हाइपरटेंशन जिसे उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है। हाइपरटेंशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके रक्त का दबाव आपकी धमनियों की दीवारों पर बहुत अधिक होता है, जिससे पूरे शरीर में रक्त पंप करने, हृदय को अधिक काम करना पड़ता है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। यह समय के साथ हृदय रोग, स्ट्रोक, और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। अगर आपको हाइपरटेंशन तो तुरंत अच्छी चिकित्सीय सहायता प्राप्त करें। जानिए इसके लक्षण से लेकर इलाज तक के बारे में विस्तार से..

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Table of Contents


रक्तचाप क्या है ? (What is Hypertension)
रक्तचाप के लक्षण (Symptoms of Hypertension)
रक्तचाप के प्रकार (Types of Hypertension)
रक्तचाप के कारण (Causes of Hypertension)
रक्तचाप से बचाव (Prevention of Hypertension)
रक्तचाप का इलाज (Treatment of Hypertension)

 

रक्तचाप क्या है ? (What is Hypertension)

रक्तचाप वह दबाव है जो रक्त आपके धमनियों की दीवारों पर डालता है जब यह हृदय द्वारा पंप किया जाता है। यह दो मुख्य घटकों से मिलकर बनता है। सिस्टोलिक दबाव और डायस्टोलिक दबाव। सिस्टोलिक दबाव तब होता है जब आपका हृदय धड़कता है और रक्त को धमनियों में पंप करता है। इसे रक्तचाप की माप में पहला (ऊपरी) संख्या द्वारा दर्शाया जाता है। डायस्टोलिक दबाव तब होता है जब हृदय की मांसपेशियां आराम करती हैं और यह दो धड़कनों के बीच का समय होता है। अगर आपका रक्तचाप 120/80 mmHg है, तो 120 mmHg सिस्टोलिक दबाव है और 80 mmHg डायस्टोलिक दबाव है। सामान्य रक्तचाप को 120/80 mmHg माना जाता है। इससे अधिक या कम रक्तचाप स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।

 

रक्तचाप के लक्षण (Symptoms of Hypertension)

रक्तचाप के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, और यह इस बात पर निर्भर करता है कि रक्तचाप उच्च (हाइपरटेंशन) है या निम्न (हाइपोटेंशन)।

 

उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) के लक्षण:

हाइपरटेंशन को अक्सर "साइलेंट किलर" कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण सामान्यतः स्पष्ट नहीं होते, लेकिन कुछ लोगों में निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:
 

  • सिरदर्द, खासकर सुबह के समय
  • चक्कर आना
  • धुंधली या दोहरी दृष्टि
  • सीने में दर्द
  • सांस लेने में कठिनाई
  • थकान या कमजोरी
  • अनियमित दिल की धड़कन
  • नाक से खून आना (बहुत गंभीर मामलों में)

 

निम्न रक्तचाप (हाइपोटेंशन) के लक्षण:


निम्न रक्तचाप या हाइपोटेंशन के लक्षण आमतौर पर तब प्रकट होते हैं जब रक्तचाप बहुत कम हो जाता है:

  • चक्कर आना या बेहोशी
  • धुंधली दृष्टि
  • कमजोरी या थकान
  • मतली
  • ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
  • सांस की तकलीफ
  • ठंडी, पसीने वाली त्वचा
  • अनियमित दिल की धड़कन


अगर आपको इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप चिकित्सा सलाह लें और अपने रक्तचाप की नियमित जांच कराएं।

 

रक्तचाप के प्रकार (Types of Hypertension)

रक्तचाप के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं:


उच्च रक्तचाप (Hypertension):


प्राथमिक (आवश्यक) हाइपरटेंशन: 

यह सबसे सामान्य प्रकार है और इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं होता। यह उम्र, जीवनशैली, आहार और आनुवंशिक कारकों से विकसित हो सकता है।

 


माध्यमिक हाइपरटेंशन: 

यह किसी अन्य अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति, जैसे किडनी रोग, हार्मोनल विकार या कुछ दवाओं के सेवन के कारण होता है। इस प्रकार का हाइपरटेंशन अक्सर अचानक प्रकट होता है और प्राथमिक हाइपरटेंशन की तुलना में अधिक गंभीर होता है।

 


निम्न रक्तचाप (Hypotension): 

अलग अलग परिस्थितियों के कारण हो सकते हैं।


ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन: 

यह तब होता है जब आप अचानक बैठने या लेटने की स्थिति से खड़े होते हैं, जिससे चक्कर आना या बेहोशी हो सकती है। यह सामान्य रूप से वृद्ध व्यक्तियों में देखा जाता है।


न्यूरल्ली मेडिएटेड हाइपोटेंशन: 

यह लंबे समय तक खड़े रहने के बाद होता है और विशेष रूप से बच्चों और युवा वयस्कों में देखा जाता है।


गंभीर हाइपोटेंशन: 

यह तब होता है जब रक्तचाप इतना कम हो जाता है कि शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं होती। यह शॉक के कारण हो सकता है और जीवन के लिए खतरा बन सकता है।


इनके अलावा रक्तचाप के अन्य प्रकार भी हो सकते हैं, जैसे कि इमरजेंसी हाइपरटेंशन, जो अचानक और अत्यधिक रक्तचाप में वृद्धि होती है और इसे तुरंत चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है।

 

रक्तचाप के कारण (Causes of Hypertension)


रक्तचाप के बढ़ने या घटने के कई कारण हो सकते हैं। ये कारण व्यक्ति की जीवनशैली, आहार, आनुवंशिकता, और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों पर निर्भर करते हैं।


उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) के कारण:

अनियमित खानपान: 
अधिक नमक और फैट का सेवन और कम फल-सब्जियों का सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है।


मोटापा: 
अधिक वजन हृदय पर दबाव डालता है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है।


शारीरिक निष्क्रियता: 
नियमित व्यायाम की कमी से रक्तचाप बढ़ने का खतरा होता है।


धूम्रपान और शराब: 
धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है।


तनाव: 
लगातार तनाव में रहने से रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है।


आनुवंशिकता: 
अगर परिवार में उच्च रक्तचाप का अनुवांशिक इतिहास है, तो इसका खतरा अधिक हो सकता है।


पुरानी बीमारियां: 
मधुमेह, किडनी की बीमारी और कुछ हार्मोनल विकार उच्च रक्तचाप के कारण हो सकते हैं।


उम्र: 
उम्र बढ़ने के साथ रक्तचाप बढ़ने की संभावना अधिक होती है।


दवाइयां: 
कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट के रूप में रक्तचाप बढ़ सकता है।

 

 

निम्न रक्तचाप (हाइपोटेंशन) के कारण:

  • निर्जलीकरण: 
    शरीर में पानी की कमी होने पर रक्तचाप घट सकता है।
  • उपवास या भूख: 
    लंबे समय तक बिना खाए रहने से रक्तचाप कम हो सकता है।
  • गंभीर संक्रमण (सेप्सिस): 
    गंभीर संक्रमण से रक्तचाप खतरनाक रूप से कम हो सकता है।
  • दिल की समस्याएं: 
    दिल के कमजोर हो जाने से पर्याप्त रक्त पंप नहीं हो पाता, जिससे रक्तचाप घट सकता है।
  • एंडोक्राइन समस्याएं: 
    थायराइड की समस्याएं, एड्रेनल ग्रंथि की विकृति और मधुमेह रक्तचाप को कम कर सकते हैं।
  • रक्त की कमी: 
    भारी मात्रा में खून बहने या खून की कमी से रक्तचाप कम हो सकता है।
  • कुछ दवाइयां: 
    अवसादरोधी दवाइयां, मूत्रवर्धक और दिल की दवाइयां रक्तचाप को घटा सकती हैं।
  • लंबे समय तक खड़ा रहना: 
    लंबे समय तक एक स्थिति में खड़े रहने से रक्तचाप गिर सकता है।
  • गर्भावस्था: 
    गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप में कमी आ सकती है, खासकर पहली तिमाही में।
     

रक्तचाप के नियंत्रण के लिए इन कारणों की पहचान और उनका प्रबंधन महत्वपूर्ण है। यदि रक्तचाप से संबंधित कोई समस्या हो, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करना चाहिए।

 

रक्तचाप से बचाव (Prevention of Hypertension)

रक्तचाप को नियंत्रित और स्वस्थ रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं। इन उपायों को अपनाकर आप उच्च या निम्न रक्तचाप से बच सकते हैं:

 


उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) से बचाव:

स्वस्थ आहार:
कम नमक, संतृप्त वसा और चीनी का सेवन करें। फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन बढ़ाएं। पोटेशियम से भरपूर आहार (जैसे केले, संतरे, पालक) लें, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।


नियमित व्यायाम:
सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता की शारीरिक गतिविधि (जैसे चलना, तैराकी, साइकलिंग) करें। नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रित रहता है और दिल की सेहत में सुधार होता है।


वजन प्रबंधन:
स्वस्थ वजन बनाए रखें। अतिरिक्त वजन घटाने से रक्तचाप कम करने में मदद मिलती है।


धूम्रपान और शराब से बचें:
धूम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन सीमित करें। धूम्रपान से धमनियां संकरी हो जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। 


तनाव प्रबंधन:
योग, ध्यान और गहरी सांस लेने के व्यायाम से तनाव को कम करें। समय-समय पर आराम करें और अपने मनपसंद कार्यों में शामिल हों।


नियमित जांच:
नियमित रूप से रक्तचाप की जांच कराएं, खासकर अगर आप जोखिम में हैं। अगर आपका रक्तचाप सामान्य से अधिक है, तो डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दवा लें।

 


निम्न रक्तचाप (हाइपोटेंशन) से बचाव:


पर्याप्त पानी पिएं:
शरीर में पानी की कमी न होने दें।निर्जलीकरण से रक्तचाप कम हो सकता है। ज्यादा पसीना आने या गर्मी में अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें।


संतुलित आहार लें:
भोजन में संतुलन बनाए रखें और आवश्यक पोषक तत्वों का सेवन करें। ज्यादा समय तक भूखे न रहें और छोटे-छोटे अंतराल पर भोजन करें।


कैफीन का सेवन करें:
कैफीन युक्त पेय जैसे चाय या कॉफी का सीमित मात्रा में सेवन करने से रक्तचाप को थोड़ा बढ़ाने में मदद मिल सकती है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए।


धीरे-धीरे उठें:
लेटे या बैठे हुए स्थिति से धीरे-धीरे खड़े हों। अचानक उठने से चक्कर आ सकते हैं और रक्तचाप कम हो सकता है।


नमक का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें:
अगर आपका रक्तचाप सामान्य से कम है, तो डॉक्टर के परामर्श अनुसार अपने आहार में थोड़ा अधिक नमक शामिल कर सकते हैं।


सही मोजे पहनें:
सही मोजे पहनने से पैरों में खून जमा नहीं होता, जिससे रक्तचाप में कमी आती है।


इन उपायों को अपनाकर रक्तचाप को नियंत्रित रखा जा सकता है और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है।


रक्तचाप का इलाज (Treatment of Hypertension)

रक्तचाप का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि रक्तचाप उच्च (हाइपरटेंशन) है या निम्न (हाइपोटेंशन)। यहाँ दोनों स्थितियों के लिए उपयुक्त उपचार दिए गए हैं:


उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) का इलाज:

जीवनशैली में बदलाव:
नमक का सेवन कम करें। फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन बढ़ाएं।


नियमित व्यायाम: 
प्रतिदिन 30 मिनट मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि जैसे तेज चलना, साइक्लिंग या तैराकी करें।


वजन प्रबंधन: 
स्वस्थ वजन बनाए रखें, क्योंकि वजन कम करने से रक्तचाप कम हो सकता है।


धूम्रपान और शराब से परहेज: 
धूम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन सीमित करें।


तनाव प्रबंधन: 
योग, ध्यान और गहरी सांस लेने के अभ्यास करें।


दवाइयां:
डायूरेटिक्सः 
जिनके शरीर से अतिरिक्त सोडियम और पानी निकालते हैं, जिससे रक्तचाप कम होता है।


बीटा-ब्लॉकर्स :
हृदय की धड़कन को धीमा करते हैं और रक्तचाप को कम करते हैं।


एस इनहिबिटर : 
धमनियों को संकुचित होने से रोकते हैं।


कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स : 
धमनियों को चौड़ा करते हैं और हृदय की धड़कन को धीमा करते हैं।


एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स: 
धमनियों को चौड़ा करने में मदद करते हैं।

 

निम्न रक्तचाप (हाइपोटेंशन) का इलाज:


जीवनशैली में सुधार:
निर्जलीकरण से बचने के लिए पानी का अधिक सेवन करें। डॉक्टर के परामर्श से आहार में नमक की मात्रा बढ़ाएं। सीमित मात्रा में कैफीन युक्त पेय (जैसे चाय, कॉफी) लें। धीरे-धीरे उठें: लेटने या बैठने से खड़े होते समय धीरे-धीरे उठें। छोटे और बार-बार भोजन: अर्थात छोटे अंतराल पर भोजन करें।


दवाइयां:


फ्लूड्रोकोर्टिसोन : 
रक्त में सोडियम की मात्रा बढ़ाकर रक्तचाप को नियंत्रित करता है।


मिडोड्राइन : 
धमनियों को संकुचित कर रक्तचाप बढ़ाता है।


सही मोजे पहने:
पैरों में रक्त के संचलन में सुधार के लिए संपीड़न मोजे पहनें।
यदि आपको रक्तचाप से संबंधित कोई समस्या हो तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें। आपकी स्थिति के आधार पर सही इलाज और दवाइयों का निर्धारण किया जाएगा।

 

नोएडा के फेलिक्स अस्पताल में हाईपरटेंशन उपचार विशेषज्ञ

हाइपरटेंशन का इलाज मुख्य रूप से जनरल फिजिशियन या इंटर्नल मेडिसिन विशेषज्ञ करते हैं। फेलिक्स हॉस्पिटल में हाइपरटेंशन ट्रीटमेंट एक्सपर्ट डॉ. अंशुमाला सिन्हा, डॉ. सोनाक्षी सक्सेना, और डॉ. प्रियंका सिंह आदि हैं। ये डॉक्टर रक्तचाप की नियमित निगरानी, जीवनशैली में बदलाव, और आवश्यक दवाओं का प्रबंधन कर सकते हैं। अगर हाइपरटेंशन से हृदय संबंधी समस्याएं पैदा हो रही हों तो कार्डियोलॉजिस्ट उपचार में शामिल होते हैं। अगर हाइपरटेंशन किडनी की समस्याओं से संबंधित हो, तो नेफ्रोलॉजिस्ट इसका इलाज करते हैं। अगर हाइपरटेंशन का कारण हार्मोनल असंतुलन हो, तो एंडोक्रिनोलॉजिस्ट इसका इलाज कर सकते हैं। 
 

हाइपरटेंशन का इलाज मुख्य रूप से जनरल फिजिशियन या इंटर्नल मेडिसिन विशेषज्ञ करते हैं। ये डॉक्टर रक्तचाप की नियमित निगरानी, जीवनशैली में बदलाव, और आवश्यक दवाओं का प्रबंधन कर सकते हैं। अगर हाइपरटेंशन से हृदय संबंधी समस्याएं पैदा हो रही हों तो कार्डियोलॉजिस्ट उपचार में शामिल होते हैं। अगर हाइपरटेंशन किडनी की समस्याओं से संबंधित हो, तो नेफ्रोलॉजिस्ट इसका इलाज करते हैं। अगर हाइपरटेंशन का कारण हार्मोनल असंतुलन हो, तो एंडोक्रिनोलॉजिस्ट इसका इलाज कर सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फ़ोन करें - +91 9667064100.

 


निष्कर्ष (Conclusion)


हाइपरटेंशन एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है, जो दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करता है और विभिन्न जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ाता है। हाइपरटेंशन के बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना आवश्यक है, ताकि लोग इस स्थिति की पहचान और प्रबंधन के बारे में जान सकें और उचित कदम उठा सकें। हाइपरटेंशन का सही और समय पर प्रबंधन आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम कर सकता है।

 

रक्तचाप को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (Frequently asked questions and answers about Hypertension)

 

प्रश्न 1: हाइपरटेंशन का क्या कारण है ?
उत्तर: हाइपरटेंशन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें अनियमित खानपान, मोटापा, धूम्रपान, शराब का सेवन, तनाव और आनुवांशिक कारण शामिल हैं।


प्रश्न 2: हाइपरटेंशन की जांच कैसे की जाती है ?
उत्तर: हाइपरटेंशन की जांच करने के लिए एक साधारण ब्लड प्रेशर मापने वाला उपकरण इस्तेमाल किया जाता है। सामान्य रक्तचाप 120/80 mmHg होता है। अगर यह 140/90 mmHg या इससे अधिक हो, तो यह हाइपरटेंशन माना जाता है।


प्रश्न 3: हाइपरटेंशन का इलाज कैसे किया जाता है ?
उत्तर: हाइपरटेंशन का इलाज जीवनशैली में बदलाव और दवाओं के माध्यम से किया जा सकता है। इसमें नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, कम नमक का सेवन, धूम्रपान और शराब से बचाव शामिल हैं। कुछ मामलों में डॉक्टर दवाएं भी लिख सकते हैं।


प्रश्न 4: क्या हाइपरटेंशन को रोका जा सकता है ?
उत्तर: हां, हाइपरटेंशन को स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर रोका जा सकता है। इसमें सही आहार, नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रित रखना, और तनाव को प्रबंधित करना शामिल है।


प्रश्न 5: हाइपरटेंशन के दीर्घकालिक प्रभाव क्या हैं ?
उत्तर: अगर हाइपरटेंशन का सही समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो इससे हृदय रोग, किडनी की समस्याएं, स्ट्रोक और आंखों की समस्याएं हो सकती हैं।


प्रश्न 6: क्या हाइपरटेंशन एक जीवनभर की समस्या है ?
उत्तर: हाइपरटेंशन को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से ठीक करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, इसे जीवनभर प्रबंधित करना आवश्यक होता है।

 

प्रश्न 7: क्या हाइपरटेंशन के लिए नियमित जांच आवश्यक है ?
उत्तर: हां, अगर आपको हाइपरटेंशन है, तो आपके लिए नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराना जरूरी है ताकि इसे नियंत्रण में रखा जा सके।


प्रश्न 8 : हाइपरटेंशन के जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है ?
उत्तर: जोखिम को कम करने के लिए धूम्रपान और शराब का सेवन छोड़ें, स्वस्थ आहार लें, नियमित व्यायाम करें, और तनाव को प्रबंधित करने की कोशिश करें।

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