सर्दियों में ठंडी और शुष्क हवाएं आंखों की समस्याओं का कारण बन सकती हैं। इसलिए इनसे बचाव और सही देखभाल आवश्यक है। पर्याप्त पानी का सेवन, पोषक तत्वों से भरपूर आहार, स्क्रीन टाइम सीमित करना, ह्यूमिडिफायर का उपयोग और समय-समय पर आंखों की जांच कराना आपकी आंखों को स्वस्थ बनाए रख सकता है। अगर किसी प्रकार की समस्या हो तो जल्द से जल्द अच्छे आँखों के हॉस्पिटल (best eye hospital in Noida) से संपर्क करें और उचित इलाज कराएं। यहां सर्दियों में आंखों को स्वस्थ रखने के कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी आंखों की देखभाल बेहतर तरीके से कर सकते हैं।


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Table of Contents

  • सर्दियों में आंखों की देखभाल के पांच तरीके (Five ways to take care of your eyes in winter)
  • सर्दियों में होने वाले नेत्र रोग (Eye diseases that occur in winters)
  • सर्दियों में नेत्र रोग के लक्षण (Symptoms of eye disease in winter)
  • सर्दियों में नेत्र रोग के कारण (Causes of eye disease in winter)
  • सर्दियों में नेत्र रोगों से बचाव के उपाय (Tips to prevent eye diseases in winter)
  • सर्दियों में नेत्र रोगों का निदान (Diagnosis of eye diseases in winter)
  • सर्दियों में नेत्र रोगों का उपचार (Treatment of eye diseases in winter)
  • फेलिक्स हॉस्पिटल्स में सर्दियों में नेत्र रोगों के विशेषज्ञ के बारे में जाने (Know about Ophthalmologists in winters at Felix Hospitals)
  • निष्कर्ष (Conclusion)
  • सर्दियों में आंखों की देखभाल को अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और जवाब ( Winter eye care frequently asked questions and answers) 
     


सर्दियों में आंखों की देखभाल के पांच तरीके (Five ways to take care of your eyes in winter)

हाइड्रेटेड रहें और आंखों की नमी बनाए रखें:

सर्दियों में शुष्क हवा के कारण आंखें ड्राई हो जाती हैं, जिससे जलन और खुजली जैसी समस्याएं होती हैं। अपनी आंखों की नमी बनाए रखने के लिए दिन में अधिक पानी पिएं और कृत्रिम आंसू (आई ड्रॉप्स) का इस्तेमाल करें। यदि आपकी आंखें अधिक शुष्क रहती हैं, तो अपनी आंखों पर ठंडी या गुनगुनी पट्टियां रखें, ताकि शुष्कता कम हो सके।


पोष्टिक आहार का सेवन करें:

आंखों की सेहत के लिए विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड जरूरी होते हैं। सर्दियों में हरी सब्जियाँ, गाजर, संतरा, और नट्स जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। ये पोषक तत्व आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और संक्रमण से बचाव करते हैं।


स्क्रीन टाइम सीमित करें:

सर्दियों में लोग ज्यादातर समय घर के अंदर रहते हैं, जिससे लैपटॉप, मोबाइल और टीवी स्क्रीन पर समय बिताने की आदत बढ़ जाती है। अधिक स्क्रीन टाइम से आंखों में तनाव और सूखापन हो सकता है। इसलिए, हर 20 मिनट पर 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी वस्तु को देखें ("20-20-20 रूल") और स्क्रीन का ब्राइटनेस कम रखें।


हवा में नमी बनाए रखें:

ठंडे मौसम में हीटर और ब्लोअर का उपयोग आंखों की नमी कम करता है। अपने कमरे में ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें या गीले कपड़े रखें, ताकि हवा में नमी बनी रहे और आंखें ड्राईनेस से बच सकें।


सुरक्षात्मक चश्मे का प्रयोग करें:

ठंडी और शुष्क हवाओं से बचने के लिए बाहर जाते समय धूप का चश्मा पहनें, जो आपकी आंखों को ठंडी हवाओं और धूप से सुरक्षित रखेगा। इससे आंखों में ड्राईनेस, जलन और खुजली से बचाव होगा।


 

सर्दियों में होने वाले नेत्र रोग (Eye diseases that occur in winters)

ड्राई आई सिंड्रोम:

आंखों में जलन, खुजली, लाली, और सूखापन महसूस होना इसके लक्षण है। इसका कारण: सर्दियों की ठंडी और शुष्क हवा के कारण नमी की कमी होना है। इलाज के लिए आई ड्रॉप्स और ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।


कंजक्टिवाइटिस (आंख आना):

आंखों में जलन, लाली, और पानी आना इसके लक्षण है।  इसका कारण शुष्क मौसम में बैक्टीरिया और वायरस से संक्रमण है।  एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स, गर्म पानी की पट्टी से सिकाई इसका इलाज है।


ब्लेफराइटिस:

पलकों के किनारे सूजन, खुजली, और जलन इसके लक्षण है।  इसका कारण बैक्टीरिया और शुष्क हवा है। गुनगुने पानी से साफ-सफाई, एंटीबायोटिक मलहम इसका इलाज है। 


एलेर्जिक कंजक्टिवाइटिस:

आंखों में खुजली, पानी आना, और लाली इसके लक्षण है।  इसका कारण सर्दियों में हवा में मौजूद एलर्जेंस है। एलर्जी के लिए आई ड्रॉप्स और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए मेडिकेशन इसका इलाज है।


 

सर्दियों में नेत्र रोग के लक्षण (Symptoms of eye disease in winter)
ड्राई आई सिंड्रोम: 

शुष्क मौसम के कारण आंखों में नमी की कमी हो जाती है, जिससे आंखों में जलन और खुजली महसूस हो सकती है।


आंखों में जलन और चुभन: 

ठंडी हवा और शुष्कता के कारण आंखों में जलन होना सामान्य है। कई लोगों को इस मौसम में चुभन और संवेदनशीलता बढ़ी हुई महसूस होती है।


लालिमा और सूजन: 

ठंडी हवा के कारण आंखों की सतह पर रक्त संचार प्रभावित होता है, जिससे आंखें लाल और सूजी हुई लग सकती हैं।


धुंधलापन: 

ठंड के कारण आंखों में ब्लड फ्लो में कमी होती है, जिससे धुंधलेपन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।


आंसुओं का बार-बार आना: 

ठंड और ड्राई आई के कारण आंखों की ग्रंथियां अति सक्रिय हो सकती हैं, जिससे आंसू अधिक निकलते हैं।


 

सर्दियों में नेत्र रोग के कारण (Causes of eye disease in winter)

ठंडी और शुष्क हवा: 

सर्दियों में हवा में नमी कम हो जाती है, जिससे आंखों की सतह पर नमी बनाए रखना मुश्किल हो जाता है और ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या बढ़ जाती है।


हीटर और ब्लोअर का उपयोग: 

कमरे में हीटर या ब्लोअर चलाने से हवा अधिक शुष्क हो जाती है, जिससे आंखों में जलन और ड्राईनेस महसूस हो सकती है।


सूरज की तेज किरणें: 

सर्दियों में सूरज की किरणें जमीन से परावर्तित होकर आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, खासकर बर्फीले या खुले स्थानों पर।


आहार में पोषक तत्वों की कमी: 

विटामिन ए, सी, और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से आंखों की सेहत पर असर पड़ता है। यह सर्दियों में ड्राई आई, जलन, और अन्य समस्याओं को बढ़ा सकता है।


मौसमी संक्रमण: 

ठंड के कारण बैक्टीरिया और वायरस अधिक तेजी से फैल सकते हैं, जो आंखों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं।


प्रदूषण और धूल-मिट्टी: 

सर्दियों में प्रदूषण बढ़ने से आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।


लंबे समय तक स्क्रीन देखना: 

घर में अधिक समय बिताने के कारण स्क्रीन का ज्यादा उपयोग भी आंखों में थकान और ड्राईनेस का कारण बनता है।


 
 

सर्दियों में नेत्र रोगों से बचाव के उपाय (Tips to prevent eye diseases in winter)

हाइड्रेशन का ख्याल रखें:

शरीर को हाइड्रेटेड रखना आंखों के लिए महत्वपूर्ण है। दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि आंखों में नमी बनी रहे। इसके अलावा, यदि आंखों में अधिक सूखापन महसूस हो तो डॉक्टर से परामर्श कर आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।


पौष्टिक आहार लें:

आंखों की सेहत के लिए विटामिन ए, सी, ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार लेना फायदेमंद होता है। गाजर, पालक, मछली, बादाम, अखरोट आदि का सेवन करें। इससे आंखों की नमी बनी रहती है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।


सनग्लास का उपयोग करें:

सर्दियों में बाहर जाने से पहले सनग्लास का उपयोग करें। यह ठंडी और शुष्क हवा से आंखों को सुरक्षा प्रदान करता है और धूल, गंदगी से बचाता है। यदि आप बर्फीले क्षेत्र में रहते हैं, तो यूवी प्रोटेक्शन वाले चश्मे का उपयोग करें।


स्क्रीन टाइम कम करें:

सर्दियों में लोग अक्सर घर के अंदर समय बिताते हैं, जिससे मोबाइल, लैपटॉप आदि पर स्क्रीन टाइम बढ़ जाता है। लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों में थकावट बढ़ जाती है। इसके लिए "20-20-20 नियम" अपनाएं - हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी वस्तु को देखें।


हवा में नमी बनाए रखें:

घर के अंदर ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें। इससे हवा में नमी बनी रहती है और आंखों की ड्राईनेस की समस्या कम होती है। यदि ह्यूमिडिफायर नहीं है, तो कमरे में पानी का कटोरा रख सकते हैं ताकि नमी बनी रहे।


साफ-सफाई पर ध्यान दें:

सर्दियों में आंखों को संक्रमण से बचाने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें। नियमित रूप से हाथ धोएं और गंदे हाथों से आंखों को न छुएं।


आंखों को धूल और ठंडी हवा से बचाएं:

बाहर जाते समय धूप का चश्मा पहनें ताकि ठंडी हवा और धूल के कणों से आंखों की सुरक्षा हो सके।


पर्याप्त नींद लें:

नींद की कमी से आंखें थकी हुई और ड्राई महसूस हो सकती हैं। सर्दियों में पर्याप्त नींद लें ताकि आपकी आंखों को आराम मिल सके।


धूम्रपान से बचें:

धूम्रपान से आंखों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए सर्दियों में खासतौर पर धूम्रपान से दूर रहें।



 

सर्दियों में नेत्र रोगों का निदान (Diagnosis of eye diseases in winter)

आंखों की नियमित जांच:

नेत्र रोग विशेषज्ञ से नियमित जांच करवाना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि आपकी आंखें स्वस्थ हैं और किसी भी प्रकार की समस्या का समय रहते पता चल सके।

 

आंसुओं का परीक्षण:

ड्राई आई की समस्या का पता लगाने के लिए डॉक्टर आंखों के आंसुओं का परीक्षण कर सकते हैं, जिससे यह समझने में सहायता मिलती है कि आंखों में नमी का स्तर कितना है और उपचार की आवश्यकता है या नहीं।


स्क्रिनिंग टेस्ट:

आंखों की अन्य समस्याओं जैसे संक्रमण, ग्लूकोमा, रेटिना के परीक्षण के लिए डॉक्टर कुछ स्क्रिनिंग टेस्ट भी कर सकते हैं, जो सही उपचार निर्धारित करने में सहायक होते हैं।


स्लिट लैंप परीक्षा:

आंखों की संरचना को जांचने के लिए स्लिट लैंप का उपयोग किया जाता है, जिससे डॉक्टर को सूजन, संक्रमण या अन्य समस्याएं पहचानने में मदद मिलती है।


टोनोमेट्री टेस्ट:

इस टेस्ट के जरिए आंखों में प्रेशर मापा जाता है, जो कि ग्लूकोमा जैसी समस्याओं का पता लगाने में मददगार है।


ड्राई आई टेस्ट:

अगर आंखों में ड्राईनेस की समस्या हो रही हो, तो डॉक्टर ड्राई आई टेस्ट करते हैं, जिसमें आंखों में नमी की जांच की जाती है।


 

सर्दियों में नेत्र रोगों का उपचार (Treatment of eye diseases in winter)

आई ड्रॉप्स और मॉइस्चराइजिंग ड्रॉप्स:

ड्राई आई और जलन के उपचार के लिए डॉक्टर आई ड्रॉप्स की सलाह दे सकते हैं। ये ड्रॉप्स आंखों की नमी को बनाए रखने में सहायक होती हैं।


एंटीबायोटिक या एंटीवायरल दवाएं:

अगर आंखों में बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक या एंटीवायरल दवाएं दे सकते हैं। इनका सेवन केवल डॉक्टर के परामर्श से ही करें।


विटामिन सप्लीमेंट्स:

यदि आहार में विटामिन की कमी के कारण समस्या हो रही है, तो डॉक्टर विटामिन सप्लीमेंट्स दे सकते हैं, विशेषकर विटामिन ए, सी और ई। ये आंखों को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं।


चिकित्सा परामर्श:

यदि समस्या गंभीर हो, तो नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें। डॉक्टर आपकी आंखों की जांच करके आवश्यक उपचार प्रदान करेंगे।


एलर्जी मेडिकेशन:

एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस में एंटीहिस्टामिन आई ड्रॉप्स और अन्य एलर्जी दवाओं का उपयोग फायदेमंद होता है।


गर्म पानी की पट्टी:

ब्लेफराइटिस में पलकों पर गर्म पानी की पट्टी लगाने से राहत मिलती है।


लाइफस्टाइल में बदलाव:

स्वस्थ आहार और नियमित आंखों की जांच करना सर्दियों में नेत्र रोगों से बचने के लिए महत्वपूर्ण है।


 

फेलिक्स हॉस्पिटल्स में सर्दियों में नेत्र रोगों के विशेषज्ञ के बारे में जाने (Know about Ophthalmologists in winters at Felix Hospitals)

फ़ेलिक्स अस्पताल में, हमारे विशेषज्ञ नेत्र चिकित्सक (eye specialist in Noida) सूखी आंखों और अन्य नेत्र समस्याओं के निदान और उपचार में माहिर हैं। 
 

  • डॉ. दीपांजलि आर्या: 15 वर्षों के अनुभव के साथ, डॉ. आर्या सूखी आंखें, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के उपचार में प्रसिद्ध हैं।
  • डॉ. मोहम्मद उज़ैर जकाई: सूखी आंखों के विशेषज्ञ, डॉ. जकाई ने गंभीर सूखी आंखों के सिंड्रोम का सफलतापूर्वक उपचार किया है।
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निष्कर्ष (Conclusion)

सर्दियों में ठंड और शुष्कता के कारण आंखों को अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। इन उपायों को अपनाकर और नियमित जांच करवाकर आप अपनी आंखों को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं। यह ध्यान रखें कि आंखों की देखभाल में थोड़ी सी लापरवाही भी भविष्य में बड़ी समस्या का कारण बन सकती है। सर्दियों में आँखों की देखभाल के इन तरीकों को अपनाकर आप आंखों की सेहत को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं।


 

सर्दियों में आंखों की देखभाल को अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और जवाब ( Winter eye care frequently asked questions and answers)


प्रश्न 1: सर्दियों में आंखें सूखने का क्या कारण है ?
उत्तर: सर्दियों में हवा का नमी स्तर कम हो जाता है, जिससे आंखों की नमी भी कम होने लगती है। ठंडे मौसम में लोग घर के अंदर हीटर का उपयोग करते हैं, जो हवा को और भी शुष्क बना देता है। इससे आंखों में सूखापन महसूस हो सकता है, जिसे "ड्राई आई सिंड्रोम" कहा जाता है।


प्रश्न 2: सर्दियों में आंखों में जलन क्यों होती है ?
उत्तर: सर्दियों में ठंडी हवा, सूखापन और प्रदूषण से आंखों में जलन हो सकती है। इसके अलावा, एलर्जी और ड्राई आई सिंड्रोम भी आंखों में जलन के कारण हो सकते हैं।


प्रश्न 3: क्या ठंड में सनग्लासेस पहनना जरूरी है ?
उत्तर: हां, सर्दियों में भी सनग्लासेस पहनना जरूरी हो सकता है। बर्फ और ठंडी हवाएं यूवी किरणों को आंखों तक पहुंचा सकती हैं, जिससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। यूवी प्रोटेक्शन वाले सनग्लासेस का इस्तेमाल आंखों को बचाने के लिए अच्छा उपाय है।


प्रश्न 4: सर्दियों में आंखों में लालिमा क्यों होती है ?
उत्तर:  सर्दियों में आंखों में लालिमा का प्रमुख कारण ठंडा मौसम, शुष्क हवा और एलर्जी हो सकते हैं। इसके अलावा, ड्राई आई सिंड्रोम और कंजक्टिवाइटिस (आंखों का संक्रमण) भी आंखों में लालिमा का कारण हो सकते हैं।


प्रश्न 5: क्या सर्दियों में कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से कोई समस्या हो सकती है ?
उत्तर: सर्दियों में कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या बढ़ सकती है। ठंडी और शुष्क हवा से लेंस के कारण आंखों की नमी कम हो जाती है। इसलिए कॉन्टैक्ट लेंस पहनते समय हाइड्रेटिंग आई ड्रॉप्स का उपयोग करें और लेंस का सही ढंग से रख-रखाव करें।


प्रश्न 6: क्या सर्दियों में आंखों के लिए किसी खास प्रकार के आहार की आवश्यकता होती है ?
उत्तर: हां, सर्दियों में आंखों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन ए, विटामिन बी, और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार का सेवन करना लाभकारी होता है। गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, मछली, और मेवे जैसी चीजें आंखों के लिए अच्छी होती हैं।


प्रश्न 7: आंखों में सूखापन होने पर किस तरह के आई ड्रॉप्स का उपयोग करना चाहिए ?
उत्तर: सर्दियों में आंखों में सूखापन होने पर आर्टिफिशियल टियर्स या लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का उपयोग करना चाहिए। ये आंखों को नमी प्रदान करने में मदद करते हैं। लेकिन अगर समस्या गंभीर हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।


प्रश्न 8: क्या कंप्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल सर्दियों में आंखों को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है ?
उत्तर: सर्दियों में कंप्यूटर और मोबाइल का अत्यधिक उपयोग आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। शुष्क मौसम और लंबे समय तक स्क्रीन के सामने रहने से आंखों में सूखापन और थकान हो सकती है। इसे रोकने के लिए 20-20-20 नियम का पालन करें: हर 20 मिनट में 20 फीट दूर देखें और 20 सेकंड तक आंखों को आराम दें।

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