हों, तो चिकित्सक से सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
माइग्रेन का मतलब (Migraine Meaning in Hindi) जानने के बाद ही समझ आएगा की उसके लक्षण क्या है| माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है जो तीव्र और दर्दनाक हो सकता है। यह सामान्य सिरदर्द से अलग होता है और इसके कई लक्षण हो सकते हैं। माइग्रेन के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं और हर बार एक ही प्रकार के लक्षण नहीं होते। इसलिए, माइग्रेन के लक्षणों की पहचान करके, सही उपचार और प्रबंधन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि माइग्रेन के लक्षण गंभीर हों या बार-बार हो रहे हों, तो चिकित्सक से परामर्श लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। माइग्रेन के लक्षण व्यक्ति विशेष पर निर्भर करते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
तीव्र सिरदर्द
माइग्रेन का सबसे प्रमुख लक्षण (migraine symptoms in hindi) सिर के एक तरफ़ धड़कता हुआ तीव्र दर्द है। यह दर्द कई घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रह सकता है और इसे साधारण सिरदर्द से अलग किया जा सकता है। दर्द आमतौर पर सिर के एक तरफ होता है, लेकिन यह दोनों तरफ भी हो सकता है।
मतली और उल्टी
माइग्रेन के दौरान कई लोगों को मतली और उल्टी की समस्या होती है। यह लक्षण बहुत सामान्य हैं और माइग्रेन के दर्द के साथ और भी कष्टकारी हो सकते हैं।
प्रकाश और आवाज के प्रति संवेदनशीलता
माइग्रेन के दौरान, रोगी को प्रकाश (फोटोफोबिया) और आवाज (फोनेफोबिया) से अत्यधिक संवेदनशीलता हो सकती है। तेज रोशनी और तेज आवाज माइग्रेन के दर्द को और बढ़ा सकती है।
दृष्टि संबंधी समस्याएं
कई लोग माइग्रेन के दौरान दृष्टि में गड़बड़ी का अनुभव करते हैं, जिसे 'ऑरा' कहा जाता है। ऑरा के लक्षणों में शामिल हैं:
थकान और कमजोरी
माइग्रेन का दौरा थकान और कमजोरी का कारण बन सकता है, जिससे सामान्य गतिविधियों में कठिनाई होती है। माइग्रेन के बाद भी व्यक्ति को कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है।
चक्कर आना
कुछ लोगों को माइग्रेन के दौरान चक्कर आने का अनुभव भी होता है। यह लक्षण माइग्रेन (migraine symptoms in hindi) के दर्द को और अधिक कष्टदायक बना सकता है।
गंध के प्रति संवेदनशीलता
माइग्रेन के दौरान, कुछ लोगों को गंध के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता हो सकती है। सामान्य गंधें भी उन्हें परेशान कर सकती हैं और माइग्रेन के दर्द को बढ़ा सकती हैं।
मानसिक भ्रम और ध्यान में कमी
माइग्रेन के दौरान, कुछ लोगों को मानसिक भ्रम, ध्यान में कमी, और निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। यह लक्षण माइग्रेन के दर्द के कारण होते हैं और इसके समाप्त होने पर धीरे-धीरे सामान्य हो जाते हैं।
गर्दन में दर्द और जकड़न
माइग्रेन के साथ-साथ गर्दन में दर्द और जकड़न भी हो सकती है। यह लक्षण माइग्रेन के दर्द को और अधिक कष्टदायक बना सकता है।
हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नता
कभी-कभी माइग्रेन के दौरान हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नता का अनुभव हो सकता है। यह लक्षण आमतौर पर अस्थायी होते हैं और माइग्रेन के समाप्त होने पर ठीक हो जाते हैं।
भूख में बदलाव
माइग्रेन के दौरान या इसके पहले भूख में बदलाव आ सकता है। कुछ लोगों को बहुत ज्यादा भूख लग सकती है, जबकि कुछ की भूख बिल्कुल खत्म हो सकती है।
माइग्रेन के विभिन्न प्रकार होते हैं, जो इसके लक्षणों, कारणों और गंभीरता के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। माइग्रेन के प्रकारों की जानकारी से हमें इसकी पहचान और उपचार में मदद मिलती है। हर व्यक्ति में माइग्रेन के लक्षण (migraine ke lakshan in hindi) और प्रकार अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए सही निदान और उपचार महत्वपूर्ण है। यदि आपको माइग्रेन के लक्षण महसूस हों, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है ताकि सही निदान और उपचार प्राप्त हो सके। माइग्रेन के विभिन्न प्रकारों की पहचान करके, आप अपने लिए सबसे उपयुक्त उपचार और निवारण उपाय अपना सकते हैं। माइग्रेन के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
बिना ऑरा के माइग्रेन (Migraine without Aura)
यह सबसे सामान्य प्रकार का माइग्रेन है। इसमें सिरदर्द के पहले कोई चेतावनी संकेत या ऑरा नहीं होते हैं। लक्षणों में शामिल हैं:
ऑरा के साथ माइग्रेन (Migraine with Aura)
इस प्रकार के माइग्रेन में सिरदर्द से पहले या दौरान चेतावनी संकेत होते हैं, जिन्हें ऑरा कहा जाता है। ऑरा में दृष्टि, संवेदन, और भाषण से संबंधित लक्षण शामिल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए:
क्रॉनिक माइग्रेन (Chronic Migraine)
जब किसी व्यक्ति को महीने में 15 या अधिक दिनों तक माइग्रेन के लक्षण होते हैं और इनमें से कम से कम 8 दिन माइग्रेन के होते हैं, तो इसे क्रॉनिक माइग्रेन कहा जाता है। यह अधिक गंभीर होता है और लंबे समय तक चल सकता है।
साइलेंट माइग्रेन (Silent Migraine / Acephalgic Migraine)
इस प्रकार के माइग्रेन में सभी लक्षण होते हैं, लेकिन सिरदर्द नहीं होता। इसमें ऑरा और अन्य माइग्रेन के लक्षण (migraine symptoms in hindi) शामिल हो सकते हैं, जैसे:
हेमीप्लेजिक माइग्रेन (Hemiplegic Migraine)
यह एक दुर्लभ और गंभीर प्रकार का माइग्रेन है, जिसमें अस्थायी रूप से शरीर के एक हिस्से में कमजोरी या लकवा जैसा महसूस हो सकता है। इसके लक्षण स्ट्रोक जैसे होते हैं, जैसे:
रेटिनल माइग्रेन (Retinal Migraine)
इस प्रकार के माइग्रेन में एक आंख में अस्थायी दृष्टि हानि होती है। यह लक्षण कुछ मिनटों से लेकर एक घंटे तक रह सकते हैं और इसके बाद सामान्य माइग्रेन सिरदर्द हो सकता है।
बेसिलर माइग्रेन (Basilar-Type Migraine)
यह माइग्रेन मस्तिष्क की बेसिलर आर्टरी से संबंधित होता है और इसमें मस्तिष्क के निचले हिस्से में रक्त प्रवाह की समस्या होती है। इसके लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
मेनस्ट्रुअल माइग्रेन (Menstrual Migraine)
यह माइग्रेन मासिक धर्म से संबंधित होता है और हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। इसमें आमतौर पर ऑरा नहीं होता और यह मासिक धर्म के दौरान या उससे ठीक पहले होता है।
एब्डॉमिनल माइग्रेन (Abdominal Migraine)
यह मुख्यतः बच्चों में होता है और इसमें पेट में दर्द, मतली और उल्टी जैसे लक्षण होते हैं। सिरदर्द नहीं होता या हल्का होता है।
स्टेटस माइग्रेनोसस (Status Migrainosus)
यह एक गंभीर प्रकार का माइग्रेन है, जिसमें माइग्रेन का दर्द 72 घंटों से अधिक समय तक रहता है। यह स्थिति बहुत कष्टदायक हो सकती है और इसमें चिकित्सकीय उपचार की आवश्यकता होती है।
फेलिक्स हॉस्पिटल माइग्रेन पर आपके किसी भी सवाल का जवाब देने में सक्ष्म है। ज्यादा जानकारी के लिए हमें कॉल करें +91 9667064100.
माइग्रेन क्यों होता (migraine kyon hota hai) है ? माइग्रेन के सटीक कारण अब तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। माइग्रेन एक जटिल न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसके सटीक कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। हालांकि, शोधकर्ताओं ने कुछ प्रमुख कारकों की पहचान की है जो माइग्रेन के हमलों को प्रेरित कर सकते हैं। ये कारक आनुवंशिक, पर्यावरणीय, और जीवनशैली से संबंधित हो सकते हैं। माइग्रेन का मतलब (Migraine Meaning in Hindi) जानने के बाद ही समझ आएगा की उसके कारण क्या है| निम्नलिखित कारण और ट्रिगर माइग्रेन के हमलों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य कारण और ट्रिगर हैं जो माइग्रेन के हमले को प्रेरित कर सकते हैं :
आनुवंशिक कारक
माइग्रेन का एक प्रमुख कारण आनुवंशिक होता है। यदि परिवार में किसी को माइग्रेन है, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है कि आपको भी माइग्रेन हो सकता है। शोध से पता चला है कि माइग्रेन के मरीजों के परिवारों में माइग्रेन की घटना अधिक होती है, जिससे पता चलता है कि इसमें जेनेटिक तत्व शामिल हो सकते हैं।
न्यूरोवस्कुलर परिवर्तन
माइग्रेन के दौरान मस्तिष्क में रासायनिक और रक्त संचार संबंधी परिवर्तन होते हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि माइग्रेन के हमले के दौरान मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं संकुचित होती और जिससे न्यूरोट्रांसमीटर (जैसे सेरोटोनिन) का स्तर बदल जाता है। इन परिवर्तनों से माइग्रेन का दर्द शुरू हो सकता है।
हार्मोनल परिवर्तन
महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन माइग्रेन का एक सामान्य कारण होता है। मासिक धर्म, गर्भावस्था, और रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। कई महिलाएं मासिक धर्म के दौरान माइग्रेन का अनुभव करती हैं, जिसे "मेनस्ट्रुअल माइग्रेन" कहा जाता है। माइग्रेन का मतलब (Migraine Meaning in Hindi) जानने के बाद ही समझ आएगा की उसके कारण क्या है|
तनाव और चिंता
मानसिक तनाव और चिंता भी माइग्रेन का एक बड़ा कारण हो सकते हैं। जीवन में तनावपूर्ण घटनाएं, काम का दबाव, या व्यक्तिगत समस्याएँ माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती हैं। तनाव से शरीर में कुछ रासायनिक परिवर्तन होते हैं जो माइग्रेन को प्रेरित कर सकते हैं।
आहार और पोषण
कुछ खाद्य पदार्थ और पेय माइग्रेन के ट्रिगर हो सकते हैं। जैसे:
प्रोसेस्ड फूड्स में मौजूद एडिटिव्स और प्रिज़र्वेटिव्स
इसके अलावा, भोजन छोड़ना या अनियमित भोजन की आदतें भी माइग्रेन का कारण बन सकती हैं।
नींद की अनियमितता
अधिक या कम सोना, नींद की कमी, या अनियमित नींद के पैटर्न माइग्रेन को प्रेरित कर सकते हैं। नियमित और पर्याप्त नींद माइग्रेन के हमलों को कम करने में सहायक हो सकती है।
पर्यावरणीय कारक
मौसम में बदलाव, तेज रोशनी, तेज आवाज, और तेज गंधें माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती हैं। उच्च तापमान, नमी, और वायुमंडलीय दबाव में बदलाव भी माइग्रेन को प्रेरित कर सकते हैं।
शारीरिक तनाव
अत्यधिक शारीरिक गतिविधि या अचानक शारीरिक मेहनत माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती है। व्यायाम या शारीरिक श्रम के दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तन माइग्रेन का कारण बन सकते हैं।
दवाइया
कुछ दवाइयां, विशेष रूप से हॉर्मोनल दवाइयां, माइग्रेन के दौरे को प्रेरित कर सकती हैं। गर्भनिरोधक गोलियां और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी (HRT) माइग्रेन के हमलों को बढ़ा सकते हैं।
सेंसरियल या संवेदनात्मक ट्रिगर्स
कुछ संवेदनात्मक कारक, जैसे तेज रोशनी, जोरदार आवाजें, और कुछ गंधें भी माइग्रेन को प्रेरित कर सकती हैं। इसके अलावा, अत्यधिक कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करना या टीवी देखना भी माइग्रेन का कारण बन सकता है।
माइग्रेन क्यों होता (Migraine Kyon Hota hai) है ? इसके सटीक कारण अब तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं लेकिन इसको इलाज से कई हद तक ठीक कर सकते है | माइग्रेन का इलाज करना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है क्योंकि इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। हालांकि, विभिन्न उपचार विधियों और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से माइग्रेन के हमलों की आवृत्ति और तीव्रता को कम किया जा सकता है। माइग्रेन के इलाज में दवाइयां, घरेलू उपाय, और जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं। माइग्रेन का प्रबंधन एक समग्र दृष्टिकोण से किया जा सकता है, जिसमें दवाइयों, जीवनशैली में बदलाव, और घरेलू उपचार शामिल हैं। माइग्रेन का मतलब (Migraine Meaning in Hindi) जानने के बाद ही समझ आएगा की उसके उपचार क्या है| प्रत्येक व्यक्ति की स्थिति अलग होती है, इसलिए उपचार योजना भी व्यक्तिगत होनी चाहिए। सही जानकारी, नियमित देखभाल, और चिकित्सकीय मार्गदर्शन के माध्यम से माइग्रेन के हमलों की तीव्रता और आवृत्ति को कम किया जा सकता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके। आइए इन उपचार विधियों के बारे में विस्तार से जानें:
माइग्रेन के लिए आप को न्यूरोलॉजी के एक्सपर्ट डॉक्टर (Best Neurology Hospital in Noida) से सलाह ज़रूरी हो जाती है | ज्यादा जानकारी के लिए हमें कॉल करें +91 9667064100.
माइग्रेन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकती है। इसके लक्षणों, कारणों की माइग्रेन क्यों होता (migraine kyon hota hai) है ? और निवारण के उपायों की समझ से इसे बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। माइग्रेन के प्रति सजग रहना और उचित चिकित्सा परामर्श लेना जरूरी है ताकि जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके। नियमित जीवनशैली, स्वस्थ आहार, और तनाव प्रबंधन तकनीकों को अपनाकर माइग्रेन के हमलों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। अगर माइग्रेन के लक्षण गंभीर हों या बार-बार हो रहे हों, तो चिकित्सक से सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। माइग्रेन के कारण बहुआयामी होते हैं और यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है। माइग्रेन के विभिन्न ट्रिगर्स की पहचान करके और उनसे बचने का प्रयास करके माइग्रेन के हमलों की आवृत्ति और तीव्रता को कम किया जा सकता है। यदि माइग्रेन के लक्षण (migraine ke lakshan in hindi) गंभीर हों या बार-बार हो रहे हों, तो चिकित्सक से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है ताकि उचित निदान और उपचार हो सके। माइग्रेन का प्रबंधन सही जानकारी और सावधानी से किया जा सकता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके। माइग्रेन एक जटिल स्थिति है, लेकिन सही जानकारी और उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। माइग्रेन के कारणों, लक्षणों, और उपचार के तरीकों की समझ से आप अपने माइग्रेन को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं। यदि आपको माइग्रेन के लक्षण महसूस होते हैं, तो चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है ताकि सही निदान और उपचार प्राप्त हो सके।
प्रश्न : माइग्रेन क्या होता है(migraine kya hota hai) ?
उत्तर: माइग्रेन एक प्रकार का न्यूरोलॉजिकल विकार है जिसमें सिर के एक हिस्से में तीव्र, धड़कता हुआ दर्द होता है। इसके साथ मतली, उल्टी, और प्रकाश एवं ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
प्रश्न 2: माइग्रेन के लक्षण क्या हैं ?
उत्तर: माइग्रेन के सामान्य लक्षणों में शामिल सिर के एक तरफ तेज, धड़कता हुआ दर्द, मतली और उल्टी, प्रकाश और आवाज के प्रति संवेदनशीलता, दृष्टि में धुंधलापन, चमकदार रेखाएं (ऑरा), थकान और कमजोरी शामिल है।
प्रश्न 3: माइग्रेन क्यों होता (migraine kyon hota hai) है ?
उत्तर: माइग्रेन के कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन इसके संभावित कारणों में आनुवंशिक कारक, न्यूरोवस्कुलर परिवर्तन, हार्मोनल परिवर्तन, मानसिक तनाव और चिंता, विशेष खाद्य पदार्थ और पेय (जैसे चॉकलेट, चीज़, कैफीन), नींद की अनियमितता, पर्यावरणीय कारक (जैसे तेज रोशनी, तेज आवाज, मौसम परिवर्तन) शामिल है।
प्रश्न 4: माइग्रेन के प्रकार कौन-कौन से होते हैं ?
उत्तर: माइग्रेन के कई प्रकार होते हैं, जिनमें बिना ऑरा के माइग्रेन, ऑरा के साथ माइग्रेन, क्रॉनिक माइग्रेन, साइलेंट माइग्रेन (सिरदर्द के बिना), हेमीप्लेजिक माइग्रेन, रेटिनल माइग्रेन, बेसिलर माइग्रेन, मेनस्ट्रुअल माइग्रेन, एब्डॉमिनल माइग्रेन, स्टेटस माइग्रेनोसस शामिल है।
प्रश्न 5: माइग्रेन का इलाज कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर: माइग्रेन का इलाज विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जिनमें दवाइयां मसलन पेनकिलर्स, ट्रिप्टान्स, एंटी-नॉजिया मेडिसिन, और निवारक दवाइयां शामिल है। इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव नियमित नींद, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव आदि शामिल है।
प्रश्न 6: माइग्रेन और साधारण सिरदर्द में क्या अंतर है ?
उत्तर: माइग्रेन और साधारण सिरदर्द के बीच प्रमुख अंतर यह है कि माइग्रेन में सिरदर्द के साथ अन्य लक्षण भी होते हैं जैसे मतली, उल्टी, और प्रकाश एवं ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता। साधारण सिरदर्द में आमतौर पर केवल हल्का या मध्यम सिरदर्द होता है और अन्य लक्षण नहीं होते।
प्रश्न 7: माइग्रेन के लिए कौन-कौन से ट्रिगर होते हैं?
उत्तर: तनाव और चिंता, हार्मोनल परिवर्तन, नींद की कमी या अधिक नींद, विशेष खाद्य पदार्थ और पेय, तेज रोशनी, तेज आवाज, और तेज गंधें, मौसम में परिवर्तन आदि माइग्रेन को ट्रिगर करते हैं।
प्रश्न 8: क्या माइग्रेन का कोई स्थायी इलाज है ?
उत्तर: वर्तमान में माइग्रेन का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित करने और हमलों की आवृत्ति को कम करने के लिए विभिन्न उपचार और जीवनशैली में बदलाव अपनाए जा सकते हैं।