डिहाइड्रेशन यानी (dehydration meaning in hindi) की निर्जलीकरण एक ऐसी स्थिति है। जब हमारा शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं होता है। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार की जटिलता का कारण बन सकती है।यहां हम डिहाइड्रेशन के कारणों, लक्षणों, निवारण और उपचार के बारे में जानेंगे। 

 

अगर आपको भी कभी ऐसा लगता है की आपको डिहाइड्रेशन हो रहा है तो आप जनरल फिजिशियन (General Physician Doctor in Noida) को दिखा सकते है हमें कॉल करें - +91 9667064100

 

क्या है डिहाइड्रेशन ? (what is dehydration in Hindi) : 

डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण शरीर में जल की कमी को दर्शाता है। यह तब होता है जब शरीर को प्राप्त होने वाले जल की मात्रा, शरीर द्वारा खोए गए जल की मात्रा से कम होती है। यह स्थिति विभिन्न कारणों से हो सकती है जैसे कि अधिक पसीना आना, दस्त लगना, उल्टी होना या पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ ना पीना। डिहाइड्रेशन(dehydration) कोई हल्की समस्या नहीं है और इसके प्रति सजग रहना चाहिए। इसके संकेतों और लक्षणों को पहचानना और समय पर उपचार करना जरूरी है।स्वस्थ रहने के लिए और शरीर के संतुलन को बनाए रखने के लिए हमेशा हाइड्रेटेड रहें।
 

गर्मियों में क्यों होता है डिहाइड्रेशन? (Why does dehydration happen in summer in Hindi) : 


गर्मियों में डिहाइड्रेशन होने के कई कारण होते हैं, जिनमें पर्यावरणीय कारकों से लेकर व्यक्तिगत जीवनशैली तक शामिल हैं। गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ जाने के कारण शरीर अधिक पसीना छोड़ता है, जिससे शरीर से अधिक मात्रा में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की हानि होती है। इससे डिहाइड्रेशन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। नीचे कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं जो गर्मियों में डिहाइड्रेशन (dehydration) का कारण बन सकते हैं:

 

  • अधिक तापमान और उमस: गर्मी के मौसम में, विशेषकर उच्च तापमान और उमस भरी जलवायु में, शरीर को ठंडा रखने के लिए अधिक पसीना आता है। यह पसीना शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स को बाहर निकालता है, जिससे पानी की कमी हो सकती है।
  • शारीरिक गतिविधियां: गर्मी के दिनों में बाहरी गतिविधियां जैसे खेल, ट्रेकिंग या काम के दौरान भी शरीर अधिक पसीना छोड़ता है। यदि पानी की पुनःपूर्ति नहीं की जाती है, तो इससे डिहाइड्रेशन हो सकता है।
  • पानी पीने की आदतों में कमी: अक्सर लोग गर्मियों में भी पर्याप्त पानी पीने की आदत नहीं रखते हैं। यदि व्यक्ति प्यास लगने का इंतजार करता है तो उस समय तक शरीर पहले ही डिहाइड्रेशन (dehydration) की स्थिति में जा सकता है।
  • अल्कोहल और कैफीन का सेवन: गर्मी के दिनों में अल्कोहल या कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन भी डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। ये पेय पदार्थ मूत्रवर्धक होते हैं, जो शरीर से अधिक मात्रा में पानी को बाहर निकाल देते हैं।
  • उचित आहार न लेना: उचित पोषण न मिलने से भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। गर्मियों में फल और सब्जियां जैसे तरबूज, खीरा जो जल सामग्री से भरपूर होते हैं, उनका सेवन कम करने से भी डिहाइड्रेशन (dehydration) हो सकता है।

डिहाइड्रेशन के प्रकार (Types of dehydration in Hindi) : 


डिहाइड्रेशन अर्थात शरीर में जल की कमी एक आम समस्या है, जिसके कई कारण और प्रकार होते हैं। यह स्थिति तब होती है जब शरीर उपयोग किए जाने वाले तरल पदार्थों की तुलना में कम तरल पदार्थ का सेवन करता है। डिहाइड्रेशन (dehydration) की गंभीरता के आधार पर, इसे मुख्य रूप से तीन प्रकारों में विभाजित किया गया है: हल्का, मध्यम, और गंभीर। 

  1. हल्का डिहाइड्रेशन: 

हल्का डिहाइड्रेशन तब होता है (dehydration in hindi) जब शरीर में जल की मामूली कमी होती है। इस स्तर पर, लक्षण सामान्यतः हल्के होते हैं और अक्सर अनदेखे भी चले जाते हैं। लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

 

  • सूखा मुंह और गला
  • थकान या कमजोरी
  • कम यूरिन आउटपुट
  • सिर दर्द
  • चक्कर आना

हल्के डिहाइड्रेशन का इलाज सामान्यतः अधिक तरल पदार्थ पीने से किया जा सकता है। पानी, इलेक्ट्रोलाइट समृद्ध ड्रिंक्स और ताज़े फलों के रस पीने से शरीर को फिर से हाइड्रेट किया जा सकता है।

2. मध्यम डिहाइड्रेशन: 

मध्यम डिहाइड्रेशन(dehydration) में, जल की कमी के लक्षण अधिक स्पष्ट और गंभीर होते हैं। इस स्तर पर शरीर की प्राकृतिक बैलेंसिंग क्षमता प्रभावित होती है, और निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:

 

  • बहुत कम यूरिन उत्पादन, यूरिन का गहरा रंग
  • बढ़ी हुई थकान
  • त्वचा का सूखापन और लोच खोना
  • तेज हृदय गति और श्वास
  • भ्रम की स्थिति

मध्यम डिहाइड्रेशन के उपचार के लिए अधिक गहन हाइड्रेशन की आवश्यकता होती है, और कभी-कभी ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट्स (ORS) का उपयोग करना पड़ सकता है।

3. गंभीर डिहाइड्रेशन: 

गंभीर डिहाइड्रेशन एक आपातकालीन मेडिकल स्थिति है और यह जीवन के लिए खतरनाक हो सकती है। इस स्थिति में, शरीर की जल आपूर्ति इतनी कम हो जाती है कि यह सामान्य कार्य करने में असमर्थ होता है। गंभीर डिहाइड्रेशन(dehydration) के लक्षणों में शामिल हैं:

 

  • कोई यूरिन न बनना या बेहद कम यूरिन
  • बेहोशी या गंभीर भ्रम की स्थिति
  • तेजी से या कमजोर नाड़ी
  • बेहद शुष्क त्वचा, आंखें और मुंह
  • शॉक की स्थिति

गंभीर डिहाइड्रेशन का इलाज आमतौर पर अस्पताल में इंट्रावेनस फ्लूइड्स (IV fluids) के जरिए किया जाता है। यह न केवल जल की कमी को पूरा करता है, बल्कि इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन को भी बहाल करता है।

 

डिहाइड्रेशन के लक्षण (Symptoms of Dehydration in Hindi):


डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण शरीर में जल की कमी को दर्शाता है। यह तब होता है जब शरीर को प्राप्त होने वाले जल की मात्रा, शरीर द्वारा खोए गए जल की मात्रा से कम होती है। यह स्थिति विभिन्न कारणों से हो सकती है जैसे कि अधिक पसीना आना, दस्त लगना, उल्टी होना या पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ ना पीना। 

हाल ही में, बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान ने गुजरात के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में अपनी टीम, कोलकाता नाइट राइडर्स का समर्थन करते समय गर्मी के कारण हीट वेव स्ट्रोक का अनुभव किया।


गर्मियों के दिन बढ़ते जा रहे हैं और गर्मी की तीव्रता भी बढ़ रही है। ऐसे में हम सभी से अनुरोध करते हैं कि सतर्क रहें और अनावश्यक बाहर जाने से बचें, विशेष रूप से दिन के सबसे गर्म समय में, यानी 12 बजे दोपहर से 3 बजे तक। अगर बाहर जाना जरूरी है, तो इन उपायों का पालन करें:

  • हाइड्रेटेड रहें : पानी, नींबू पानी, और ग्लूकोन-डी जैसे इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक हमेशा साथ रखें।
  • हल्के और ढीले कपड़े पहनें : ताकि शरीर को ठंडक मिल सके।
  • धूप से बचाव करें : बाहर जाने से पहले सनस्क्रीन लगाएं और सिर को ढकने के लिए टोपी या छतरी का उपयोग करें।
  • छांव में रहें : जितना हो सके धूप से बचने की कोशिश करें।


फेलिक्स हॉस्पिटल हमेशा आपके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए यहाँ है। इस गर्मी के मौसम में सही हाइड्रेशन बनाए रखने और गर्मी से बचने के उपायों को अपनाकर सुरक्षित रहें।


किसी भी चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो तो हमसे संपर्क करने में हिचकिचाएं नहीं। हमें कॉल करें +91 9667064100.


डिहाइड्रेशन के प्रारंभिक संकेत और लक्षण (Early Signs and Symptoms of Dehydration in Hindi) : 

 

  • प्यास का बढ़ना: यह डिहाइड्रेशन का सबसे सामान्य और प्रारंभिक संकेत है। यदि आपको असामान्य रूप से अधिक प्यास लग रही है, तो यह शरीर में जल की कमी का संकेत हो सकता है।
  • मुंह का सूखना और गले में खराश: डिहाइड्रेशन से मुंह की लार का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे मुंह सूखने लगता है और गले में खराश महसूस होती है।
  • सिरदर्द: जब शरीर डिहाइड्रेट होता है, तो मस्तिष्क के आसपास के ऊतक सिकुड़ सकते हैं जिससे सिरदर्द हो सकता है।
  • थकान: शरीर का उचित हाइड्रेशन स्तर ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डिहाइड्रेशन(dehydration) से ऊर्जा की कमी और थकान महसूस होती है।
  • कम और गाढ़ा पेशाब: यदि पेशाब की मात्रा कम हो गई है और रंग गहरा है, तो यह डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है।

 

अधिक गंभीर संकेत और लक्षण (Critical Dehydration Symptoms in Hindi): 

  • त्वचा की टाइटपन कम होना: त्वचा ढीली हो जाती है। त्वचा की लोच की जांच करने के लिए, त्वचा को उठायें और छोड़ दें। यदि त्वचा धीरे-धीरे वापस अपनी जगह पर जाती है, तो यह डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है।
  • दिल तेजी से धड़कना और श्वास में वृद्धि: डिहाइड्रेशन से हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और श्वास की दर बढ़ सकती है।
  • चक्कर आना और बेहोशी: खून का प्रवाह कम होने के कारण और ब्लड प्रेशर गिरने पर चक्कर आ सकते हैं और बेहोशी हो सकती है। 
  • मानसिक भ्रम और चिड़चिड़ापन: डिहाइड्रेशन से मस्तिष्क के कार्य प्रभावित होते हैं, जिससे मानसिक भ्रम और मूड में परिवर्तन आ सकता है।

 

डिहाइड्रेशन के प्रमुख कारण (Main Cause of Dehydration in Hindi) :  

  • पर्याप्त पानी न पीना: यदि व्यक्ति दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीता है, तो उसे डिहाइड्रेशन हो सकता है।
  • अत्यधिक पसीना: गर्मी में काम करना या व्यायाम करने से शरीर से अधिक मात्रा में पसीना निकलता है, जिससे पानी की कमी हो सकती है।
  • बीमारी: उल्टी या दस्त के दौरान शरीर से बड़ी मात्रा में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स खो जाते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है।
  • डायबिटीज़: डायबिटीज के रोगी में अधिक मात्रा में पेशाब आने के कारण भी डिहाइड्रेशन की स्थिति बन सकती है।

 

डिहाइड्रेशन के अन्य कारण  (Other Causes of Dehydration in Hindi) : 

डिहाइड्रेशन एक ऐसी स्थिति है जहां शरीर में पानी की मात्रा अपेक्षित स्तर से कम हो जाती है यह विभिन्न कारणों से हो सकता है और इसके परिणाम स्वास्थ्य पर गंभीर हो सकते हैं।

 

  • अपर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन: 

यह सबसे स्पष्ट कारण है। जब लोग पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थ नहीं पीते, तो उनका शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है। विशेष रूप से बुजुर्ग लोगों में, जिन्हें कभी-कभी प्यास का अहसास कम होता है, यह समस्या अधिक आम है।

  • गर्मी और आर्द्रता: 

उच्च तापमान और आर्द्रता के माहौल में शरीर पसीने के रूप में अधिक जल खो देता है। यदि पसीने की भरपाई के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन नहीं किया जाता है, तो डिहाइड्रेशन(dehydration) हो सकता है।

  • बीमारी: 

विभिन्न प्रकार की बीमारियां, जैसे कि फ्लू, डायरिया, उल्टी, और बुखार शरीर से तरल पदार्थों की हानि का कारण बनती हैं। इन स्थितियों में, शरीर आमतौर पर सामान्य से अधिक जल खो देता है।

  • अत्यधिक व्यायाम: 

एथलीट्स और जो लोग भारी शारीरिक गतिविधियां करते हैं, वे पसीने के माध्यम से काफी मात्रा में जल खो सकते हैं। यदि इस दौरान पर्याप्त रूप से हाइड्रेट नहीं किया जाता है, तो डिहाइड्रेशन हो सकता है।

  • अल्कोहल का सेवन:

अल्कोहल एक प्राकृतिक डायुरेटिक है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर को पानी छोड़ने के लिए प्रेरित करता है। अधिक अल्कोहल पीने से शरीर में तरल पदार्थों का स्तर कम हो सकता है, जिससे डिहाइड्रेशन(dehydration) हो सकता है।

  • बढ़ती उम्र: 

बढ़ती उम्र के साथ शरीर की तरल पदार्थों को बनाए रखने की क्षमता कम हो जाती है। बुजुर्ग लोगों में किडनी की कार्यक्षमता में कमी आती है और प्यास की अनुभूति भी कम होती है, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।

  • आहार:

जिन लोगों के आहार में तरल पदार्थों की मात्रा कम होती है या जो नमकीन और सुखाई गई खाद्य सामग्री का अधिक सेवन करते हैं, उन्हें भी डिहाइड्रेशन का खतरा होता है।

  • जलवायु परिवर्तन: 

जो लोग ठंडे से गर्म या शुष्क जलवायु में जाते हैं, उन्हें अधिक जल खोने की संभावना होती  है, क्योंकि उनके शरीर को नई जलवायु के अनुकूल होने में समय लगता है।

  • मेडिकल कंडीशन्स: 

कुछ दवाएं जैसे कि डायुरेटिक्स, और कुछ चिकित्सीय स्थिति जैसे कि मधुमेह, शरीर से अत्यधिक तरल पदार्थ निकालने का कारण बन सकती हैं। इससे भी डिहाइड्रेशन हो सकता है।

 

डिहाइड्रेशन के प्रभाव (effects of dehydration in Hindi) : 

जल हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। यह न केवल हमारी प्यास बुझाता है बल्कि हमारे शरीर की अनेक क्रियाओं को संचालित करने में भी मदद करता है। डिहाइड्रेशन, जो कि शरीर में जल की कमी का एक स्थिति है, कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। डिहाइड्रेशन के प्रभाव केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं होते, बल्कि ये मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए, हमें इसकी रोकथाम के लिए सजग रहना चाहिए और उचित उपाय करने चाहिए। समय पर अस्पताल  में पहुंचकर दिखाना चाहिए। 

शारीरिक प्रभाव: 

  • थकान और कमजोरी: शरीर में पानी की कमी के कारण ऊर्जा का स्तर गिर जाता है, जिससे व्यक्ति थकान और कमजोरी महसूस कर सकता है।
  • सिरदर्द: डिहाइड्रेशन(dehydration) के कारण मस्तिष्क के आसपास के ऊतकों में पानी की मात्रा कम हो जाती है, जिससे सिरदर्द हो सकता है।
  • पाचन समस्याएं: पानी हमारे पाचन तंत्र को स्मूथ बनाता है। जल की कमी से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

मानसिक प्रभाव: 

  • एकाग्रता की कमी: डिहाइड्रेशन से मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे एकाग्रता में कमी और स्मृति विकार सामने आ सकते हैं।
  • मूड फ्लक्चुएशन: शरीर में पानी की कमी से मूड में अस्थिरता आ सकती है, जिससे चिड़चिड़ापन और तनाव बढ़ सकता है।

त्वचा और सौंदर्य प्रभाव: 

  • त्वचा का रूखापन और झुर्रियां: डिहाइड्रेशन (dehydration) से त्वचा की नमी कम हो जाती है, जिससे त्वचा रूखी हो सकती है और झुर्रियां पड़ सकती हैं।  

दीर्घकालिक प्रभाव: 

  • गुर्दे की समस्याएं: लंबे समय तक डिहाइड्रेशन से गुर्दे पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे किडनी स्टोन्स और अन्य गुर्दे की बीमारियां हो सकती हैं।
  • उच्च रक्तचाप: शरीर में पानी की कमी से रक्त की मात्रा कम हो जाती है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। 

उपचार और रोकथाम:

  • नियमित रूप से पानी पीना: दिन भर में नियमित रूप से पानी पीना सबसे अच्छा उपाय है।
  • पोषण युक्त आहार: फल और सब्जियां जो जल से भरपूर होती हैं, उन्हें अपने आहार में शामिल करें। 
  • व्यायाम और गर्मी का प्रबंधन: अत्यधिक गर्मी में व्यायाम करते समय या बाहरी गतिविधियों के दौरान अधिक पानी पीना चाहिए।

 

डिहाइड्रेशन के उपचार (Treatment of Dehydration in Hindi) : 

 

  • पानी पीना: दिन भर में पर्याप्त पानी पीना चाहिए। वयस्कों को कम से कम 8-10 गिलास पानी हर दिन पीना चाहिए।
  • खेल के दौरान हाइड्रेशन: व्यायाम या खेल के दौरान हर 15-20 मिनट में पानी पीना चाहिए।
  • उचित आहार: पानी से भरपूर फल और सब्जियां जैसे तरबूज, खीरा, और संतरा खाने से भी हाइड्रेशन में मदद मिलती है।
  • ओआरएस का सेवन: ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) का सेवन करें जो कि निर्जलीकरण के दौरान खोए गए तरल और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है।
  • मेडिकल हेल्प: गंभीर डिहाइड्रेशन की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।


डिहाइड्रेशन के अन्य उपचार और रोकथाम (Treatment and Prevention of other Dehydration in Hindi) : 

 

  • अधिक मात्रा में पानी पीना: यह सबसे साधारण और महत्वपूर्ण उपाय है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर के हाइड्रेशन स्तर में सुधार होता है।
  • इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन: खोए गए तरल पदार्थों की पुनः पूर्ति के लिए ओआरएस या इलेक्ट्रोलाइट समृद्ध पेय पदार्थों का सेवन करें।
  • तरल युक्त फल और सब्जियां: तरबूज, खीरा, संतरा और अन्य ऐसे फल और सब्जियां जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है, उन्हें आहार में शामिल करें।
  • शारीरिक गतिविधियों के दौरान पानी पीना: व्यायाम करते समय और गर्म मौसम में अधिक पानी पीना चाहिए।

 

अगर आपको भी कभी ऐसा लगता है की आपको डिहाइड्रेशन हो रहा है तो आप जनरल फिजिशियन (General Physician Doctor in Noida) को दिखा सकते है|- +91 9667064100 |

 

डिहाइड्रेशन के घरेलू उपचार (Home Remedies for Dehydration in Hindi) : 

डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर में पानी की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि शरीर के सामान्य कार्यों में बाधा आने लगती है। यह आमतौर पर अत्यधिक पसीना, बीमारी, दस्त, उल्टी, या पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने के कारण हो सकता है। हल्के से मध्यम डिहाइड्रेशन के मामलों में घरेलू उपचार अपनाये जा सकते हैं, लेकिन गंभीर स्थितियों में चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक है। डिहाइड्रेशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के अंदर पानी की मात्रा कम हो जाती है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। यहां पर कुछ घरेलू उपचार और उपाय दिए गए हैं जिनका पालन करके आप डिहाइड्रेशन(dehydration) से बच सकते हैं:

 

  • पानी पीना: डिहाइड्रेशन का सबसे बुनियादी और सबसे महत्वपूर्ण उपचार पानी पीना है। नियमित अंतराल पर छोटे-छोटे घूंट पानी पीना चाहिए।
  • ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS): ORS एक विशेष प्रकार का मिश्रण होता है जिसमें नमक और शुगर का संतुलन होता है। यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को पुनर्स्थापित करने और पानी की कमी को दूर करने में मदद करता है।
  • नारियल पानी: नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है और यह नेचुरल तरीके से हाइड्रेशन प्रदान करता है। यह पोटैशियम, मैग्नीशियम और सोडियम से समृद्ध होता है।
  • हर्बल चाय और अन्य तरल पदार्थ: हल्की हर्बल चाय, जैसे कि चमोमिल या पुदीना, जिनमें कैफीन नहीं होता, पीना भी उपयोगी हो सकता है। साथ ही, शोरबा आधारित सूप भी हाइड्रेट करने में मदद करते हैं।
  • फलों और सब्जियों का सेवन: कुछ फल और सब्जियां, जैसे कि तरबूज, खीरा, संतरा और स्ट्रॉबेरी, पानी से भरपूर होते हैं और हाइड्रेशन में मदद कर सकते हैं।
  • खेल के दौरान पेय पदार्थ का सेवन: व्यायाम के दौरान या बहुत अधिक पसीना आने पर, खेल पेय इलेक्ट्रोलाइट्स और मिनरल्स की खोई हुई मात्रा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, इनमें शुगर की मात्रा की जांच कर लेना चाहिए।
  • सावधानी बरतना: अल्कोहल और कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए क्योंकि ये डिहाइड्रेटिंग होते हैं।
  • ठंडी जगह पर रहना: अत्यधिक गर्मी और धूप से बचना चाहिए और जितना संभव हो सके छाया या ठंडे स्थान पर रहना चाहिए।

क्या है साइलेंट डिहाइ़ड्रेशन (What is silent Dehydration in Hindi) : 


साइलेंट डिहाइड्रेशन एक ऐसी स्थिति है जहां व्यक्ति डिहाइड्रेटेड होता है परंतु उसे इसके पारंपरिक लक्षणों का अनुभव नहीं होता है। यानी, व्यक्ति में प्यास की भावना कम या न के बराबर होती है, जिससे वह यह समझ नहीं पाता कि उसके शरीर को पानी की ज़रूरत है। यह स्थिति विशेष रूप से बुजुर्गों में अधिक देखी जाती है क्योंकि उम्र के साथ प्यास की संवेदनशीलता में कमी आती है।

साइलेंट डिहाइड्रेशन के कारण: (Causes of Late Cycle Dehydration in Hindi)

 

  • उम्र-संबंधित परिवर्तन: जैसे-जैसे लोग उम्रदराज होते हैं, उनकी प्यास की संवेदना कम हो जाती है। इसके कारण, वे अक्सर पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं।
  • दवाइयों का प्रभाव: कुछ दवाइयां जैसे कि डायुरेटिक्स जो हाई ब्लड प्रेशर और दिल के रोगों के लिए ली जाती हैं, शरीर से पानी की मात्रा को तेजी से निकाल देती हैं।
  • गतिविधि का स्तर: जो लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं या जिनकी गतिविधि का स्तर कम है, उनमें प्यास की प्रतिक्रिया कम हो सकती है।
  • मानसिक स्वास्थ्य: डिमेंशिया या अल्जाइमर रोग के कारण, व्यक्ति की प्यास की संवेदना प्रभावित हो सकती है।

साइलेंट डिहाइड्रेशन से बचाव: (Preventing Silent Dehydration in Hindi)

  • नियमित रूप से पानी पीना: प्यास न लगने पर भी नियमित समय पर पानी पीना चाहिए।
  • आहार में तरलता शामिल करना: फल और सब्जियाँ जैसे कि खीरा, तरबूज, संतरे आदि, जो पानी से भरपूर होते हैं, का सेवन करना चाहिए।
  • शारीरिक सक्रियता बनाये रखना: नियमित व्यायाम करने से शरीर में पानी की आवश्यकता बढ़ती है और प्यास लगने की प्रक्रिया सक्रिय होती है।
  • डिहाइड्रेशन के संकेतों की पहचान: मुंह सूखना, थकान, उलझन में होना, और कम मात्रा में या गहरे रंग की मूत्र त्यागना डिहाइड्रेशन के संकेत हो सकते हैं।

 

निष्कर्ष (Conclusion) : 

डिहाइड्रेशन (dehydration) के कई कारण होते हैं और यह समझना महत्वपूर्ण है कि कैसे विभिन्न कारक इस स्थिति को प्रभावित करते हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, उचित आहार लेना, और सक्रिय रहना डिहाइड्रेशन से बचाव के कुछ मुख्य उपाय हैं। यदि आप डिहाइड्रेशन के लक्षणों को महसूस करते हैं, तो चिकित्सीय सहायता लेना सबसे अच्छा होगा। कई घरेलू उपचारों और उपायों के जरिए आप डिहाइड्रेशन की समस्या से बच सकते हैं और अपने शरीर को स्वस्थ और हाइड्रेटेड रख सकते हैं। अगर डिहाइड्रेशन के लक्षण गंभीर हों तो चिकित्सकीय सलाह लेना उत्तम होता है। गर्मियों में डिहाइड्रेशन(dehydration) का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए गर्मी के मौसम में विशेष रूप से सचेत रहना और नियमित रूप से पानी पीना, पोषण युक्त आहार लेना, और गर्मी से बचने के उपाय करना चाहिए। साइलेंट डिहाइड्रेशन से बचने के लिए इन उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है, विशेषकर उम्रदराज व्यक्तियों में, जहां प्यास की कमी को अक्सर नजर-अंदाज किया जा सकता है। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नियमित रूप से पानी पीना, उचित आहार लेना और व्यायाम के समय विशेष ध्यान देना जरूरी है। स्वस्थ रहने के लिए हाइड्रेशन अत्यंत महत्वपूर्ण है। 

 

डिहाइड्रेशन को लेकर अक्सर पूछे छाने वाले सवाल (Frequently asked questions regarding dehydration in Hindi) :

 

  • क्या डिहाइड्रेशन से बुखार हो सकता है ?

उत्तरः हां, डिहाइड्रेशन से शरीर का तापमान नियंत्रण प्रभावित हो सकता है और कभी-कभार इससे बुखार या बुखार जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह शरीर के थर्मल रेगुलेशन में असंतुलन के कारण होता है।

  • डिहाइड्रेशन का इलाज कैसे करें ?

उत्तरः डिहाइड्रेशन(dehydration) के इलाज के लिए धीरे-धीरे और नियमित रूप से पानी पीना महत्वपूर्ण है। ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) का उपयोग करना भी उपयोगी होता है, जो पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है। गंभीर मामलों में चिकित्सक की सलाह लेना उचित होता है।

  • क्या डिहाइड्रेशन से चिंता हो सकती है?

उत्तरः हां, डिहाइड्रेशन से मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे चिंता और तनाव बढ़ सकता है। पर्याप्त हाइड्रेशन मूड और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

  • डिहाइड्रेशन का घर पर उपचार कैसे करें ?

उत्तरः  डिहाइड्रेशन का उपचार घर पर किया जा सकता है। इसके लि्ए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। ओआरएस या खनिज लवण युक्त पेय जैसे कि नारियल पानी का सेवन करें। तरल युक्त फल और सब्जियाँ जैसे कि तरबूज, खीरा आदि का सेवन करें।

  • डिहाइड्रेशन के लिए कौन सा फलों का रस अच्छा है ?

नारियल पानी, संतरे का रस और तरबूज का रस डिहाइड्रेशन(dehydration) के लिए उत्तम माने जाते हैं क्योंकि इनमें प्राकृतिक शर्करा, इलेक्ट्रोलाइट्स और महत्वपूर्ण खनिज लवण होते हैं जो हाइड्रेशन में मदद करते हैं।

  • क्या डिहाइड्रेशन से पेशाब में दर्द हो सकता है ?

उत्तरः हां, डिहाइड्रेशन से पेशाब की मात्रा कम हो जाती है और यह गाढ़ा हो सकता है, जिससे पेशाब करते समय जलन या दर्द हो सकता है।

  • क्या डिहाइड्रेशन से दस्त हो सकता है ?

उत्तरः डिहाइड्रेशन सीधे तौर पर दस्त का कारण नहीं बनता है, लेकिन यदि दस्त हो रहा हो तो डिहाइड्रेशन(dehydration) हो सकता है क्योंकि शरीर से अधिक मात्रा में तरल निकल जाता है।

  • क्या डिहाइड्रेशन से सिरदर्द हो सकता है ?

उत्तरः हां, डिहाइड्रेशन(dehydration) से मस्तिष्क के आसपास के ऊतक सिकुड़ सकते हैं, जिससे खोपड़ी के अंदर तनाव बढ़ता है और सिरदर्द हो सकता है।

Request an Appointment

* By clicking on the above button you agree to receive updates on WhatsApp