दांत में दर्द आम है। बच्चों से लेकर बूढ़े तक दांत में दर्द हो सकता  है। दांत में दर्द के कारण खाना, पीना, उठने-बैठने के साथ लेटना भी मुश्किल होता है। दांत के दर्द में लोग मेडिकल शॉप से दवा लेकर खाते थे। मगर जब दर्द अधिक होता है तो रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment)की सलाह दी जाती है। 

 

फेलिक्स हॉस्पिटल के पास अनुभवी डेंटिस्ट डॉक्टरों की एक टीम है, जो आरसीटी द्वारा इलाज करती है। हम आरसीटी पर आपके किसी भी सवाल का जवाब देने में सक्षम है। एक्सपर्ट सुझाव के लिए कॉल करें- +91 9667064100

 

क्या है रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) ? ( What is Root Canal Treatment (RCT) in Hindi )

रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) में डैमेज दांत को निकालने की बजाए उसे सही करते हैं। इलाज के दौरान डॉक्टर दांत की जड़ से वेंस और पल्प को हटाते है। फिर दांत की जड़ से साफ करने के बाद उसे सील कर देते हैं। अगर समय पर इंफ्केशन का इलाज नहीं किया जाए तो दांत के आस-पास के टिश्यू संक्रमित हो जाते हैं। जो बाद में दांत का फोड़ा बन जाता है। रूट कैनाल दांतों की जड़ की कैनाल की सफाई से संबंधित होता है। 


क्यों किया जाता है रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी)? ( Why is Root Canal Treatment (RCT) done ) : 

जब दांत का इंफेक्शन जबड़े की हड्डियों में फैल जाता तो मरीज की स्थिति गंभीर होती जाती है। अगर दांत में कैविटी हो गई तो दांत की पल्प में इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान इन्फेक्शन को हटाने और रूट कैनाल को भरने के लिए रूट कैनाल ट्रीटमेंट करना आवश्यक हो जाता है। नॉएडा में रूट कैनाल ट्रीटमेंट (root canal treatment in noida) के लिए आपको बोहोत सी जगह मिल जाएंगी लेकिन कोशिश करें जब भी आप जांच करवाएँ अच्छे डॉ. से ही करवाएँ | 

 

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रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) कैसे होता है ? ( How is RCT teeth Treatment (RCT) done in Hindi ) : 

रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) आरसीटी एक मल्टी स्टेज प्रकिया है। जिसमें डेंटिस्ट के पास कई बार जाने की जरूरत होती है।

  • इलाज से पहले डॉक्टर को वर्तमान मेडिकल कंडीशन के साथ पुरानी कंडीशन की सही जानकारी दे।
  • ट्रीटमेंट से पहले दांत का एक्सरे कराने की सलाह दी जाती है। पहले दांतों को सुन्न करने के लिए एनेस्थीसिया का उपयोग करते है।
  • प्रक्रिया में दांत को ड्राई रखने और लिप्स से दूर रखने के लिए एक कॉटन के रोल की शीट का इस्तेमाल करते हैं। यह कैनाल की सफाई और रूट को भरते समय लार से बचाव में मददगार होता है।
  • डेंटिस्ट दांत के पल्प तक पहुंचने के लिए दांत के सॉलिड टिश्यू के बीच रस्ता बनाने के लिए पानी के स्प्रे के साथ एक डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं। जिससे  क्राउन का डैमेज हिस्सा बाहर निकल आता है। यह दांत के रूट की सभी रूट कैनाल तक पहुंचने में मददगार होता है।
  • यह इन्फेक्शन को गहराई से खत्म करने में मददगार है। आसान भाषा में समझे तो रूट कैनाल एक डेंटल प्रक्र‍िया होती है। इसका इस्‍तेमाल दांत के बीच होने वाले संक्रमण को सही करने में होता है।
  • चोट के कारण दांत को नुकसान होने पर सड़ने पर रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) करते है।
  • रूट कैनाल ट्रीटमेंट में कम से कम एक या दो स‍िट‍िंग लगती है। अगर ज्‍यादा दांत का उपचार होना है, तो अधिक समय लगता है। पहली स‍िट‍िंग में अधिकतम 40 म‍िनट लगते हैं।
     

 

रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) के बाद कैपिंग है जरूरी (Capping is necessary after RCT dental treatment) :

रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) के बाद दांत की कैपिंग जरूरी है। अगर नेचुरल क्राउन को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा तो डेंटिस्ट नुकसान वाले हिस्से को फिल करने के लिए सामने वाले दांत में दांत के रंग की फिलर वाली सामग्री डालते हैं। पीछे के दांतों में सिल्वर रंग की सामग्री डालते हैं।

 

रूट कैनाल के बाद बरती जाने वाली सावधानियां (Precautions to be taken after root canal) : 

-रूट कैनाल ट्रीटमेंट(Root Canal Treatment) के बाद ड्राईफ्रूट्स, खट्टा फल, ब‍िस्‍क‍िट, पान, सुपारी का सेवन नहीं करना चाहिए।
-रूट कैनाल ट्रीटमेंट के बाद दांत की सफाई का ध्‍यान रखे। मुंह को बैक्‍टीर‍िया मुक्‍त रखने के ल‍िए खाने के बाद कुल्‍ल जरूर करना चाहिए।
-रूट कैनाल ट्रीटमेंट के बाद दांत में दर्द, फोड़ा नजर आने पर डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए। 
-रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) के बाद दांत में खाना फंसने से सूजन और दर्द होता है। जरूरी है कि डेंटल फ्लॉस का इस्‍तेमाल किया जाए। 
-रूट कैनाल ट्रीटमेंट के बाद दांत को बार-बार छूने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से कैप‍िंग न‍िकल जाती है। ऐसे में दर्द  होता है।
 

रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) के साइड इफेक्टस  (Side effects of root canal treatment (RCT)) : 

- दांत में लबें समय तक हल्का दर्द होता है। यह दर्द वहां होता है। जहां इन्फेक्शन पहले जबड़े की हड्डी में था।
-आरसीटी के बाद इस्तेमाल की जाने वाली इंसेक्टिसाइड बहुत एंटागोनिस्ट होती है। इसलिए वह मरते नहीं है। लंबे समय तक निष्क्रिय हो जाते है। जो कुछ समय बाद दांत में पुनः इन्फेक्शन करने लगते है।
-ट्रीटमेंट के बाद दांत की नियमित सफाई करें। डेंटिस्ट से दांत का चेकअप करवाते रहना चाहिए।

 

क्या रूट कैनाल ट्रीटमेंट से कैंसर होता है ? (Does root canal treatment causes cancer) : 

रूट कैनाल दांत के इंफेक्शन को ठीक करवाने का उपचार है। इसके माध्यम से दांत और शरीर का वह इंफेक्शन ठीक होता है। इस कारण कैंसर नहीं होता है। रूट कैनाल के बारे में अफवाह है कि यह दर्दनाक होता है। मगर ऐसा नहीं है। एक्स रे के माध्यम से लोग दांत की तस्वीर को साफ तरह की देख पाते हैं।

 

समय पर दांत इंफेक्शन नहीं ठीक कराने से होने वाला नुकसान (Harm caused by not treating tooth infection on time) : 

  • अगर आप रूट कैनाल को बिना ठीक किए छोड़ते हैं। यह दांत में बहुत अधिक दर्द देता है। प्रभावित क्षेत्र में सूजन हो जाती है।
  • कुछ भी ठंडा या गर्म खाते पीते वक्त दर्द बढ़ता है। अगर व्यक्ति अपना ओरल हाइजीन बनाकर नहीं रखते हैं और इस समस्या को ऐसे ही छोड़ देते हैं, तो यह बैक्टीरिया, डायबिटीज, अल्जाइमर और स्ट्रोक का कारण बनते हैं।
  • यह प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित होती है। इसे करवाने से एक समस्या से निजात मिलता है। ना की दूसरी समस्या पैदा  होती है।
  • रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) से डरने और घबराने वाली बात नहीं है। जिस भी डेंटिस्ट के पास जाए, वह प्रोफेशनल हो। हमेशा डेंटिस्ट के पास जाने से नहीं बल्कि न जाने की बात से डरना चाहिए।
  • ओरल स्वास्थ्य को बेहतर रखना एक आवश्यकता है। जो स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। इसलिए अपने दांतों में होने वाली समस्या से डरे। उनका समय पर उपचार करवाएं।
     

फेलिक्स हॉस्पिटल के पास अनुभवी डेंटिस्ट डॉक्टरों की एक टीम है, जो आरसीटी (Root Canal Treatment) द्वारा इलाज करती है। हम आरसीटी पर आपके किसी भी सवाल का जवाब देने में सक्ष्म है। एक्सपर्ट सुझाव के लिए कॉल करें +91 9667064100.

 

पायरिया से बचाव के लिए मसूड़ों की मालिश भी जरुरी (Gum massage is also necessary to prevent pyorrhea in hindi) : 

  1. दांतों में पायरिया से बचाव के लिए लगातार दांतों की सफाई और मसूड़ों की मालिश जरुरी होती है। अगर कई दिनों तक दांत की सफाई न की जाए तो तो दांत में दर्द, बदबू आने के बाद में पायरिया होने लगाता है।
  2. पायरिया होना दांत के लिए खतरनाक है। मसूड़ों से बार-बार खून आता है। पायरिया के लक्षण पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। खुद अपने स्तर पर कोई दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  3. अगर लंबी बीमारी के बाद और अन्य कारणों से मुंह में बदबू आती है या शुगर अधिक रहने पर किसी को कोई गंभीर बीमारी होने पर और एसिडिटी अधिक रहने के कारण भी मुंह से बदबू आती है, तो सतर्क हो जाए।
  4. कई बार सामान्य कारणों में दांत में खाना फसने से बदबू आती है। कई बार लोग ध्यान नहीं देते। दांतों की सफाई के साथ अपनी जीभ साफ करना चाहिए। टंग क्लीनर से इसकी नियमित रुप से सफाई करना चाहिए।
     

 

दांतों और मसूड़ों को हेल्दी रखने के टिप्स (Tips to keep teeth and gums healthy in hindi) : 

  1. सेहतमंद रहने के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ ओरल हेल्थ का ध्यान रखना जरूरी है।
  2. दांत न सिर्फ सेहत को प्रभावित करते हैं। यह खूबसूरती को निखारने में मदद करते हैं।
  3. कई बार कुछ वजह से हमारे दांत और मसूड़े कई समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। इसकी वजह से न सिर्फ परेशानी होती है। लोग खुलकर हंसने से भी कतराते हैं।
  4. दांत और मसूड़ों की देखभाल के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। संतुलित आहार को अपनी रूटीन का हिस्सा बनाना चाहिए।
  5. दांत के स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम और फास्फोरस बेहद जरूरी हैं। डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स, पत्तेदार सब्जियां, नट्स शामिस करना चाहिए।
  6. चीनी युक्त और एसिडिक फूड्स से परहेज करना चाहिए क्योंकि यह दांतों की सड़न का कारण बनता है।
  7. छोटे कण दांतों के बीच फंस जाते हैं। दांतों के बीच फंसे कण सड़न का कारण बनता है। इसलिए अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए।
  8. पानी पीने से दांतों में सड़न का कारण बनने वाले फूड आर्टिकल्स, बैक्टीरिया और एसिड को दूर करना आसाना होता है।
  9. स्वस्थ दांत और मसूड़ों के लिए जरूरी है कि हाइजीन बनाए रखें। दिन में कम से कम दो बार अपने दांत को ब्रश करना चाहिए।
  10. नरम ब्रिसल वाले टूथब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए। दांत के बीच और मसूड़ों से खाने के कणों को हटाने के लिए फ्लॉस करना नहीं भूलना चाहिए।
  11. दांत को हेल्दी बनाए रखने के लिए जरूरी है कि साफ-सफाई के साथ नियमित जांच कराएं। दांत की जांच करवाने से पहले से ही किसी समस्या का पता चलता है। जिससे इलाज में मदद होती है।
  12. फ्लोराइड मिनरल का इस्तेमाल करना चाहिए। यह दांतों के इनेमल को मजबूत करता है। दांत को डैमेज होने से बचाता है। टूथपेस्ट और माउथवॉश ऐसे चुनें जो फ्लोराइड युक्त हो। 
     

 

फेलिक्स सपोर्ट (Felix Support)


दांत में छेद या दांतों में ठंडा या गर्म पदार्थ के लगने पर आरसीटी से दांत को बचाया जाता है। इससे न सिर्फ दांत सुरक्षित होता हैं, बल्कि दर्द और पस की समस्या भी दूर होती है। अगर आपको भी दांतों में सूजन की समस्या है तो हम आपकी मदद के लिए तैयार हैं। फेलिक्स हॉस्पिटल के पास अनुभवी डेंटिस्ट डॉक्टरों की एक टीम है, जो आरसीटी द्वारा इलाज करती है। नोएडा में सर्वश्रेष्ठ अस्पताल, फेलिक्स हॉस्पिटल, में आपका स्वागत है। एक्सपर्ट सुझाव के लिए कॉल करें +91 9667064100.

 

 

निष्कर्ष  (conclusion) : 


दांत में दर्द होना एक आम समस्या है। लेकिन अधिक दर्द दांत के मसूड़ों में समस्या का संकेत है। यह दर्द आमतौर पर कभी भी हो सकता है। इस कारण रूट कैनाल उपचार के माध्यम से दांत का इलाज करने की जरूरत होती है। जब दांत की जड़ में संक्रमण की बात आती है, तो इसका इलाज जल्द से जल्द करना जरूरी होता है। अगर आप नॉएडा में रहते है और रूट  ट्रीटमेंट चाहते है तो नॉएडा के बेस्ट डेंटल हॉस्पिटल (dental hospital in Noida) में जाँच ज़रूर करवाएँ | रूट के संक्रमित होने पर रूट कैनाल उपचार एक बेहतर विकल्प है। रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) पल्प चैंबर को हटाकर उसे साफ करता है। बाद में दांत को सुरक्षित रखने के लिए दांत पर क्राउन को लगाते है। 

 

रूट कैनाल ट्रीटमेंट (आरसीटी) को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न  
(Frequently Asked Questions about Root Canal Treatment [RCT]) : 

 

RCT क्या है?
उत्तरः RCT (Randomized Controlled Trial) एक विज्ञानिक अध्ययन होता है जिसमें दो या अधिक समूहों में से एक समूह को एक नए उपचार या इलाज का प्रभाव जांचने के लिए अन्य समूह के सामान्य उपचार से तुलना करने के लिए बिना किसी पूर्वाग्रह के चुनाव से उपचार दिया जाता है।

 

क्या रूट कैनाल ट्रीटमेंट प्रक्रिया पेनफुल होती है ?
उत्तरः रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) के दौरान व्‍यक्‍त‍ि को एंटीडोट और एनेस्‍थ‍िस‍िया दी जाती है। रूट कैनाल के दौरान दर्द नहीं होता है। रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) के बाद दर्द हो सकता है। ज‍िसे कंट्रोल करने के ल‍िए डॉक्‍टर द्वारा दवा दी जाती है। रूट कैनाल के दौरान गलत खाने से दर्द होता है।


क्या रूट कैनाल ट्रीटमेंट का कोई नुकसान होता है ?
उत्तरः रूट कैनाल ट्रीटमेंट से कोई बड़ा नुकसान नहीं होता है। मगर कई बार रूट कैनाल के दौरान संक्रमि‍त मशीन से संक्रमण हो जाता है। जिससे दर्द होता है। रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) के दौरान कुछ लोगों के दांत में संक्रमण के कारण फोड़ा भी बनता है। ठीक से रूट कैनाल नहीं करने के कारण दांत की जड़ में दरार आने की संभावना रहती है।


रूट कैनाल ट्रीटमेंट के बाद दर्द और सूजन से बचाव के लिए क्या करना चाहिए ? 
उत्तरः डॉक्‍टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करना चाहिए।  रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) के बाद कुछ द‍िन केवल नरम चीजों का सेवन करना चाहिए। ध्‍यान से ब्रश करना चाहिए। रूट कैनाल वाले दांत को छूने से बचना चाहिए।  रूट कैनाल ट्रीटमेंट के बाद बर्फ या कोल्‍ड कंप्रेस का इस्‍तेमाल करना चाहिए। 


रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) कब करवाना चाहिए ?
उत्तरः जब दांत की नसें खराब हो गई हो। या जब संक्रमण के कारण दांत काला पड़ता है या खत्म हो जाता है। कई बार दांत घिसने के कारण दांत में सनसनाहट होती है। यह दर्द  फ्लोराइड टूथपेस्ट से बंद नहीं होता है।


रूट कैनाल उपचार की लागत कितनी है ?
उत्तरः रूट कैनाल ट्रीटमेंट का खर्च दांत और स्थिति के अनुसार बदल सकता है। भारत में, एक दांत का रूट कैनाल ट्रीटमेंट लगभग ₹2000 से ₹8000 या उससे भी अधिक तक हो सकता है।
 

रूट कैनाल उपचार के बाद दर्द कितने समय तक रहता है ?
उत्तरः आम तौर पर, रूट कैनाल ट्रीटमेंट के बाद कुछ घंटों या एक-दो दिन तक थोड़ा दर्द हो सकता है। अगर दर्द अधिक है या लंबे समय तक चलता है, तो आपको अपने डेंटिस्ट से संपर्क करना चाहिए।
 

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