यूरिन (मूत्र) में एपिथेलियल सैल्स आमतौर पर तब पाई जाती हैं जब एपिथेलियल सैल्स मूत्रमार्ग, ब्लैडर, यूरिटर्स या किडनी से बाहर निकलती हैं। यूरिन में एपिथेलियल सैल्स का एक सामान्य स्तर होना सामान्य है, लेकिन अगर इनकी मात्रा अधिक हो जाती है, तो यह संक्रमण, सूजन, या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। डॉक्टर आपके यूरिन टेस्ट के परिणामों की जांच करेंगे और यदि आवश्यक हो तो आगे की जांच और उपचार की सलाह देंगे। यदि आपको यूरिन में किसी प्रकार के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत तो तुरंत नोएडा के यूरोलॉजिस्ट (Best Urologist in Noida) से संपर्क करें और चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। जानिए इसके लक्षण से लेकर इलाज तक के बारे में विस्तार से.

 

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यूरिन में एपिथेलियल सैल्स क्या है ? (What is  Epithelial Cells in Urine in Hindi)

यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की उपस्थिति सामान्यत: तब होती है जब एपिथेलियल सैल्स (त्वचा और आंतरिक अंगों की सतह को ढंकने वाली कोशिकाएं) मूत्र मार्ग के विभिन्न हिस्सों से मूत्र के साथ निकलती हैं। स्क्वैमस एपिथेलियल सैल्स सबसे सामान्य प्रकार की कोशिकाएं होती हैं जो आमतौर पर मूत्रमार्ग (यूरीथ्रा) और वेजाइना से आती हैं। ये कोशिकाएं फ्लैट और बड़ी होती हैं। ट्रांजिशनल एपिथेलियल सैल्स कोशिकाएं ब्लैडर (मूत्राशय), यूरिटर्स (मूत्रवाहिनी), और किडनी के ऊपरी हिस्से से आती हैं। ये कोशिकाएं विभिन्न आकार और रूप में हो सकती हैं। रिनल ट्यूबुलर एपिथेलियल सैल्स कोशिकाएं किडनी (गुर्दे) से आती हैं और अगर ये बड़ी मात्रा में पाई जाती हैं, तो यह किडनी की किसी समस्या का संकेत हो सकता है।
 

यूरिन में एपिथेलियल सैल्स के प्रकार (Types of  Epithelial Cells in Urine)

 

  • स्क्वैमस एपिथेलियल सैल्स (Squamous Epithelial Cells): ये सैल्स सामान्यत मूत्रमार्ग (यूरीथ्रा) और वेजाइना से आती हैं। ये फ्लैट और बड़ी होती हैं, और इनके नाभिक बड़े होते हैं। ये सामान्यत: यूरिन सैंपल में सबसे अधिक मात्रा में पाई जाती हैं। इनकी उपस्थिति सामान्य होती है, लेकिन अधिक मात्रा में होने पर यह किसी संक्रमण या मूत्र मार्ग की समस्या का संकेत हो सकता है।
  • ट्रांजिशनल एपिथेलियल सैल्स (Transitional Epithelial Cells): ये सैल्स मूत्राशय (ब्लैडर), यूरिटर्स (मूत्रवाहिनी), और गुर्दे (किडनी) के ऊपरी हिस्से से आती हैं। ये सैल्स विभिन्न आकार और रूप में हो सकती हैं और ये फ्लैट से लेकर गोलाकार तक हो सकती हैं। इनकी उपस्थिति भी सामान्य होती है, लेकिन अधिक मात्रा में होने पर यह संक्रमण, सूजन, या ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
  • रिनल ट्यूबुलर एपिथेलियल सैल्स (Renal Tubular Epithelial Cells): ये सैल्स गुर्दे (किडनी) के ट्यूब्यूल्स से आती हैं। ये सैल्स सामान्यत: छोटी होती हैं और इनके नाभिक बड़े होते हैं। इनकी अधिक मात्रा किडनी की समस्याओं, जैसे कि तीव्र गुर्दे की चोट या अन्य गुर्दे की बीमारियों का संकेत हो सकती है।
     

यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की सामान्य रेंज (Normal range of epithelial cells in urine in Hindi)

यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की सामान्य रेंज व्यक्ति की उम्र, लिंग, और स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करती है। आमतौर पर, यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की सामान्य मात्रा को मापने के लिए माइक्रोस्कोपिक एक्सामिनेशन का उपयोग किया जाता है। स्क्वैमस एपिथेलियल सैल्स की सामान्य रेंज यूरिन सैंपल में स्क्वैमस एपिथेलियल सैल्स की मात्रा हल्की होती है, और आमतौर पर 0-5 सैल्स/हाई पावर फील्ड (एचपीएफ) होती है। अगर ये संख्या बढ़ जाती है, तो यह मूत्रमार्ग की सूजन या संक्रमण का संकेत हो सकता है। ट्रांजिशनल एपिथेलियल सैल्स में रेंज सामान्य रूप से 0-3 सैल्स/एचपीएफ होती है। अगर संख्या अधिक होती है, तो यह मूत्राशय की समस्या या सूजन का संकेत हो सकता है। रिनल ट्यूबुलर एपिथेलियल सैल्स की रेंज सामान्य यूरिन में रिनल ट्यूबुलर एपिथेलियल सैल्स की मात्रा बहुत कम होती है, लगभग 0-1 सैल्स/एचपीएफ होती है। अगर इनकी संख्या अधिक हो, तो यह किडनी की समस्याओं का संकेत हो सकता है, जैसे कि किडनी की सूजन या क्षति। विभिन्न प्रयोगशालाएं और मेडिकल सेंटर थोड़े भिन्न मानदंडों का उपयोग कर सकते हैं, इसलिए आपके द्वारा प्राप्त परिणामों को आपके स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा सही ढंग से व्याखित करना महत्वपूर्ण है। सामान्य रेंज में थोड़े बहुत बदलाव हो सकते हैं, और ये किसी बीमारी या स्वास्थ्य स्थिति का संकेत नहीं देते हैं। अगर आपके यूरिन टेस्ट में एपिथेलियल सैल्स की मात्रा सामान्य से अधिक पाई जाती है, तो डॉक्टर से परामर्श करें ताकि किसी संभावित स्वास्थ्य समस्या की जांच की जा सके और उचित उपचार किया जा सके।
 

यूरिन में एपिथेलियल सैल्स  के लक्षण (Symptoms of  Epithelial Cells in Urine)

 

  • बार-बार मूत्र आना:  यदि आपको सामान्य से अधिक बार पेशाब आ रहा है, तो यह संक्रमण या सूजन का संकेत हो सकता है।
  • दर्द या जलन:  पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होना यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है।
  • यूरिन में रक्त:  यदि यूरिन में खून दिखाई देता है, तो यह संक्रमण, गुर्दे की पथरी, या अन्य गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
  • यूरिन की गंध में परिवर्तन:  यूरिन की गंध में बदलाव भी संक्रमण या अन्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
  • बुखार और ठंड लगना:  संक्रमण के कारण बुखार और ठंड लग सकती है।
  • कमर या पेट में दर्द:  यह किडनी या मूत्राशय की समस्याओं का संकेत हो सकता है।
  • थकान और कमजोरी:  यह संक्रमण या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकता है।

 

यूरिन में एपिथेलियल सैल्स के कारण (Causes of  Epithelial Cells in Urine)

 

  • यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन: यूरिन मार्ग में संक्रमण के कारण यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की मात्रा बढ़ सकती है इस कारण बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय जलन, बुखार होता है।
  • किडनी की समस्याएं: किडनी में संक्रमण, सूजन, या अन्य बीमारियां यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की मात्रा बढ़ा सकती हैं। इस कारण कमर दर्द, थकान, मूत्र में खून या प्रोटीन की उपस्थिति होती है।
  • यूरिन की समस्याएं: यूरिन की सूजन या संक्रमण के कारण भी एपिथेलियल सैल्स की मात्रा बढ़ सकती है। पेट के निचले हिस्से में दर्द, बार-बार पेशाब आना।
  • पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज: महिलाओं में श्रोणि अंगों की सूजन के कारण यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की मात्रा बढ़ सकती है। इस कारण पेट के निचले हिस्से में दर्द, असामान्य योनि स्राव, बुखार होता है।
  • मूत्र में प्रदूषण: यूरिन सैंपल लेते समय बाहरी प्रदूषण के कारण भी यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की मात्रा बढ़ सकती है। इसलिए सैंपल को सही तरीके से लेने की सलाह दी जाती है।
  • कैथेटर का उपयोग: यूरिन कैथेटर का उपयोग करने पर भी यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की मात्रा बढ़ सकती है। इस कारण यूरिन में संक्रमण, जलन होता है।
  • अन्य कारण: कुछ दवाओं का सेवन, चिकित्सा प्रक्रियाएं और अन्य स्वास्थ्य स्थितियां भी यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की मात्रा बढ़ा सकती हैं।
     

यूरिन में एपिथेलियल सैल्स का इलाज (Treatment of  Epithelial Cells in Urine)

 

  • यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का इलाज: संक्रमण के इलाज के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लिख सकते हैं। उपचार की अवधि और दवा का प्रकार संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करेगा। दर्द और जलन को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाएं ली जा सकती हैं।
  • किडनी संक्रमण और सूजन का इलाज: किडनी संक्रमण और सूजन के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दी जा सकती हैं। अधिक पानी पीना मूत्रमार्ग को साफ रखने में मदद करता है।
  • यूरिन की समस्याओं का इलाज: यूरिन के संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक दवाओं से किया जा सकता है। यूरिन की समस्याओं के इलाज में पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज मददगार हो सकती हैं।
  • पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का इलाज: पीआईडी के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं। गंभीर मामलों में सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है।
  • जीवनशैली में बदलाव: निजी स्वच्छता का ध्यान रखें और मूत्रमार्ग को साफ रखें। अधिक पानी पीने से मूत्रमार्ग साफ रहता है। यौन संबंध के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखें। संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें। नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
  • अन्य कारणों का इलाज: यदि किसी विशेष दवा के कारण यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की मात्रा बढ़ी है, तो डॉक्टर उस दवा की खुराक को बदल सकते हैं या अन्य दवाएं सुझा सकते हैं। कुछ मामलों में, संक्रमण या अन्य समस्याओं के निदान के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श करते रहें और उनकी सलाह का पालन करें।  समय-समय पर यूरिन टेस्ट कराते रहें ताकि किसी भी समस्या का पता समय पर चल सके।
     

यूरिन में एपिथेलियल सैल्स से बचाव (Prevention of  Epithelial Cells in Urine)

 

  • स्वच्छता बनाए रखें: नियमित रूप से स्नान करें और गुप्तांगों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। यूरीन पास करने के बाद सफाई: पेशाब करने के बाद सही तरीके से सफाई करें, खासकर महिलाओं को आगे से पीछे की ओर सफाई करनी चाहिए ताकि बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश न कर सकें।
  • पर्याप्त पानी पिएं: दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मूत्रमार्ग साफ रहता है और संक्रमण का खतरा कम होता है।
  • यूरिन को रोककर न रखें: यूरिन को लंबे समय तक रोककर रखने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  • सही आहार का सेवन: विटामिन और मिनरल्स से भरपूर आहार का सेवन करें। विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे कि संतरा, नींबू आदि, मूत्रमार्ग की स्वच्छता बनाए रखने में सहायक होते हैं। दही और अन्य प्रोबायोटिक्स का सेवन करें, जो बैक्टीरिया संतुलन को बनाए रखते हैं।
  • संक्रमण से बचाव: यौन संबंध के दौरान कंडोम का उपयोग करें और यौन संबंध के बाद पेशाब करें। सही तरीके से सफाई करें, खासकर महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि सफाई आगे से पीछे की ओर हो।
  • डॉक्टर से नियमित जांच: समय-समय पर डॉक्टर से स्वास्थ्य जांच कराते रहें, खासकर अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं।
  • कैथेटर का सही उपयोग: यदि कैथेटर का उपयोग करना पड़े, तो उसे सही तरीके से उपयोग करें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
  • दवाओं का सही उपयोग: किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें और निर्देशों का पालन करें।

 

फेलिक्स अस्पताल के प्रमुख यूरोलॉजिस्ट

डॉ. भंवर लाल बरकेसिया के पास यूरोलॉजी में 9 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव है। वह सामान्य यूरोलॉजी, एंडोस्कोपिक यूरोलॉजी, कैंसर से संबंधित यूरोलॉजी, गुर्दा प्रत्यारोपण, बांझपन और महिला यूरोलॉजी में विशेषज्ञता रखते हैं। उन्होंने कई जटिल प्रक्रियाओं जैसे यूरेटर से पत्थर निकालना, प्रोस्टेट की सर्जरी, गुर्दे की पथरी निकालना, वेरिकोसील की सर्जरी, यूरेटर की मरम्मत, गुर्दे की सर्जरी और महिला यूरोलॉजी से जुड़ी सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।

 

डॉ. सचिन खंडेलवाल भी एक कुशल यूरोलॉजिस्ट हैं, जिनका 12 वर्ष से अधिक का अनुभव है। उनकी विशेषज्ञता में मूत्राशय संबंधी समस्याएं, मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई), मूत्राशय और गुर्दे का कैंसर, गुर्दे में अवरोध और गुर्दे की पथरी शामिल हैं। वे गुर्दे के प्रत्यारोपण (मृत व्यक्ति और जीवित दाता से संबंधित), एंडोयूरोलॉजी, लेप्रोस्कोपिक और खुली सर्जरी में भी माहिर हैं। मूत्र संबंधी किसी भी समस्या के लिए, आप इन दोनों डॉक्टरों से परामर्श कर सकते हैं।

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निष्कर्ष (Conclusion)

यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की अधिक मात्रा का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। उपचार का उद्देश्य संक्रमण, सूजन, या अन्य समस्याओं का निदान और समाधान करना है। यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की उपस्थिति आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होती है, लेकिन यदि इनकी मात्रा अधिक हो जाती है, तो यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। सही निदान और उपचार के लिए नोएडा में यूरोलॉजिस्ट हॉस्पिटल(Best urologist Hospital in Noida) में डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। समय पर जांच और उचित उपचार से संक्रमण और अन्य समस्याओं को रोका जा सकता है।

 

यूरिन में एपिथेलियल सैल्स को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (Frequently asked questions and answers about  Epithelial Cells in Urine)

 

प्रश्न 1: यूरिन में एपिथेलियल सैल्स का सामान्य स्तर क्या होना चाहिए ?
उत्तर: सामान्य यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की मात्रा थोड़ी बहुत होती है। यह मात्रा व्यक्ति की उम्र, लिंग, और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। सामान्यतः, स्क्वैमस एपिथेलियल सैल्स की थोड़ी मात्रा यूरिन में पाई जाती है, जबकि ट्रांजिशनल और रिनल ट्यूबुलर एपिथेलियल सैल्स की मात्रा कम होती है।

 

प्रश्न 2: यूरिन में एपिथेलियल सैल्स का अधिक होना क्या दर्शाता है ?
उत्तर: यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की अधिक मात्रा संक्रमण, सूजन, या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है, जैसे कि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन , किडनी की समस्याएं, मूत्राशय की समस्याएं, या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज।

 

प्रश्न 3: यदि यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की अधिक मात्रा है, तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर: यदि यूरिन टेस्ट में एपिथेलियल सैल्स की अधिक मात्रा पाई जाती है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें। डॉक्टर आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे, कारण का पता लगाएंगे, और उचित इलाज की सलाह देंगे।

 

प्रश्न 4: यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की अधिकता को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है ?
उत्तर: उपचार के लिए आपके डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपायों का पालन करें। इसमें एंटीबायोटिक्स, सूजन-रोधी दवाएं, और दर्द निवारक दवाएं शामिल हो सकती हैं। जीवनशैली में बदलाव, जैसे कि अधिक पानी पीना, सही स्वच्छता बनाए रखना, और सुरक्षित यौन संबंध रखना भी मदद कर सकता है।

 

प्रश्न 5: क्या जीवनशैली में बदलाव से यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की अधिकता को रोका जा सकता है?
उत्तर: हां, जीवनशैली में कुछ बदलाव जैसे कि अच्छी स्वच्छता बनाए रखना, पर्याप्त पानी पीना, और स्वस्थ आहार का सेवन यूरिनरी ट्रैक्ट की स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और संक्रमण के जोखिम को कम कर सकते हैं।

 

प्रश्न 6: क्या मूत्र में एपिथेलियल सैल्स की उपस्थिति गर्भावस्था में सामान्य है ?
उत्तर: गर्भावस्था के दौरान यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की थोड़ी बहुत मात्रा सामान्य हो सकती है। हालांकि, यदि मात्रा अधिक है या अन्य लक्षण जैसे दर्द या जलन महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।


प्रश्न 7: क्या कैथेटर उपयोग करने से यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की अधिकता हो सकती है ?
उत्तर: हां, कैथेटर का उपयोग करने से यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की मात्रा बढ़ सकती है, क्योंकि कैथेटर मूत्रमार्ग में प्रवेश करता है और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। सही उपयोग और स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

 

प्रश्न 8: क्या यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की अधिकता का कोई गंभीर परिणाम हो सकता है ?
उत्तर: यूरिन में एपिथेलियल सैल्स की अधिकता कभी-कभी गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकती है, जैसे कि किडनी की बीमारियां या संक्रमण। उचित निदान और समय पर उपचार से गंभीर परिणामों को रोका जा सकता है।

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