आपकी आँखों में एक पतली फ़िल्म होती है जिसे "टियर फ़िल्म" कहते हैं। यह फ़िल्म आपकी आँखों को नम रखने में मदद करती है और उन्हें सुरक्षा प्रदान करती है। जब टियर फ़िल्म में किसी तरह की गड़बड़ी हो जाती है, तो यह "ड्राय आईस" की समस्या को उत्पन्न कर सकती है, जिसमें आँखों में सूखापन की समस्या (dry eye problem in Hindi) होती है।

आजकल गैजेट्स का उपयोग बढ़ गया है, जिसके कारण "ड्राय आई सिंड्रोम" (symptoms of eye dryness in Hindi) की समस्या भी बढ़ रही है। यात्रा करते समय विमान में, एयर कंडीशन का उपयोग करते समय या टू-व्हीलर चलाते समय भी कुछ समय के लिए आपको ड्राय आईस की समस्या हो सकती है।

अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो ड्राई आई का उपचार करवाना आवश्यक हो सकता है। अगर ऐसा नहीं किया जाता, तो बैक्टीरिया का संक्रमण, आँखों की सतह पर सूजन, या कोर्निया जैसी जटिलताएँ हो सकती हैं।

 

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जानिए कि ड्राय आई सिंड्रोम eye dryness in Hindi (आंखों में सूखापन) क्या होता है और इसका उपचार क्या है। 

ड्राय आई सिंड्रोम (symptoms of eye dryness in Hindi) एक आँखों से जुड़ी समस्या है, जिसका मतलब होता है कि आपकी आँखों को पर्याप्त स्निग्धता या चिकनाई नहीं मिल पाती। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब आपकी आँखों में आंसु की सही मात्रा नहीं बनती है, आंसु तेजी से सूख जाते हैं या उनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं होती। यहाँ कुछ मुख्य कारण हैं: आपके आँसुओं की परत में गड़बड़ी आना, जिससे सूजन हो सकती है और आपकी आँखों की सतह पर नुकसान हो सकता है। आपके आँसुओं की परत को "टियर फिल्म" कहा जाता है, जो तरल पदार्थ से बनी होती है और आपकी आँख की सबसे ऊपरी परत को ढकती है। इसमें तीन परतें होती हैं: "फैटी ऑइल्स" (चिकनाई), "एक्वस फ्लूड" (तरल) और "म्युकस"। यह संयोजन आपकी आँख की सतह को चिकनी, मुलायम और स्पष्ट बनाए रखता है। ये परतें में से किसी में भी समस्या हो सकती है और इसके कारण आपको ड्राय आई सिंड्रोम हो सकता है। ड्राई आई का उपचार करवाना आवश्यक हो सकता है।

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ड्राई आई के लक्षण (Symptoms of eye dryness in Hindi)

लक्षण आमतौर पर ड्राई आई की समस्या दोनों आंखों में दिखती है, और इसकी पहचान कुछ इस प्रकार की बातों से हो सकती है: सामान्य ड्राई आई के लक्षण:

 

  • आंखों में जलन की अनुभूति होना
  • तेज दर्द का अहसास होना
  • आंखों का लाल हो जाना 

 

गंभीर ड्राई आई के लक्षण: (Symptoms of severe dry eye in Hindi)

 

  • आंखों में या आसपास चिपचिपा म्युकस जमा होना
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाना
  • थोड़ी सी काम करने पर भी आंखों में थकान महसूस होना
  • पढ़ाई करते समय या कंप्यूटर पर काम करते समय परेशानी महसूस होना
  • दृष्टि धुंधली हो जाने की अनुभूति होना
  • आंखों में किरकिरी महसूस होना
  • आंखों में भारीपन की अनुभूति होना

 

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ड्राई आई कारण (Causes of Dry Eyes Syndrome in Hindi):

ड्राय आई सिंड्रोम के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैं:
आंसुओं का पर्याप्त मात्रा में ना बन पाना ड्राय आई सिंड्रोम की समस्या तब होती है, जब आंखों में आंसु का पर्याप्त मात्रा में निर्माण नहीं हो पाता। आंखों में तरलता को चिकित्सकीय शब्दों में 'केरैटोकंजक्टिवाइटिस सिका' कहा जाता है। यह समस्या कई कारणों के कारण हो सकती है:

 

  • उम्र की बढ़त
  • कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव
  • बीमारियों के प्रभाव
  • गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
  • तंत्रिकाओं का क्षतिग्रस्त होना
  • ये सभी कारण ड्राय आई सिंड्रोम की उत्पत्ति में शामिल हो सकते हैं। 

 

ड्राई आई कारण (Causes of Dry Eyes Syndrome in Hindi):यहाँ कुछ विशिष्ट कारणों की चर्चा की गई है:

 

  • आपकी आँसुओं की पर्याप्त मात्रा में निर्माण नहीं हो पाने का कारण उम्र की बढ़त हो सकता है। 50 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों में ड्राय आई सिंड्रोम की समस्या ज़्यादा होती है।
  • कुछ दवाएँ जैसे कि एंटी हिस्टामिन्स, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, एंटी डिप्रेसेंट्स और उच्च रक्तदाब की दवाएँ, साइड इफेक्ट्स के रूप में ड्राय आई सिंड्रोम को उत्पन्न कर सकती हैं।
  • कई बीमारियाँ जैसे कि स्लोगरेन्स सिंड्रोम, रूमैटॉइड अर्थराइटिस, कोलेजन वास्कुलर डिजीज़, ऑटोइम्यून डिजीज़, थायरॉइड डिसऑर्डर या विटामिन ए की कमी ड्राय आई सिंड्रोम की समस्या को बढ़ावा दे सकती हैं।
  • लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाएं भी ड्राय आई सिंड्रोम के शिकार हो सकती हैं।
  • कांटेक्ट लेंस का लंबे समय तक इस्तेमाल या लेज़र सर्जरी करने से तंत्रिकाओं की संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है, जिससे ड्राई आई के लक्षण दिख सकते हैं, लेकिन समय के साथ यह ठीक हो सकता है।
  • आँसुओं की वाष्पीकरण की वृद्धि मेबोमियन ग्लैंड्स की बंद होने की समस्या आँखों की पलकों के किनारों पर छोटे छोटे ग्रंथि होते हैं, जिन्हें मेबोमियन ग्लैंड्स कहते हैं, और जब ये ग्लैंड्स बंद हो जाते हैं या उनका काम खराब हो जाता है, तो आँसू जल्दी सूख जाते हैं। आँखों की कम झपकान कुछ कार्यों जैसे पढ़ना, गाड़ी चलाना या कंप्यूटर पर काम करते समय, हम आँखों की पलकों को कम झपकाते हैं, जिससे आँसूओं की वाष्पीकरण की वृद्धि होती है।
  • पर्यावरणिक कारक सर्दियों में ठंडी हवाएँ गर्मियों में सुखी हवाएँ घरों या ऑफिसों में सर्दियों के मौसम में कमरों के तापमान को बढ़ाने से आती हवा की सुखापन बढ़ जाती है। सर्दियों में होने वाले स्मोग में मौजूद विषैले कण और गैसें। 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में सर्दियों में ड्राई आई सिंड्रोम के मामले अधिक देखे जाते हैं।
  • अन्य कारण आँख की एलर्जी हार्मोन में परिवर्तन पलकों की ग्रंथियों में सूजन लेसिक आँख सर्जरी अत्यधिक आँख मेकअप का इस्तेमाल


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जोखिम कारक (Risk Factor of dry eye in Hindi)

  • बढ़ती उम्र।
  • विटामिन ए की कमी।
  • नियमित रूप से कांटेक्ट लेंस का उपयोग।
  • पूर्व रिफ्रैक्टिव सर्जरी का इतिहास।
  • ऑटोइम्यून डिसीज़ेस।
  • महिला होना – महिलाओं में आंसुओं का निर्माण पुरुषों की तुलना में कम होता है, विशेषकर जब गर्भावस्था के कारण हार्मोन परिवर्तन होते हैं, गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करना या मेनोपॉज़ की अवस्था में पहुंचना भी ड्राई आई सिंड्रोम के खतरे को बढ़ा देता है।

 

डायग्नोसिस (मूल्यांकन) (Diagnosis of Dry Eye Syndrome in Hindi)

 

  • ड्राय आई सिंड्रोम और उसके कारणों की पहचान के लिए कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • आई टेस्ट (आंखों की जांच) आंखों की पूरी जांच की जाती है ताकि ड्राय आई के कारणों की पहचान हो सके।
  • शिर्मर टेस्ट आंखों की आंसुओं की मात्रा की माप के लिए शिर्मर टेस्ट किया जाता है।
  • टियर ऑस्मोलैरिटी टेस्ट इसमें आंखों की आंसुओं की संरचना की जांच की जाती है, ड्राय आई की समस्या वाले लोगों की आंसुओं में पानी की मात्रा कम होती है।
  • आंसुओं की गुणवत्ता की जांच आंसुओं की गुणवत्ता की जांच के लिए भी टेस्ट किया जाता है।

 

ड्राय आई उपचार (dry eye treatment in Hindi)

 

  • उपचार जिन लोगों में ड्राय आई सिंड्रोम की समस्या (dry eye syndrome problem in Hindi) मामूली है या फिर उनको बार-बार होती है, उन्हें आमतौर पर दवाओं से ही राहत मिलती है। गंभीर मामलों में, कारणों के आधार पर विशेष ड्राई आई का उपचार (dry eye treatment in Hindi) दिया जाता है।
  • दवाएँ आई ड्रॉप्स और आर्टिफिशियल टियर्स (कृत्रिम आंसु),  ड्राई आई का उपचार के रूप में काम करते हैं। आंसुओं की मात्रा बढ़ाने के लिए टियर स्टिम्युलेटिंग ड्रग्स भी उपयोग की जाती है।
  • ऑटोलोगस ब्लड सीरम ड्रॉप्स जिन लोगों में ड्राय आई के लक्षण (Symptoms of Dry Eye in Hindi) गंभीर होते हैं और दूसरे उपचारों से सुधार नहीं हो रहा है, उन्हें ऑटोलोगस ब्लड सीरम ड्रॉप्स प्रदान किए जा सकते हैं। इन ड्रॉप्स को मरीज के खून से तैयार किया जाता है।
  • लैक्रिमल प्लग्स इसमें आंखों की कोनों में होने वाले निकासी छिद्रों को बंद किया जाता है। यह दर्द-रहित प्रक्रिया आंसुओं की क्षति को धीमा करती है।
  • विशेष कांटेक्ट लेंसेस जो लोग ड्राय आई सिंड्रोम की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें आंखों की सतह को सुरक्षित रखने और नमी को बनाए रखने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए कांटेक्ट लेंसेस का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। इन्हें स्क्लेरल लेंसेस या बैंडेज़ लेंसेस भी कहा जाता है।
  • लाइट थेरेपी और आई लिड मसाज इंटेंस पल्स लाइट थेरेपी के बाद पलकों पर मसाज करना गंभीर ड्राय आई सिंड्रोम को ठीक करने में मदद करता है।

 

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रोकथाम ड्राय आई सिंड्रोम (Prevention Dry Eye Syndrome in Hindi)से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें:

 

  • आंखों को बार-बार झपकाएं विशेष रूप से एयर कंडीशन वातावरण में काम करते समय आंखों को बार-बार झपकाने से ड्राय आई की समस्या से बचा जा सकता है। 15 मिनट के अंतराल में आंखें बंद करें या आराम से झपकाएं।
  • पर्याप्त रोशनी का सदुपयोग कार्यस्थल में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करें, और कम्प्यूटर की स्क्रीन को आंखों के स्तर पर रखें।
  • पोषणपूर्ण आहार विटामिन ए और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर आहार का सेवन करें, जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, ब्रोकोली, मछलियां, अखरोट और वनस्पति तेल।
  • तेज हवा से बचें हेयर ड्रायर्स, कार हीटर्स, एयर कंडीशनर्स या पंखे की हवा को सीधे आंखों पर न आने दें।
  • हृयुमिडिफायर का उपयोग सर्दियों में, ह्यूमिडिफायर का उपयोग बंद कमरों में सुखी गरम हवा को नम बनाए रखने के लिए करें।
  • आई वियर का इस्तेमाल करें आंखों को तेज और सुखी हवा से बचाने के लिए शील्ड्स, आई ग्लासेस या स्कार्फ का उपयोग करें।
  • आई ब्रेक्स लें पढ़ाई करते समय या कंप्यूटर पर काम करते समय नियमित अंतराल पर आंखों को विश्राम दें, झपकाएं या आंखें बंद करें।
  • कम्प्यूटर की स्क्रीन को सही तरीके से रखें कंप्यूटर की स्क्रीन को आंखों के स्तर से नीचे रखने से आंखों को ज्यादा खोलने की आवश्यकता नहीं होती है और आंसुओं का वाष्पीकरण कम होता है।
  • धूम्रपान से बचें धूम्रपान करने से बचें, क्योंकि यह ड्राय आई के लक्षणों (Symptoms of Dry Eye in Hindi) को बढ़ावा देता है।
  • आर्टिफिशियल टियर्स का इस्तेमाल करें आंखों में सूखापन महसूस होने पर आर्टिफिशियल टियर्स का इस्तेमाल करें, जिससे आंखों में नमी और चिकनापन बना रहे।

     

ड्राई आई के उपचार के लिए फिलिक्स हॉस्पिटल का चयन क्यों करें? (Why choose Felix Hospital in Hindi?)

 

  • विशेषज्ञ आयुर्वेदिक उपचार: फिलिक्स हॉस्पिटल में आपको विशेषज्ञ आयुर्वेदिक चिकित्सकों का सहाय्य मिलेगा, जो ड्राई आई का उपचार के लिए प्राकृतिक और होमियोपैथिक तरीकों का उपयोग करेंगे।
  • नैदानिक तथा व्यक्तिगत उपचार: फिलिक्स हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सक आपके ड्राई आई के लक्षण का नैदान करने के बाद आपको व्यक्तिगत उपचार योजना प्रदान करेंगे, जिसमें आपके ड्राई आई के सामान्य और अधिक गंभीर मामलों का समाधान होगा।
  • आधुनिक तकनीक: अद्वितीय तकनीकों का उपयोग करके, फिलिक्स हॉस्पिटल आपको सबसे उच्च गुणवत्ता वाले उपचार प्रदान करने के लिए सुनिश्चित है, जो आपकी आँखों की स्वास्थ्य सुनिश्चित करेगा।
  • सुरक्षित और प्रभावी उपचार: फिलिक्स हॉस्पिटल के ड्राई आई का उपचार में सुरक्षा और प्रभावक्रिया का पूरा ध्यान दिया जाता है, जो आपके ड्राई आई के समस्याओं का सही तरीके से निदान और उपचार करता है।
  • अनुभवी देखभाल: फिलिक्स हॉस्पिटल में आपको अनुभवी चिकित्सकों की देखभाल मिलेगी जो आपके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं और आपके ड्राई आई के मुद्दों का समाधान निकालने में मदद करते हैं।
  • व्यक्तिगत सलाह और निदान: फिलिक्स हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सक आपको सही दिशा निर्देशन देंगे और आपके ड्राई आई के लिए उपयुक्त उपचार (Suitable Treatment for Dry Eye in Hindi) और निदान की सलाह देंगे।

इस प्रकार, फिलिक्स हॉस्पिटल आपके ड्राई आई का उपचार (Treatment for Dry Eye in Hindi)के लिए विशेषज्ञता, व्यक्तिगत देखभाल, और आधुनिक तकनीक का संयमी और प्रभावी संयोजन प्रदान करता है।

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