डायरिया, जिसे हिंदी में अतिसार या दस्त कहा जाता है, एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला मल त्याग होता है। यह समस्या किसी भी आयु के लोगों को हो सकती है, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों में यह अधिक सामान्य होती है। डायरिया सामान्यतः कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन गंभीर मामलों में यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है। डायरिया की सबसे अधिक संभावना बच्चों और बुजुर्गों को होती है।

 

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डायरिया क्या है? (What Is Diarrhea)


डायरिया (अतिसार या दस्त) एक पाचन समस्या है जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला, पानी जैसा मल त्याग होता है। यह एक लक्षण है, न कि स्वयं एक रोग, और इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं। डायरिया, जिसे हिंदी में दस्त या अतिसार कहा जाता है, एक सामान्य पाचन समस्या है जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला, पानी जैसा मल त्याग होता है। यह एक लक्षण है, न कि स्वयं एक रोग, और इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं। डायरिया आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन यदि यह लंबे समय तक बना रहे या गंभीर हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।

 

डायरिया के लक्षण (Symptoms of Diarrhea)


अगर ये डायरिया के लक्षण (Diarrhea Ke Lakshan) लंबे समय तक बने रहें या गंभीर हों, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों में डायरिया के मामलों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है क्योंकि ये समूह निर्जलीकरण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। डायरिया के निम्नलिखित लक्षण:

 

  • दिन में कई बार पानी जैसा या बहुत ही पतला मल त्याग होना।
  • पेट में अचानक से दर्द होना या ऐंठन महसूस होना।
  • उल्टी आना या मतली महसूस होना।
  • शरीर का तापमान बढ़ना और बुखार आना।
  • तेजी से वजन घट जाना, खासकर बच्चों में।
  • शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना और थकावट रहना।
  • मल में खून या मवाद का दिखना, जो कि गंभीर संक्रमण या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
  • शरीर में पानी की कमी होना जिससे प्यास बढ़ जाती है। निर्जलीकरण के अन्य संकेतों में मुंह का सूखना, आंखों का धंसा हुआ दिखना, और पेशाब की कमी शामिल है।

 

डायरिया के प्रकार (Types of Diarrhea)

 

  • अक्यूट डायरिया (Acute Diarrhea):

यह अचानक शुरू होता है और आमतौर पर एक या दो सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है। यह अक्सर संक्रमण (बैक्टीरिया, वायरस, या परजीवी) के कारण होता है।

 

  • क्रोनिक डायरिया (Chronic Diarrhea):

यह चार सप्ताह या उससे अधिक समय तक चलता है और इसके कारण आंतों के रोग, खाद्य असहिष्णुता, या अन्य अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

 

  • संक्रमण संबंधी डायरिया (Infectious Diarrhea):

यह बैक्टीरिया, वायरस, या परजीवी संक्रमण के कारण होता है। उदाहरण के लिए, ई.कोलाई, सैल्मोनेला, रोटावायरस, और जियार्डिया जैसी संक्रमण।

 

  • ऑस्मोटिक डायरिया (Osmotic Diarrhea):

यह तब होता है जब आंतों में असमर्थनीय पदार्थ होते हैं जो पानी को खींचते हैं। उदाहरण के लिए, लैक्टोज असहिष्णुता में, लैक्टोज को पचाने में असमर्थता के कारण ऑस्मोटिक डायरिया होता है।

 

  • स्रावी डायरिया (Secretory Diarrhea):

इसमें आंतों में अधिक पानी और लवण का स्राव होता है। यह आंतों की सूजन, संक्रमण, या हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकता है।

 

  • इन्फ्लेमेटरी डायरिया (Inflammatory Diarrhea):

यह आंतों की सूजन या घाव के कारण होता है। इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD), जैसे कि क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस, इसका उदाहरण हैं।

 

  • मलासॉर्प्शन सिंड्रोम (Malabsorption Syndromes):

इसमें शरीर पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता, जैसे कि सीलिएक रोग और क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस।

 

  • ट्रैवलर डायरिया (Traveler's Diarrhea):

यह आमतौर पर दूषित भोजन या पानी के सेवन से होता है, खासकर यात्रा के दौरान।

 

  • मेडिकेशन-इंड्यूस्ड डायरिया (Medication-Induced Diarrhea):

यह कुछ दवाओं, जैसे एंटीबायोटिक्स, लैक्जेटिव्स, या कीमोथेरेपी दवाओं के सेवन से होता है।

 

  • फंक्शनल डायरिया (Functional Diarrhea):

इसमें डायरिया के कोई स्पष्ट शारीरिक कारण नहीं होते और यह अक्सर इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) से जुड़ा होता है।

 

डायरिया के कारण (Causes of Diarrhea)

 

बैक्टीरिया संक्रमण :

  • ई.कोलाई (E. coli)
  • सैल्मोनेला (Salmonella)
  • शिगेला (Shigella)
  • कैम्पिलोबैक्टर (Campylobacter)

 

वायरस संक्रमण:

  • रोटावायरस (Rotavirus)
  • नोरोवायरस (Norovirus)
  • एंटरोवायरस (Enterovirus)
  • एडेनोवायरस (Adenovirus)

 

परजीवी संक्रमण:

  • जियार्डिया (Giardia)
  • एमीबा (Entamoeba histolytica)
  • क्रिप्टोस्पोरिडियम (Cryptosporidium)

 

दूषित भोजन और पानी :

  • अस्वच्छ या दूषित खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन
  • खराब स्वच्छता और सफाई

 

खाद्य से एलर्जी :

  • दूध और दूध उत्पादों में मौजूद लैक्टोज को पचाने में असमर्थता
  • गेहूं, जौ और राई में मौजूद ग्लूटेन को पचाने में असमर्थता

 

दवाइयों के प्रभाव : 

  • एंटीबायोटिक्स लेने से आंतों में बैक्टीरिया संतुलन बिगड़ सकता है
  • अधिक मात्रा में लैक्जेटिव्स का सेवन
  • कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट के रूप में

 

आंतों के विकार :

  • इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) यह एक फंक्शनल आंत्र विकार जो आंतों की गति को प्रभावित करता है
  • इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) यह क्रोहन रोग (Crohn's disease) और अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis)


मलासॉर्प्शन सिंड्रोम (Malabsorption Syndromes) :

  • सीलिएक रोग यह ग्लूटेन असहिष्णुता के कारण आंतों में सूजन और पोषक तत्वों का अवशोषण कम होना है। 
  • क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस में अग्न्याशय की सूजन के कारण पाचन एंजाइमों की कमी होती है।


अन्य कारण :
 

  • तनाव और चिंता के कारण आंतों की गति बढ़ सकती है
  • अत्यधिक शराब पीने से

 

डायरिया से बचाव (Prevention of Diarrhea)

 

  • खाना बनाने और खाने से पहले और बाद में हाथ धोएं।
  • टॉयलेट के बाद हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोएं।
  • किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल करने के बाद हाथ धोएं।
  • हमेशा स्वच्छ और फिल्टर किया हुआ पानी पीएं।
  • उबला हुआ पानी पीना भी सुरक्षित होता है।
  • पानी के स्रोत को स्वच्छ रखें और उसे दूषित होने से बचाएं।
  • ताजे और साफ-सुथरे फल और सब्जियों का सेवन करें।
  • खाना बनाने से पहले सभी खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह से धो लें।
  • मांस और अंडे को अच्छी तरह से पकाएं।
  • सड़क किनारे के खाने से बचें:
  • बाहर के खाने से बचें, खासकर उन जगहों से जहां स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाता।
  • दूषित खाद्य पदार्थों से बचें:
  • बासी और खराब हो चुके खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • यदि आपको किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी है, तो उसका सेवन न करें। जैसे लैक्टोज असहिष्णुता में दूध और दूध उत्पादों से बचें।
  • बच्चों को रोटावायरस संक्रमण से बचाने के लिए रोटावायरस वैक्सीन लगवाएं।
  • साफ कपड़े पहनें और साफ-सुथरे बिस्तर का उपयोग करें।
  • समय-समय पर अपने घर और आसपास की जगह की सफाई करें।
  • यात्रा के दौरान साफ और सुरक्षित पानी और भोजन का सेवन करें।
  • सड़क किनारे के खाने से बचें और बोतलबंद पानी पीएं।
  • प्रोबायोटिक्स सप्लीमेंट्स या खाद्य पदार्थ (जैसे दही) का सेवन करें, जो आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं।

 

डायरिया का इलाज (Treatment of Diarrhea)

 

  • डायरिया के दौरान शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने के लिए ORS का सेवन करें। यह पाउडर के रूप में मिलता है जिसे पानी में घोलकर पीया जाता है।
  • अधिक मात्रा में साफ पानी पिएं।
  • नारियल पानी, सुप, और इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय पदार्थों का सेवन करें।
  • पचने में आसान भोजन खाएं, जैसे कि केला, चावल, सेब का सॉस, और टोस्ट (BRAT डाइट)।
  • तला हुआ और मसालेदार खाना न खाएं।
  • अगर लैक्टोज असहिष्णुता हो तो दूध और दूध उत्पादों का सेवन न करें।
  • लोपेरामाइड (Imodium) जैसी दवाइयां डॉक्टर की सलाह पर ली जा सकती हैं, जो आंतों की गति को धीमा करती हैं।
  • यदि डायरिया बैक्टीरियल संक्रमण के कारण है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लिख सकते हैं।
  • प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स या प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे दही) आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
  • शरीर को ठीक होने के लिए पर्याप्त आराम दें।
  • व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें और हाथों को बार-बार धोएं।
  • यदि डायरिया के लक्षण गंभीर हैं, लंबे समय तक बने रहते हैं, या अन्य चिंताजनक लक्षण (जैसे खून या मवाद का मल में होना, तेज बुखार,अत्यधिक निर्जलीकरण) होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • बच्चों और बुजुर्गों में डायरिया के मामलों में अधिक सावधानी बरतें और जल्दी चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।
  • रोटावायरस जैसे संक्रमण से बचने के लिए बच्चों को टीका लगवाएं।
  • दूषित भोजन और पानी से बचें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।

वयस्कों में डायरिया के मामलों का उपचार अक्सर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, फिजीशियन, शिशु रोग या डॉक्टर द्वारा किया जाता है। डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फ़ोन करें - +91 9667064100.

 

निष्कर्ष (Conclusion)

सारांश में, डायरिया एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जिसे सही समय पर पहचान और उपचार से नियंत्रित किया जा सकता है। बच्चों और बुजुर्गों में डायरिया के मामलों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। सामान्य चिकित्सक, फिजीशियन, फैमिली डॉक्टर प्रारंभिक स्तर पर डायरिया का इलाज और आवश्यक सलाह दे सकते हैं। अगर डायरिया गंभीर है या बार-बार हो रहा है, तो आंत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श किया जाता है। ये डॉक्टर आंतों और पेट की बीमारियों में विशेषज्ञ होते हैं। बच्चों में डायरिया के इलाज के लिए बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श किया जाता है। यदि डायरिया का कारण किसी संक्रमण से संबंधित है, तो संक्रामक रोग विशेषज्ञ का परामर्श लिया जा सकता है। यदि डायरिया किसी खाद्य एलर्जी या इम्यून सिस्टम से संबंधित है, तो इम्यूनोलॉजिस्ट मदद कर सकते हैं। सामान्य रूप से, यदि डायरिया का मामला सामान्य है, तो सामान्य चिकित्सक पर्याप्त हो सकते हैं। लेकिन यदि समस्या गंभीर हो, लम्बे समय तक बनी रहे, या विशेष कारणों से हो, तो विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना उचित है।

 

डायरिया से जुड़े प्रश्न और उनके उत्तर (Diarrhea Related Questions and their Answers)

 

प्रश्न 1: डायरिया क्या है ?
उत्तर: डायरिया एक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतले दस्त होते हैं। यह आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन गंभीर मामलों में अधिक समय भी लग सकता है।

 

प्रश्न 2: डायरिया के कारण क्या हैं ?
उत्तर: डायरिया के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी के संक्रमण, दूषित भोजन या पानी का सेवन, खाद्य असहिष्णुता (जैसे लैक्टोज असहिष्णुता), कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट, पाचन तंत्र के विकार (जैसे इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम, क्रोहन डिजीज) शामिल है।

 

प्रश्न 3: डायरिया के लक्षण क्या हैं ?
उत्तर: डायरिया के सामान्य लक्षणों में बार-बार पतले दस्त, पेट में दर्द और ऐंठन, मतली और उल्टी, बुखार, थकान और कमजोरी शामिल है।

 

प्रश्न 4: डायरिया का उपचार कैसे किया जाता है ?
उत्तर: डायरिया के उपचार में खूब सारे तरल पदार्थ पीना (जैसे पानी, ओआरएस), हल्का और पोषक भोजन करना (जैसे चावल, केले, सेब),चिकित्सक द्वारा बताई गई दवाओं का सेवन, गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती कराना शमिल है।

 

प्रश्न 5: डायरिया से बचाव के उपाय क्या हैं ?
उत्तर: डायरिया से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं। जिनमें स्वच्छता का ध्यान रखना (जैसे हाथ धोना), साफ और सुरक्षित भोजन और पानी का सेवन, दूषित भोजन और पानी से बचना, खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह पकाना शामिल है।

 

प्रश्न : बच्चों में डायरिया का उपचार कैसे किया जाता है ?
उत्तर: बच्चों में डायरिया का उपचार वयस्कों की तरह ही किया जाता है, लेकिन बच्चों में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। उन्हें पर्याप्त तरल पदार्थ देना और ओआरएस का सेवन कराना महत्वपूर्ण है। गंभीर मामलों में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

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