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अगर किसी को बार-बार दौरे (Seizure) आते हैं या कोई व्यक्ति पहली बार ऐसे लक्षण महसूस करता है, तो उसे तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। सीजर के प्रकारों को जानना सही निदान और उपचार के लिए आवश्यक है। यदि किसी व्यक्ति को बार-बार दौरे आते हैं, तो उन्हें मिर्गी की जांच करानी चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यदि आपको या किसी और को दौरे के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत नोएडा के न्यूरोलॉजी हॉस्पिटल (Neurology Hospital in Noida) से चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। जानिए इसके लक्षण से लेकर इलाज तक के बारे में विस्तार से..
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विषय सूची(Table of Contents)
सीजर (Seizure) जिसे हिंदी में दौरे कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) की असामान्य विद्युत गतिविधि के कारण शरीर पर अचानक और अनियंत्रित झटके, अजीब हरकतें या बेहोशी जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। यह एक अस्थायी न्यूरोलॉजिकल समस्या होती है, जो अक्सर मिर्गी (Epilepsy) से जुड़ी होती है, लेकिन यह अन्य कारणों से भी हो सकती है, जैसे: मस्तिष्क की चोट या संक्रमण, बुखार (बुखारी दौरे बच्चों में आम होते हैं। यह मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी, मस्तिष्क की सर्जरी या स्ट्रोक, शराब का अत्यधिक सेवन या ड्रग्स, जेनेटिक विकार आदि के कारण होता है।
सीजर (दौरे) के विभिन्न प्रकार होते हैं, जो मस्तिष्क के अलग-अलग हिस्सों में होने वाली असामान्य विद्युत गतिविधि पर निर्भर करते हैं। इन्हें मुख्य रूप से फोकल और जनरलाइज्ड दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, लेकिन कुछ अन्य प्रकार भी होते हैं। सीजर डिसऑर्डर का अर्थ (meaning of seizure disorder) है मस्तिष्क की ऐसी स्थिति जिसमें व्यक्ति को बार-बार दौरे (सीजर) आते हैं, और यह विकार व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकता है। फोकल सीजर तब होते हैं जब दौरा मस्तिष्क के एक विशेष क्षेत्र में शुरू होता है, जबकि जनरलाइज्ड सीजर पूरे मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। इन दोनों श्रेणियों में कई उप-प्रकार भी होते हैं, जैसे कि टोनिक-कलोनिक दौरे और एब्सेंस दौरे। आइए इन पर विस्तार से नजर डालते हैं:
फोकल सीजर तब होता है जब मस्तिष्क के केवल एक हिस्से में असामान्य विद्युत गतिविधि होती है। इसे आंशिक दौरा भी कहा जाता है। फोकल अवेयरनेस सीजर के दौरान व्यक्ति को संपूर्ण चेतना रहती है। इसमें व्यक्ति को अपने शरीर के किसी एक हिस्से में झटके महसूस होते हैं। फोकल इम्पेयरमेंट अवेयरनेस सीजर के दौरान व्यक्ति की चेतना कमजोर हो जाती है और वह पूरी तरह से जागरूक नहीं होता।
जनरलाइज्ड सीजर तब होता है जब मस्तिष्क के दोनों हिस्सों में असामान्य विद्युत गतिविधि होती है। इसमें पूरे मस्तिष्क को प्रभावित किया जाता है। इसके कई उपप्रकार हैं। एब्सेंस सीजर को पेटिट माल यानी अनुपस्थिति दौराभी कहा जाता है। यह आमतौर पर बच्चों में होता है और कुछ सेकंड के लिए व्यक्ति की चेतना खो जाती है।
इस प्रकार के सीजर में फोकल और जनरलाइज्ड दोनों प्रकार के दौरे के लक्षण दिखाई देते हैं। इसका मतलब है कि दौरा मस्तिष्क के एक हिस्से में शुरू होकर पूरे मस्तिष्क में फैल सकता है।
ये दौरे बच्चों में तेज बुखार के कारण होते हैं। यह आमतौर पर 6 महीने से 5 साल की उम्र के बच्चों में होता है।
सीजर का मतलब (meaning of seizure) जानने के बाद अब हम बात करते है उसके प्रकार की। सीजर (दौरे) के लक्षण उस दौरे के प्रकार पर निर्भर करते हैं। हालांकि कुछ सामान्य लक्षण हैं जो सीजर के दौरान दिखाई देते हैं। ये लक्षण व्यक्ति की स्थिति के आधार पर हल्के या गंभीर हो सकते हैं। सीजर के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
अचानक झटके आना (शरीर के एक हिस्से या पूरे शरीर में झटके हो सकते हैं
बेहोशी या चेतना खो जाना अचानक गिर जाना या गिरने का डर
मांसपेशियों में अकड़न या कंपकंपी
अचानक से किसी चीज़ पर ध्यान न दे पाना या भ्रमित हो जाना
हाथ-पैरों में अचानक खिंचाव या जकड़न
आंखों का ऊपर-नीचे होना या आंखों का अनियंत्रित गति में रहना
अजीब आवाजें निकालना या बोलने की शक्ति खो देना
अचानक किसी गतिविधि को बीच में रोकना और स्तब्ध हो जाना
सांस लेने में परेशानी या सांस तेज होना
शरीर के एक हिस्से में अचानक झटके या खिंचाव (जैसे हाथ या पैर में), अजीब संवेदनाएं महसूस होना (जैसे चींटियां चलना, सुई चुभना), किसी एक विशेष शरीर के अंग का नियंत्रण खो देना, चेतना खोए बिना भी अजीब हरकतें करना (जैसे होंठ चबाना, हाथ हिलाना)।
पूरे शरीर में अनियंत्रित झटके आना। मांसपेशियों का पूरी तरह से अकड़ जाना। अचानक गिरना या गिरने की स्थिति में आना। कुछ सेकंड से मिनटों तक चेतना खो देना (व्यक्ति को कुछ याद नहीं रहता)। व्यक्ति के चेहरे पर अजीब भाव या हरकतें होना। झाग आना या अचानक से पेशाब करना।
कुछ सेकंड के लिए अचानक से ध्यान खो देना या स्तब्ध हो जाना। अचानक से कोई प्रतिक्रिया नहीं देना या किसी एक बिंदु पर टकटकी लगाकर देखना। कुछ क्षण के लिए संपर्क में न रहना और फिर अचानक सामान्य स्थिति में आ जाना।
मांसपेशियों में अचानक हिलना-डुलना या अचानक छोटे-छोटे झटके आना। एक हाथ या पैर का अचानक हिल जाना।
यह सीजर मिर्गी के कारण नहीं होते, बल्कि मानसिक तनाव या भावनात्मक कारणों से उत्पन्न होते हैं। यह दौरे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े होते हैं और इनमें व्यक्ति को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है।
मिर्गी सीजर का सबसे सामान्य कारण है, जिसमें मस्तिष्क में असामान्य विद्युत गतिविधि होती है। मिर्गी एक दीर्घकालिक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें बार-बार दौरे आते हैं।
सिर पर गंभीर चोट लगने से मस्तिष्क के हिस्से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, जो सीजर का कारण बन सकते हैं। दुर्घटनाएं, गिरने, या खेल के दौरान लगी चोटें भी दौरे पैदा कर सकती हैं।
मस्तिष्क से संबंधित संक्रमण, जैसे मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क की झिल्लियों में सूजन) या एन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्क में सूजन) सीजर का कारण बन सकते हैं।
मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी या हाइपोक्सिया (Hypoxia) होने पर मस्तिष्क को आवश्यक ऊर्जा नहीं मिलती, जिससे दौरे आ सकते हैं। यह स्थिति डूबने, सांस न आना, या दिल के दौरे के दौरान हो सकती है।
छोटे बच्चों में उच्च बुखार के कारण फरवरील सीजर हो सकते हैं। यह 6 महीने से 5 साल की उम्र के बच्चों में आम होता है।
मस्तिष्क में ट्यूमर या अन्य प्रकार की वृद्धि मस्तिष्क की संरचना और कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है, जिससे सीजर हो सकते हैं।
कुछ लोगों को जन्म से मस्तिष्क की संरचना में विकार होते हैं, जिनके कारण जीवन में कभी भी सीजर हो सकते हैं। यह स्थिति जेनेटिक भी हो सकती है।
अत्यधिक शराब पीने या ड्रग्स लेने से सीजर हो सकते हैं, खासकर जब व्यक्ति नशा छोड़ता है। शराब वापसी (Alcohol Withdrawal) एक सामान्य कारण है।
यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक शराब या ड्रग्स का सेवन कर रहा है और अचानक उसे छोड़ देता है, तो इससे भी सीजर हो सकते हैं।
शरीर में शुगर, सोडियम, पोटैशियम, या कैल्शियम का असंतुलन मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियों को प्रभावित करता है, जिससे दौरे हो सकते हैं। हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त में शर्करा की कमी) भी एक आम कारण है।
कुछ दवाएं, विशेषकर एंटीडिप्रेसेंट, एंटीप्साइकोटिक्स, या एंटीबायोटिक्स जैसे दवाएं सीजर का कारण बन सकती हैं। यदि दवाएं अनुचित तरीके से ली जाएं या ओवरडोज हो जाए, तो दौरे हो सकते हैं।
कुछ प्रकार के सीजर या मिर्गी अनुवांशिक हो सकते हैं। अगर परिवार में किसी को मिर्गी है, तो दूसरों में भी इसके विकसित होने का खतरा हो सकता है।
स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त नहीं मिलता, जिससे मस्तिष्क के हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और इससे सीजर हो सकते हैं।
नींद की कमी मस्तिष्क की सामान्य गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है, जिससे दौरे आ सकते हैं।
कुछ लोगों में फोटोसेंसिटिव एपिलेप्सी होती है, जिसमें तेज चमकदार रोशनी या टेलीविजन, वीडियो गेम की चमक के कारण दौरे आ सकते हैं।
मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बाधित होने पर दौरे आ सकते हैं। यह स्थिति हृदय रोग या रक्तचाप में असामान्यता के कारण हो सकती है।
यदि आपको मिर्गी या सीजर का इतिहास है, तो डॉक्टर द्वारा सुझाई गई एंटी-एपिलेप्टिक दवाओं का नियमित और सही समय पर सेवन करें। डॉक्टर की अनुमति के बिना दवाएं बंद न करें, क्योंकि यह दौरे को बढ़ावा दे सकता है।
सिर की चोट सीजर का एक सामान्य कारण है। जब भी किसी खेल या गतिविधि में भाग लें जहां सिर की चोट का खतरा हो, तो हेलमेट या सुरक्षात्मक गियर का उपयोग करें। दुर्घटनाओं से बचने के लिए वाहन चलाते समय सुरक्षा बेल्ट पहनें।
नींद की कमी सीजर को ट्रिगर कर सकती है, इसलिए हर रात पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लें। सोने और जागने का नियमित शेड्यूल बनाए रखें।
मानसिक और शारीरिक तनाव सीजर को उत्पन्न कर सकता है, इसलिए तनाव प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करें, जैसे ध्यान, योग, और श्वसन अभ्यास। जरूरत पड़ने पर काउंसलिंग या थेरेपी से भी मदद ले सकते हैं।
संतुलित और स्वस्थ आहार का सेवन करें। अत्यधिक शुगर या कैफीन का सेवन सीजर को बढ़ा सकता है, इसलिए इन्हें सीमित करें। केटोजेनिक डाइट (कम कार्बोहाइड्रेट, उच्च वसा वाली डाइट) को मिर्गी के इलाज में उपयोगी माना जाता है, लेकिन इसे अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।
शराब और नशीली दवाओं का सेवन सीजर को ट्रिगर कर सकता है। विशेष रूप से, अत्यधिक शराब पीने या शराब छोड़ने के बाद सीजर का खतरा बढ़ जाता है। नशीले पदार्थों से बचें और किसी भी दवा का सेवन चिकित्सकीय सलाह के बिना न करें।
मस्तिष्क संक्रमण जैसे मेनिनजाइटिस और एन्सेफेलाइटिस सीजर का कारण बन सकते हैं। इसलिए, टीकाकरण करवाएं और संक्रमण से बचने के लिए अच्छी स्वच्छता का पालन करें।
यदि आपको फोटोसेंसिटिव एपिलेप्सी है, तो तेज चमकदार रोशनी या लगातार चमकते स्क्रीन से बचने का प्रयास करें। टीवी देखने, वीडियो गेम खेलने, या कंप्यूटर स्क्रीन का उपयोग करते समय स्क्रीन के सामने अधिक समय न बिताएं, और ब्रेक लें।
यदि आप सीजर के मरीज हैं या आपको मिर्गी है, तो नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराएं और अपनी स्थिति की निगरानी रखें। समय-समय पर अपने मस्तिष्क की इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम जांच कराएं, ताकि मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियों को देखा जा सके।
स्ट्रोक सीजर का एक सामान्य कारण है, इसलिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, जैसे नियमित व्यायाम करना, सही आहार लेना, और उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना।
शरीर में शुगर, सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करें। हाइपोग्लाइसीमिया या हाइपरनाट्रेमिया जैसी स्थितियों को रोकने के लिए नियमित रूप से रक्त जांच करवाएं और सही आहार लें।
यदि आप किसी बीमारी के लिए दवाएं ले रहे हैं, तो उन्हें अचानक बंद न करें, क्योंकि कुछ दवाओं के अचानक बंद करने से सीजर का खतरा बढ़ सकता है। दवाएं छोड़ने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
गर्भावस्था के दौरान सही देखभाल और चिकित्सकीय सलाह का पालन करना महत्वपूर्ण है ताकि शिशु को मस्तिष्क विकारों से बचाया जा सके, जो आगे चलकर सीजर का कारण बन सकते हैं।
कुछ लोग जो लगातार सीजर से प्रभावित होते हैं, वे वेजस नर्व स्टिम्युलेटर (Vagus Nerve Stimulator) या रिस्पॉन्सिव न्यूरोस्टिम्युलेशन डिवाइस (RNS) जैसे उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं, जो मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
सीजर अटैक का अर्थ जानने के बाद अब हम उसके इलाज की चर्चा करते हैं
यह सीजर का सबसे आम और प्रभावी उपचार है। ये दवाएं मस्तिष्क की असामान्य विद्युत गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। सामान्य एंटी-एपिलेप्टिक दवाओं में फेनाइटोइन, कार्बामाजेपीन, वालप्रोएट, लैमोट्रिजीन, लेवेटिरासेटम, और टोपिरामेट शामिल हैं। डॉक्टर दौरे के प्रकार और मरीज की उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर सही दवा और खुराक तय करते हैं।
जब दवाओं से दौरे नियंत्रित नहीं होते हैं, तो कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। मस्तिष्क में वह हिस्सा, जहां से सीजर उत्पन्न होते हैं, यदि सुरक्षित रूप से हटाया जा सकता है, तो सर्जरी की जाती है। सर्जरी से मरीज पूरी तरह से सीजर से मुक्त हो सकता है या उनकी आवृत्ति और गंभीरता को कम किया जा सकता है।
जब दवाएं और सर्जरी कारगर नहीं होती हैं, तो वेजस नर्व स्टिम्युलेटर का उपयोग किया जाता है। यह एक छोटा उपकरण होता है जिसे छाती में लगाया जाता है और यह मस्तिष्क को विद्युत संकेत भेजकर सीजर को रोकने में मदद करता है। इस उपकरण से मिर्गी के दौरे की आवृत्ति को 20-40% तक कम किया जा सकता है।
विशेषकर बच्चों के लिए, किटोजेनिक डाइट एक प्रभावी विकल्प हो सकती है। यह उच्च वसा, कम कार्बोहाइड्रेट वाला आहार होता है, जो शरीर को ऊर्जा के लिए फैट का उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है। इस आहार से कुछ लोगों में दौरे कम हो सकते हैं। इसे डॉक्टर की निगरानी में ही अपनाना चाहिए।
यह एक आधुनिक इलाज है जिसमें एक डिवाइस मस्तिष्क में लगाए जाते हैं जो सीजर के शुरुआती संकेतों को पहचान कर विद्युत गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह तकनीक उन मरीजों के लिए उपयोगी होती है जिनके सीजर दवाओं से नियंत्रित नहीं होते।
इसमें मस्तिष्क के कुछ विशेष हिस्सों में इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं, जो मस्तिष्क की असामान्य गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह उपचार मिर्गी के इलाज में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और दवाओं से ठीक न होने वाले मरीजों के लिए एक विकल्प हो सकता है।
सीजर (दौरे) का इलाज मुख्य रूप से न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है, क्योंकि वे मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र से संबंधित बीमारियों के विशेषज्ञ होते हैं। फेलिक्स हॉस्पिटल के बेस्ट न्यूरो सर्जनस डॉ. सौम्य मित्तल, डॉ. अलोक कुमार दुबे और डॉ. सुमित शर्मा उपस्थित है यह सब मिर्गी विशेषज्ञ, न्यूरोसर्जन, पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट इलाज में आपकी मदद कर सकते हैं।
डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फ़ोन करें - +91 9667064100.
सीजर (दौरे) मस्तिष्क की असामान्य विद्युत गतिविधियों के कारण होने वाले अचानक, अस्थायी और अनियंत्रित शारीरिक झटकों या चेतना में बदलाव को दर्शाता है। इन दौरों को अक्सर मिर्गी या अन्य न्यूरोलॉजिकल विकारों से जोड़ा जाता है, लेकिन तनाव, संक्रमण, सिर की चोट, और नशीली दवाओं के सेवन जैसे कारक भी इनका कारण बन सकते हैं। सीजर विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे सामान्यीकृत और आंशिक, और इनके लक्षण भी विविध होते हैं। जीवनशैली में बदलाव, समय पर इलाज और उचित प्राथमिक उपचार से सीजर के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है। सीजर का अर्थ हिंदी चिकित्सा (meaning of seizure meaning in hindi medical) में मानसिक क्रियाओं में अचानक परिवर्तन के रूप में समझा जाता है, जिससे व्यक्ति की सामान्य स्थिति प्रभावित हो सकती है।
प्रश्न 1: मिर्गी और सीजर में क्या अंतर है ?
उत्तर: उत्तर: मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल विकार है जिसमें बार-बार दौरे होते हैं। हर दौरा मिर्गी का लक्षण नहीं होता; कई कारणों से दौरे हो सकते हैं।
प्रश्न 2: दौरे के दौरान क्या करना चाहिए ?
उत्तर: उत्तर: मरीज को सुरक्षित जगह पर रखें, उसके सिर के नीचे कोई मुलायम चीज रखें, और दौरे के दौरान उसे रोकने की कोशिश न करें। दौरा खत्म होने पर उसे करवट पर लिटाएं।
प्रश्न 3: क्या दौरे जानलेवा हो सकते हैं ?
उत्तर: उत्तर: आमतौर पर दौरे जानलेवा नहीं होते, लेकिन कुछ स्थितियों में जैसे लंबे समय तक चलने वाले दौरे (स्टेटस एपिलेप्टिकस) से जान को खतरा हो सकता है।
प्रश्न 4: क्या बच्चे भी सीजर का सामना कर सकते हैं ?
उत्तर: उत्तर: हां, बच्चे भी सीजर का सामना कर सकते हैं, विशेष रूप से बुखार, संक्रमण या मिर्गी के कारण।
प्रश्न 5: क्या सीजर का आनुवंशिक प्रभाव होता है ?
उत्तर: उत्तर: हां, कुछ प्रकार के दौरे और मिर्गी आनुवंशिक हो सकते हैं, लेकिन यह सभी मामलों में नहीं होता।
प्रश्न 6: क्या दौरे के बाद व्यक्ति को कुछ समय आराम करना चाहिए ?
उत्तर: उत्तर: हां, दौरे के बाद व्यक्ति को आराम करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि उसे थकावट और मानसिक तनाव महसूस हो सकता है।
प्रश्न 7: क्या किसी विशेष आहार से सीजर पर नियंत्रण पाया जा सकता है ?
उत्तर: उत्तर: कुछ लोग विशेष आहार जैसे कि केटोजेनिक डाइट का पालन करके अपने दौरे को नियंत्रित कर सकते हैं।
प्रश्न 8: सीजर के दौरान व्यक्ति को होश रहता है या नहीं ?
उत्तर: यह दौरे के प्रकार पर निर्भर करता है। आंशिक दौरे में व्यक्ति को होश हो सकता है, जबकि सामान्यीकृत दौरे में व्यक्ति बेहोश हो सकता है।