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मोतियाबिंद (Cataract) एक आम नेत्र रोग है, जिसमें आंख के लेंस पर धुंधलापन आ जाता है, जिससे दृष्टि प्रभावित होती है। ग्रेटर नोएडा में मोतियाबिंद सर्जरी की मांग तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि यहां उन्नत तकनीकों के साथ किफायती और प्रीमियम उपचार दोनों उपलब्ध हैं। सही अस्पताल और उपचार योजना चुनकर मरीज सटीक देखभाल प्राप्त कर सकते हैं और अपनी दृष्टि को बेहतर बना सकते हैं।
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मोतियाबिंद (Cataract) आंखों की एक सामान्य समस्या है जिसमें आंख के लेंस (Lens) पर धुंधलापन आ जाता है, जिससे दृष्टि प्रभावित होती है। यह आमतौर पर उम्र बढ़ने के कारण होता है, लेकिन कुछ अन्य कारणों से भी हो सकता है, जैसे कि आंख में चोट, मधुमेह, धूम्रपान, ज्यादा शराब का सेवन, स्टेरॉयड दवाओं का अधिक उपयोग आदि।
मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकसित होता है और शुरू में ज्यादा असर नहीं दिखता, लेकिन समय के साथ दृष्टि प्रभावित होने लगती है। इसके मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
मोतियाबिंद का मुख्य और स्थायी इलाज सर्जरी है, लेकिन शुरुआती चरण में कुछ उपाय किए जा सकते हैं।
बेहतर नंबर वाले चश्मे से अस्थायी सुधार हो सकता है। पढ़ाई या काम के दौरान अच्छी रोशनी का उपयोग करना।
रात में ड्राइविंग के लिए उपयोगी हो सकता है। मोतियाबिंद की प्रगति पर नजर रखने के लिए।
जब मोतियाबिंद से रोजमर्रा के काम (जैसे पढ़ना, ड्राइविंग, या घर के काम) में दिक्कत आने लगे, तो सर्जरी करानी चाहिए। फेकोइमल्सिफिकेशन (Phacoemulsification) सबसे आधुनिक और सुरक्षित तकनीक है, जिसमें एक छोटे चीरे (Incision) के जरिए लेंस हटाकर नया कृत्रिम लेंस (IOL) लगाया जाता है। लेजर कैटारैक्ट सर्जरी में सटीक लेजर तकनीक से आंख के लेंस को बदला जाता है। इंट्राकैप्सुलर कैटारैक्ट एक्सट्रैक्शन (आईसीसीई) पुरानी विधि है, जो अब बहुत कम इस्तेमाल होती है। सर्जरी दर्दरहित होती है और 10-15 मिनट में पूरी हो जाती है। अधिकांश मरीजों को 24 घंटे के अंदर घर भेज दिया जाता है। सफलता दर बहुत अधिक होती है, और नजर लगभग सामान्य हो जाती है।
ग्रेटर नोएडा में हाल के वर्षों में जनसंख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। रियल एस्टेट बाजार में तेजी के कारण अधिक लोग इस क्षेत्र में बस रहे हैं, जिससे वरिष्ठ नागरिकों की संख्या भी बढ़ी है। चूंकि मोतियाबिंद उम्र से संबंधित समस्या है, इसलिए वृद्ध जनसंख्या में वृद्धि के साथ इसकी सर्जरी की मांग भी बढ़ रही है।
ग्रेटर नोएडा में मोतियाबिंद सर्जरी की लागत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे अस्पताल का प्रकार (सरकारी या निजी), सर्जरी की तकनीक (पारंपरिक या लेजर), उपयोग किए जाने वाले लेंस की गुणवत्ता, और बीमा कवरेज।
सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद सर्जरी की लागत अपेक्षाकृत कम होती है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, सरकारी अस्पतालों में प्रति आंख सर्जरी का खर्च लगभग 10,000 हो सकता है। निजी अस्पतालों में यह खर्च अधिक हो सकता है, जो 30,000 से 1,40,000 लाख तक हो सकता है, जो अस्पताल की प्रतिष्ठा, सर्जन के अनुभव, और उपयोग की जाने वाली तकनीक पर निर्भर करता है।
पारंपरिक फेकोइमल्सिफिकेशन तकनीक की लागत कम होती है, जो अस्पताल और लेंस के प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकती है। लेजर-असिस्टेड कैटारैक्ट सर्जरी की लागत पारंपरिक सर्जरी की तुलना में अधिक होती है, क्योंकि इसमें अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग किया जाता है।
यदि आपके पास स्वास्थ्य बीमा है, तो मोतियाबिंद सर्जरी की लागत का एक हिस्सा या पूरा खर्च बीमा द्वारा कवर किया जा सकता है। यह आपके बीमा पॉलिसी के नियमों और शर्तों पर निर्भर करता है। कृपया अपने बीमा प्रदाता से संपर्क करें और सर्जरी से पहले कवरेज विवरण की पुष्टि करें।
इस तकनीक में, सर्जन आंख में एक बड़ा चीरा लगाकर लेंस के कठोर बाहरी हिस्से को हटाते हैं, जबकि लेंस कैप्सूल का पिछला हिस्सा बरकरार रहता है। इसके बाद, कृत्रिम लेंस प्रत्यारोपित किया जाता है। इसकी लागत 25,000 से 35,000 हजार रुपये प्रति आंख है
इसमें लेंस और उसके आसपास के कैप्सूल को पूरी तरह से हटाने के लिए बड़ा चीरा लगाया जाता है। यह अब कम ही उपयोग में आता है। इसकी लागत 25,000 से 35,000 हजार प्रति आंख है।
इसमें अल्ट्रासाउंड तरंगों का उपयोग करके लेंस को छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है, जिसे फिर छोटे चीरे के माध्यम से हटाया जाता है। इसके बाद, कृत्रिम लेंस प्रत्यारोपित किया जाता है। इसकी लागत 20,000 से 32,000 प्रति आंख है।
इसमें लेजर का उपयोग करके सटीक चीरे और लेंस के टुकड़े किए जाते हैं, जिससे सर्जरी की सटीकता बढ़ती है। इसकी लागत 25,000 से 35,000 हजार रुपये प्रति आंख है।
इसमें 1.2 मिमी के छोटे चीरे के माध्यम से लेंस को हटाया जाता है, जिससे रिकवरी तेज होती है। इसकी लागत 32,500 से 39,000 हजार रुपये प्रति आंख है।
दूर दृष्टि के लिए स्पष्टता प्रदान करते हैं; निकट दृष्टि के लिए चश्मे की आवश्यकता हो सकती है। इसकी लागत 10,000 से 20,000 हजार रुपये प्रति आंख है।
दूर और निकट दोनों दृष्टियों में सुधार करते हैं; कुछ मामलों में चमक या हैलो की शिकायत हो सकती है। इसकी लागत 30,000 से 50,000 हजार रुपये प्रति आंख है।
दूर, निकट, और मध्य (जैसे कंप्यूटर स्क्रीन) दूरी की दृष्टि में सुधार करते हैं; एंटी-ग्लेयर और ब्लू लाइट फिल्टर जैसी विशेषताएँ शामिल हो सकती हैं। इसकी लागत 45,000 से 80,000 हजार रुपये प्रति आंख है।
इसमें दृष्टिवैषम्य (Astigmatism) को सुधारते हैं। दूर दृष्टि में सुधार करते हैं, लेकिन निकट दृष्टि के लिए चश्मे की आवश्यकता हो सकती है। इसकी लागत 30,000 से 50,000 हजार रुपये प्रति आंख है।
फेलिक्स अस्पताल में कैटरेक्ट (मोतियाबिंद) ऑपरेशन के लिए कुछ बेहतरीन डॉक्टर उपलब्ध हैं:
यदि आपको मोतियाबिंद की समस्या है और बेहतरीन इलाज चाहते हैं, तो फेलिक्स अस्पताल से संपर्क करें! डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फोन करें +91 9667064100.
मोतियाबिंद सर्जरी के लिए सही अस्पताल और उपचार योजना का चयन करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है। सही अस्पताल और सर्जरी योजना चुनने के लिए आपको विभिन्न कारकों पर विचार करना चाहिए, जैसे अस्पताल की प्रतिष्ठा, डॉक्टर का अनुभव, सर्जरी की तकनीक और आपके बजट के अनुसार उपलब्ध विकल्प।
सवाल-1. ग्रेटर नोएडा में मोतियाबिंद सर्जरी का औसत खर्च कितना आता है?
उत्तर: ग्रेटर नोएडा में मोतियाबिंद ऑपरेशन की कीमत 10,000 से 1,00,000 तक हो सकती है। अच्छे निजी अस्पतालों में यह 25,000 से 1,00,000 तक जा सकती है, जो सर्जरी की तकनीक और लेंस की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।
सवाल-2 क्या बीमा से मोतियाबिंद सर्जरी का खर्च कवर किया जा सकता है?
उत्तर: हां, अधिकतर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां मोतियाबिंद सर्जरी को कवर करती हैं। आयुष्मान भारत योजना, कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) और कई निजी हेल्थ पॉलिसियों में यह कवर शामिल होता है। बीमा क्लेम से पहले संबंधित अस्पताल से जांच कर लेना बेहतर होता है।
सवाल-3 मोतियाबिंद सर्जरी के कौन-कौन से प्रकार हैं और उनकी कीमतें क्या हैं?
उत्तर: पारंपरिक मोतियाबिंद सर्जरी के लिए 10,000 से 30,000, फेकोसेकंड लेजर सर्जरी के लिए 30,000 से 80,000 व प्रिमियम लेंस इम्प्लांट ऑपरेशन के लिए 50,000 से 1,00,000 तक मोतियाबिंद ऑपरेशन है। लेंस की गुणवत्ता और अस्पताल की सुविधाओं के आधार पर कीमतें बदल सकती हैं।
सवाल-4 सर्जरी के बाद देखभाल में कितना खर्च आ सकता है?
उत्तर: सर्जरी के बाद कुछ अतिरिक्त खर्च हो सकते हैं। इसमें दवाइयां और आई ड्रॉप्स, फॉलोअप विजिट, संभावित जटिलताओं का इलाज शामिल है।
सवाल-5 मोतियाबिंद ऑपरेशन का खर्च कम करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
उत्तर: खर्च कम करने के कुछ बेहतरीन तरीके है। जैसे आयुष्मान भारत या अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। स्वास्थ्य बीमा से खर्च कवर करें। कम लागत वाले लेकिन विश्वसनीय आई हॉस्पिटल चुनें। समूह चिकित्सा कैंपों या एनजीओ द्वारा कराई जाने वाली सर्जरी का लाभ लें।