आज के दौर में फिटनेस को बनाए रखना हमारी जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। सही एक्सरसाइज न केवल शारीरिक ताकत बढ़ाती है बल्कि हृदय को भी स्वस्थ रखने में मदद करती है। मगर गलत तरीके से की गई एक्सरसाइज या अत्यधिक वर्कआउट हृदय के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस ब्लॉग में हम फिटनेस और हृदय स्वास्थ्य के बीच के संबंध को समझेंगे।
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हार्ट अटैक (Heart Attack) क्या होता है?

हार्ट अटैक, जिसे मायोकार्डियल इंफार्क्शन (Myocardial Infarction - MI) भी कहा जाता है, एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो तब होती है जब हृदय की मांसपेशियों तक रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। यह आमतौर पर कोरोनरी धमनियों (coronary arteries) में रुकावट के कारण होता है, जो हृदय को ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्रदान करती हैं।

 

हार्ट अटैक और अत्यधिक एक्सरसाइज का संबंध (The relationship between heart attack and excessive exercise)


ज्यादा वर्कआउट करने से हृदय पर बढ़ता दबावः

अत्यधिक एक्सरसाइज से हृदय की धड़कन (हार्ट रेट) जरूरत से ज्यादा तेज हो जाती है, जिससे दिल को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट से ब्लड प्रेशर असामान्य रूप से बढ़ सकता है, जिससे धमनियों पर अधिक दबाव पड़ता है। 


ओवर-ट्रेनिंग सिंड्रोम और इसके प्रभाव:
  • थकान और कमजोरी: अत्यधिक वर्कआउट से शरीर में थकान महसूस होती है, जिससे हृदय को ठीक से कार्य करने में कठिनाई हो सकती है।
  • अनियमित हृदय गति (Arrhythmia): ज्यादा एक्सरसाइज करने से दिल की धड़कनों में अनियमितता आ सकती है, जिससे अचानक कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) का खतरा बढ़ जाता है।
  • कोर्टिसोल लेवल में बढ़ोतरी: अत्यधिक वर्कआउट करने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) बढ़ जाता है, जो दिल के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • रिकवरी की कमी: अगर शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिलता, तो हृदय की कार्यक्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
पहले से हृदय रोग से ग्रसित लोगों के लिए जोखिम

जिन्हें पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) या कोई अन्य हृदय रोग है, उनके लिए अत्यधिक वर्कआउट खतरनाक हो सकता है। बिना डॉक्टर की सलाह के हाई-इंटेंसिटी कार्डियो या वेट ट्रेनिंग करने से दिल पर दबाव बढ़ सकता है।

 

एक्सरसाइज करते समय ध्यान रखने योग्य बातें (Things to keep in mind while exercising)

 

सही वार्मअप और कूल डाउन करें:

वार्मअप से शरीर की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और दिल को अचानक झटका नहीं लगता। कूल डाउन करने से हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर आता है। हल्की स्ट्रेचिंग, स्पॉट जॉगिंग, आर्म रोटेशन या 5-10 मिनट की धीमी वॉक करें। 


अपने फिटनेस लेवल के अनुसार एक्सरसाइज चुनें: 

हर व्यक्ति की शारीरिक क्षमता अलग होती है। जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने से चोट और हार्ट स्ट्रेन का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप शुरुआत कर रहे हैं, तो हल्की कार्डियो एक्सरसाइज (जैसे वॉकिंग, साइक्लिंग) से शुरू करें। 


बहुत अधिक वेट लिफ्टिंग से बचें:

अत्यधिक वेट लिफ्टिंग करने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे हृदय पर दबाव बढ़ता है। गलत पोजीशन में भारी वजन उठाने से हृदय धमनियों पर स्ट्रेस आ सकता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। 


कार्डियो एक्सरसाइज और हृदय स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखें:

बहुत अधिक या बहुत कम कार्डियो, दोनों ही हानिकारक हो सकते हैं। सही मात्रा में कार्डियो करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दिल मजबूत रहता है।
 

हेल्दी हार्ट के लिए सही वर्कआउट प्लान (The right workout plan for a healthy heart)


एरोबिक एक्सरसाइज: 

हृदय को मजबूत बनाने का सबसे अच्छा तरीका एरोबिक (कार्डियो) एक्सरसाइज हृदय की कार्यक्षमता को सुधारने में मदद करती है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाती है। इससे कोलेस्ट्रॉल कम होता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। रोजाना 30-40 मिनट की ब्रिस्क वॉक (तेज़ चाल) हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है। स्विमिंग (तैराकी) पूरे शरीर को एक्टिव रखने वाली यह एक्सरसाइज हृदय की धड़कन को नियंत्रित रखती है। साइक्लिंग दिल को मजबूत बनाती है और पैरों की मांसपेशियों के साथ-साथ कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को भी स्वस्थ रखती है। डांसिंग और ज़ुम्बा दिल को फिट रखने के साथ-साथ तनाव भी कम करती हैं।

 

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और योग का महत्व:

केवल कार्डियो ही नहीं, बल्कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और योग भी हृदय स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, जिससे शरीर की मेटाबॉलिज्म दर बढ़ती है और फैट बर्न तेजी से होता है।

 

योग और मेडिटेशन:

योग से ब्लड प्रेशर कम होता है, जिससे दिल पर कम दबाव पड़ता है। प्राणायाम (गहरी सांस लेने की तकनीक) से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है और तनाव कम होता है।

 

शरीर के संकेतों को समझें (Understand body signals)

एक्सरसाइज करना सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। इन बातों का रखें ध्यान

  • सीने में दर्द या असहजताः यह हृदय पर दबाव या संभावित हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
  • चक्कर आना या सिर घूमनाः यह ब्लड प्रेशर में अचानक बदलाव या ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है।
  • अचानक और अत्यधिक सांस फूलनाः यह हृदय या फेफड़ों में किसी समस्या की ओर इशारा कर सकता है।
  • थकान या कमजोरी महसूस होनाः जरूरत से ज्यादा वर्कआउट करने या शरीर में किसी अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है।
  • बांह, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्दः खासकर अगर यह बिना किसी स्पष्ट कारण के हो रहा है, तो इसे गंभीरता से लें।
  • अत्यधिक पसीना आना दर्द : यह स्ट्रेस, हृदय पर दबाव या संभावित हृदय संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है।


कब सतर्क रहें ?

  • अगर बिना किसी भारी एक्सरसाइज के भी हार्ट रेट अचानक बहुत तेज हो जाए और सामान्य न हो
  • अगर हार्टबीट अनियमित हो जाए 
  • यानी धड़कन तेज-धीमी होती रहे या रुकने लगे।
  • अगर तेज धड़कन के साथ चक्कर, सांस फूलना, सीने में दर्द या घबराहट हो।
  • अगर एक्सरसाइज के बाद भी दिल की धड़कन सामान्य स्तर पर नहीं आ रही।
  • अगर पहले से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, या कोई हृदय रोग हो और धड़कन में असामान्य बदलाव महसूस हो।


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एक्सरसाइज से पहले जरूरी स्वास्थ्य जांच (Necessary health checkup before exercise)

एक्सरसाइज से पहले अपने स्वास्थ्य की सही स्थिति को समझना बेहद जरूरी है, खासकर अगर आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है या कोई पुरानी बीमारी (हृदय रोग, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर आदि) है। इसलिए निम्न बातों का रखें ध्यानः

  • 40 साल की उम्र के बाद शरीर में कई बदलाव होने लगते हैं, और अगर किसी को हृदय रोग, हाई बीपी, या डायबिटीज जैसी कोई समस्या है, तो उसे एक्सरसाइज से पहले अपने स्वास्थ्य की पूरी जांच करानी चाहिए।
  • हृदय रोगयों को अगर एक्सरसाइज के दौरान कोई भी असामान्य लक्षण (सीने में दर्द, सांस फूलना) हो, तो तुरंत रुक जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।
  • डायबिटीज रोगियों को ब्लड शुगर लेवल चेक करके ही वर्कआउट करें, खासकर अगर इंसुलिन या कोई दवा लेते हैं।
  • हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगी बहुत ज्यादा स्ट्रेचिंग और हेवी वेट लिफ्टिंग से बचें, क्योंकि इससे बीपी अचानक बढ़ सकता है।
  • अस्थमा या सांस की तकलीफ वाले मरीज बहुत ठंडे या प्रदूषित वातावरण में एक्सरसाइज न करें।

 

जीवनशैली में सुधार और संतुलित आहार (Lifestyle modifications and a balanced diet)

  • स्वस्थ दिल के लिए केवल एक्सरसाइज ही नहीं, बल्कि सही जीवनशैली और संतुलित आहार भी जरूरी है। हृदय संबंधी बीमारियों से बचने के लिए हेल्दी फूड, अच्छी आदतें और स्ट्रेस मैनेजमेंट को अपनाना जरूरी है।
  • एक हेल्दी हार्ट डाइट का मतलब है पौष्टिक और कम वसा वाला भोजन, जो कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग के खतरे को कम करता है।
    ओमेगा-3 और फाइबर युक्त भोजनहृदय की धमनियों को स्वस्थ रखता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
  • फाइबर युक्त फूड्स ओट्स, साबुत अनाज, ब्राउन राइस, सेब, नट्स, हरी सब्जियां, फलियां (राजमा, चना, मसूर) फादेमंद हैं।
  • सिगरेट में मौजूद निकोटीन ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को बढ़ाता है। पैसिव स्मोकिंग (दूसरों के धुएं के संपर्क में आना) भी हानिकारक हो सकता है।
  • ज्यादा शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। यह वजन बढ़ाने और शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स (खराब फैट) को बढ़ाने का कारण बनता है।नींद पूरी न होने से ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ जाता है।
  • यह शरीर में स्ट्रेस हार्मोन (कॉर्टिसोल) बढ़ाता है, जिससे दिल पर दबाव बढ़ता है। नींद की कमी से वजन बढ़ सकता है, जिससे डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। इसलिए रोज़ाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लें।
  • स्ट्रेस हृदय रोग का एक बड़ा कारण है, क्योंकि यह ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। लगातार टेंशन लेने से धमनियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
     

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निष्कर्ष (Conclusion)

फिटनेस और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए संतुलित एक्सरसाइज बेहद जरूरी है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ज्यादा एक्सरसाइज करने से हम ज्यादा स्वस्थ रहेंगे। जरूरत से ज्यादा या गलत तरीके से की गई एक्सरसाइज सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, खासकर हृदय पर। इसलिए सही तकनीक, सही वर्कआउट प्लान और अपने शरीर की सीमाओं को समझना आवश्यक है।

 

फिटनेस बनाम हार्ट अटैक को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब (Frequently asked questions and answers about fitness vs heart attack)


सवाल 1. क्या ज्यादा एक्सरसाइज करने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है ?
उत्तर: हां, अगर आप ओवर-ट्रेनिंग कर रहे हैं या बिना सही गाइडेंस के बहुत ज्यादा इंटेंस वर्कआउट कर रहे हैं, तो इससे दिल पर ज्यादा दबाव पड़ सकता है। खासकर अगर किसी को पहले से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, या हृदय रोग की समस्या है, तो बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करना नुकसानदायक हो सकता है।


सवाल 2. वर्कआउट के दौरान हार्ट अटैक के संकेत क्या होते हैं ?
उत्तर: एक्सरसाइज करते समय अगर आपको ये लक्षण महसूस हों, तो तुरंत रुक जाएं और मेडिकल हेल्प लें। अगर पहले से कोई हृदय रोग की समस्या हो, तो हमेशा इमरजेंसी दवा (जैसे एस्पिरिन) पास रखें।


सवाल 3. हार्ट पेशेंट्स के लिए कौन-सी एक्सरसाइज सबसे सुरक्षित है ?
उत्तर: हार्ट पेशेंट्स को बहुत ज्यादा जोरदार एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए। धीरे-धीरे और संतुलित एक्सरसाइज करना बेहतर होता है।


सवाल 4. हार्ट हेल्दी रहने के लिए कितनी एक्सरसाइज जरूरी है ?
उत्तर: हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली एक्सरसाइज या 75 मिनट की तेज़ एक्सरसाइज हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद होती है।


सवाल 5. क्या सुबह खाली पेट एक्सरसाइज करना दिल के लिए सही है ?
उत्तर: नहीं, खासकर अगर आपको लो ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की समस्या है, तो खाली पेट एक्सरसाइज करने से चक्कर आ सकता है और कमजोरी महसूस हो सकती है।

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